अस्पताल में झक सफेद कुर्ता-पायजामा पहने एक सज्जन हाथ में खुलेआम पिस्टल लेकर खड़े हैं. कैमरे में रिकॉर्ड भी हो रहे हैं. बताया गया कि वह अपनी पोती के जांच के लिए आए हैं और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक हैं. नाम है- गोपाल मंडल.
कौन है नीतीश कुमार के विधायक गोपाल मंडल, जो अस्पताल में पिस्टल लहरा रहे थे?
बिहार के गोपालपुर से जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल अपने बेटे आशीष मंडल को सियासत में फिट करना चाहते हैं. उन्होंने एलान किया है कि उसे जिस भी पार्टी से टिकट मिलेगा, वह उसी से चुनाव लड़ जाएगा.

ये वही गोपाल मंडल हैं जो एक बार ट्रेन में अर्धनग्न अवस्था में घूमते पाए गए थे. बाद में बताया कि ‘पेट में गुड़गुड़ हो रहा था.’ पॉटी करने जाने की जल्दी में गमछा लपेटना भूल गए.
वही गोपाल मंडल, जो होली के एक प्रोग्राम में माइक लेकर अश्लील गाना गाते पकड़े गए. बवाल मचा तो बोले, ‘वहां 4-4 ठो माइक था. कौन गाना गा रहा था, किसे पता है.’
वही गोपाल मंडल जो एक महिला के गाल पर नोट चिपकाते भी देखे गए. बाद में गोलमोल कहानी सुनाकर वायरल वीडियो को झूठा साबित करने की कोशिश करने लगे.
विवादों से ‘गहरा और अटूट’ नाता रखने वाले गोपाल मंडल इन दिनों अलग-अलग वजहों से चर्चा में हैं. हैं तो वह जेडीयू के नेता लेकिन शायद ‘भविष्य’ को लेकर बहुत श्योर नहीं हैं. ऐसा लगता है कि वह प्रदेश की तमाम पार्टियों में संभावनाओं की थाह ले रहे हैं. ये कहना मुश्किल है कि अपने लिए या फिर अपने बेटे आशीष मंडल के लिए जो नाथनगर विधानसभा सीट से इस बार जोर-आजमाइश की तैयारियों में जुटा है.
बेटे को लॉन्च करने को लेकर वो इस कदर उत्साहित हैं कि ये तक कह दिया कि जो भी पार्टी उसे टिकट दे देगी. वह उसी से लड़ेगा. उन्हें इसकी चिंता नहीं है कि उनकी खुद की पार्टी जेडीयू इस पर क्या प्रतिक्रिया देगी. या फिर उनके इस बयान का इस्तेमाल विपक्षी दल के लोग उनकी पार्टी को घेरने में कर सकते हैं. उनका बेटा आशीष पटेल लगातार नाथनगर विधानसभा में सक्रिय हैं. हाल ही में उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए आमरण अनशन किया था.
गोपाल मंडल अपनी ऐसी ही ‘विवादित बेबाकी’ के लिए जाने जाते हैं. अपने ऐसे ‘बेकाबू’ कारनामों के बाद भी वह साल 2005 से लगातार भागलपुर के गोपालपुर सीट से विधायक बनते आ रहे हैं. न तो पार्टी को उनके बर्ताव से कोई आपत्ति होती है और न जनता का ही भरोसा उन पर से उठता दिखता है.
शिक्षा, संपत्ति और सियासी करियर15 अगस्त 1964 को जन्मे नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल गंगोता जाति से आते हैं. चुनावी हलफनामा बताता है कि वह भागलपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं. उनका और उनकी पत्नी का पेशा सोशल वर्क और पॉलिटिक्स है. लोग बताते हैं कि वह इलाके के बाहुबली रह चुके हैं. तीन क्रिमिनल केसेज उनके खिलाफ दर्ज हैं. पत्नी और बेटे का मिलाकर उनके पास कुल तकरीबन 92 लाख की चल और 82 लाख से ज्यादा की अचल संपत्ति है.
गोपाल मंडल ने साल 2005 में अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत की थी. भागलपुर की गंगोता जाति बहुल सीट गोपालपुर से उन्होंने तब पहली बार चुनाव लड़ा था और आरजेडी के अमित राणा को 15 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 2010 के चुनाव में उनकी सीट बरकरार रही और राणा को ही 25 हजार वोटों से हराकर मंडल दूसरी बार विधानसभा पहुंच गए.
साल 2015 के चुनाव में भाजपा और जेडीयू का रास्ता अलग-अलग हो गया. जेडीयू ने राजद के साथ मिलकर इस सीट पर चुनाव लड़ा था. दोनों के ‘महागठबंधन’ की ओर से गोपाल मंडल को ही उम्मीदवार बनाया गया. सामने थे भाजपा के अनिल कुमार यादव. नतीजे इस बार भी नहीं बदले. मंडल ने अनिल यादव को 5 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर जीत की हैट्रिक लगाई. 2020 के चुनाव में भी वह इस सीट से विजयी रहे और चौथी बार विधायक बने.
