The Lallantop

चीन में सड़कों पर उतरकर शी जिनपिंग का इस्तीफा क्यों मांगने लगे लोग?

लोगों ने ‘कम्युनिस्ट पार्टी हटाओ’ और ‘शी जिनपिंग पद छोड़ो’ जैसे नारे लगाए.

Advertisement
post-main-image
शंघाई में प्रदर्शन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फोटो- ट्विटर)

चीन की सख्त ‘जीरो-कोविड' नीति (Zero Covid Policy) के खिलाफ 26 नवंबर की रात शंघाई शहर में भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. सोशल मीडिया पर इस विरोध प्रदर्शन से जुड़े कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें चीन सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा जा सकता है. 

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

इस प्रदर्शन की शुरुआत 25 नवंबर को चीन के उरुमकी में एक अपार्टमेंट में आग लगने से 10 लोगों की मौत और नौ लोगों के घायल होने के बाद हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सख्त लॉकडाउन के चलते फायरफाइटर्स को अपार्टमेंट में लगी आग के पीड़ितों तक पहुंचने में देरी हुई. इसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. बड़ी संख्या में चीनी नागरिक सड़कों पर उतरे.

प्रदर्शन को लेकर DW न्यूज ईस्ट एशिया के रिपोर्टर विलियम यांग ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया. इसमें 'उरुमकी रोड' पर लोगों ने शी जिनपिंग और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने ‘कम्युनिस्ट पार्टी को हटाओ’, ‘कम्युनिस्ट पार्टी पद छोड़ो’ और ‘शी जिनपिंग पद छोड़ो’ जैसे नारे लगाए.

Advertisement

विलियम यांग ने जो वीडियो पोस्ट किया उसमें लोग नारे लगा रहे हैं, 

‘मुझे पीसीआर टेस्ट नहीं चाहिए, मुझे आजादी चाहिए.’ एक और ट्वीट में विलियम यांग ने लिखा, 'उरुमकी रोड' में लोगों ने शिनजियांग में भी लॉकडाउन खत्म करने का आह्वान किया.

 

Advertisement

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने ये खुलासा भी किया कि शंघाई में एक विरोध प्रदर्शन स्थल पर लोगों और पुलिस के बीच हाथापाई हुई. ट्वीट में विलियम यांग ने आगे कहा, 

‘पुलिस ने शंघाई में घटनास्थल पर कुछ प्रदर्शनकारियों को घेर लिया और कुछ महिलाओं को कथित तौर पर ले जाया गया.’ लोगों ने ‘स्टेप डाउन सीसीपी’ का नारा भी लगाया.'

वहीं, द नेशनल के वरिष्ठ अमेरिकी संवाददाता जॉयस करम ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है. करम ने लिखा, 

‘चीन के सबसे बड़े शहर में कोविड प्रतिबंधों और सरकारी नियमों को लेकर दुर्लभ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. इस वीडियो में भीड़ नारा लगा रही है, ‘हम आजादी चाहते हैं.’

 

इंडिया टुडे की रिपोर्टर गीता मोहन ने भी इन विरोध प्रदर्शनों पर ट्वीट कर कहा, 

‘यह चीन का शंघाई है. लोग राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पद छोड़ने और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सत्ता को खत्म करने की मांग कर रहे हैं.’

अंग्रेजी अखबार ‘द हिन्दू’ के रिपोर्टर अनंथ कृष्णन ने ट्वीट कर कहा, 

‘बीजिंग और उरुमकी से लेकर ग्वांगझू और अब शंघाई तक चीनी शहरों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. ये एक ऐसी हेडलाइन है जिसे मैंने चीन में पिछले 10 से ज्यादा सालों से रिपोर्टिंग करते हुए नहीं लिखी थी.’

उन्होंने आगे लिखा, 

‘यह कहना मुश्किल है कि चीनी शहरों में जारी विरोध प्रदर्शन कहां खत्म होंगे, लेकिन ये स्पष्ट है कि ये प्रदर्शन अभूतपूर्व हैं और शी जिनपिंग  के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती हैं.’

बता दें, चीन में कोरोना के मामले जैसे ही बढ़े तो सरकार ने कई शहरों में लॉकडाउन लगा दिया. लेकिन सख्त लॉकडाउन के बावजूद रोज दर्ज होने वाले कोरोनावायरस के मामले पिछले साल के स्तर को पार कर चुके हैं. इसके कारण कई लोग बोल रहे हैं कि ‘जीरो-कोविड नीति’ विफल हो गई है. 25 नवंबर को, चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के 35 हजार से ज्यादा नए मामले आए थे, जो लगातार तीसरे दिन एक सबसे ज्यादा था. यही कारण है कि अब लोगों ने सड़कों पर उतर शी जिनपिंग और चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

कहानी उस इनाम के Fighter Plane की, जिसे देने वाली कंपनी को मुकदमा झेलना पड़ा

Advertisement