नीतीश के कट्टर समर्थकजेडीयू में गोपाल मंडल नीतीश कुमार के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. इन दिनों लगातार वह नीतीश कुमार के बेटे निशांत को पार्टी में लाने की बातें कर रहे हैं. उनका मानना है कि निशांत अगर पार्टी में नहीं आते तो नीतीश के बाद जेडीयू बिखर जाएगी. मंडल अक्सर नीतीश सरकार के बचाव में ‘असहज करने वाले’ तर्क भी देते हैं. जैसे- गोपाल खेमका हत्याकांड के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था विपक्ष के निशाने पर थी. ऐसे में नीतीश कुमार का बचाव करते हुए गोपाल मंडल ने ये तक कह दिया,
वारदात नहीं रुकेंगे. सरकार क्या-क्या करेगी. नीतीश कुमार कहां-कहां तक जाएंगे?
नीतीश के बचाव में उन्होंने बिहार की पुलिस को ‘थेथर’ तक बता दिया. सीएम की मानसिक हालत पर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है. इसके बचाव की बारी आई तो गोपाल मंडल बोले कि
लालू का बचावहम उनसे पूछ तो नहीं सकते हैं लेकिन उन्होंने दांत साफ करवाया होगा, उसमें कुछ ऐसा होगा कि तरह-तरह से मुंह बनाने की आदत हो गई. वह मेंटली डिस्टर्ब नहीं हैं.
एक महीना पहले की बात है जब मंडल लालू प्रसाद यादव की तारीफ करते दिखे थे. उन्होंने कहा कि पिछड़ों और अतिपिछड़ों को लालू प्रसाद ने ही आवाज दी है. उन्होंने लालू से पुराना रिश्ता बताया और कहा कि वह उनके यहां आते-जाते रहे हैं. लालू को बैकवर्ड का मसीहा बताते हुए मंडल ये भी बोले कि वह कभी भी आंबेडकर का अपमान नहीं कर सकते. यह तब की बात है जब भाजपा की ओर से लालू पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया गया था.
पप्पू यादव से मुलाकातअपने ‘चौंकाने वाले अंदाज’ में गोपाल मंडल ने जेडीयू को उस समय परेशानी में डाल दिया जब वह इंडिया गठबंधन के सहयोगी और पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से मिलने पहुंच गए. उन्होंने इसे ‘व्यक्तिगत संबंध’ बताया लेकिन इस मुलाकात ने कई कयासों को हवा दे दी है. मंडल ने कहा कि पप्पू यादव ने उन्हें खाने पर बुलाया था तो वह चले गए. उनको ‘जेडीयू में आने का न्योता’ भी दिया है.
मंडल का कहना है कि राहुल गांधी की रैली में पप्पू यादव को मंच पर जगह नहीं मिली थी. ऐसे में हम उन्हें सम्मान देना चाहते थे.
मंडल के विवादित बयानअपने एक्शन से लगातार सुर्खियों में रहने वाले गोपाल मंडल विवादित बयानों से पार्टी को मुसीबत में भी डालते रहे हैं. उनके कुछ बयानों ने खूब बवाल मचाया था. उनमें से कुछ नीचे लिख रहे हैं. संबंधित घटना को याद करते हुए पढ़िएः
- नवगछिया में विनय गुप्ता हत्याकांड को लेकर मंडल बोले- ‘यादव ढीठ जाति होता है ये सब. थेथर. दबने वाला नहीं है. सरकार भले नीतीश कुमार की है, लेकिन दबदबा यादव जाति के लोगों का ही है.’
- अस्पताल में पिस्टल लेकर जाने के सवाल पर कहा, 'अभियो (अभी भी) रखे हैं. दिखाएं क्या. रखते हैं पिस्टल.' मीडिया के और सवाल पूछने पर बोले, 'लहराएंगे पिस्टल. तुम रोकने वाले कौन? मेरे बाप हो क्या?'
- नीतीश की एनडीए में वापसी पर बोले, 'नीतीश कुमार आत्महत्या कर लेंगे लेकिन अब लालू के साथ नहीं जाएंगे. रही लालू से मिलने की बात तो हम भी मिलते हैं... पहले भी मिलते थे... अपना-अपना सब पैठ बनाता है... कब कौन पलट जाए, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं पलटेंगे.'
- अप्रैल 2025 में पत्रकारों से बोले, 'तुम दामाद हो क्या, जो तुम्हारे सवालों का जवाब दूं.'
- गोपाल खेमका हत्याकांड के बाद मंडल ने कहा, 'हत्या अब आम बात हो गई है. यह कभी नहीं रुकेगा. बिहार पुलिस थेथर (ढीठ) हो गई है.'
- लोकसभा चुनाव से पहले पीएम पद को लेकर सवाल पर मंडल ने कहा, 'पब्लिक खरगे-फरगे को नहीं जानती है. हम तो उसको जानते भी नहीं है. अभी आप लोग नाम बोले तो हम जान गए कि वह कांग्रेस का अध्यक्ष है. खड़गे को कोई नहीं जानता है. नीतीश प्रधानमंत्री बनेंगे.'
- गोपाल मंडल ने अपने ही दल के सांसद अजय मंडल और पूर्व सांसद बुलो मंडल के खिलाफ तीखे बयान दिए. उन्होंने बुलो मंडल को 'गोरा नाग' और अजय मंडल को 'काला नाग' कहकर विवाद खड़ा कर दिया.
- महिला कलाकार के गाल पर नोट चिपकाने वाली घटना पर मंडल बोले, 'लोग कहता है कि हम डांस करते हैं. अरे हम तो डेली डांस करते हैं. डेली चुम्मा लेते हैं.'
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