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'छात्रों ने उसके कैरेक्टर पर सवाल उठाए', बुरे दौर से गुजरी थी यौन उत्पीड़न की छात्रा, दोस्त ने सब बताया

पीड़िता की दोस्त ने बताया कि HoD ने उसके साथ क्लास में बदतमीजी की और ब्लैकमेल किया कि उसे कॉलेज में छह साल तक फंसा देगा.

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30 जून को प्रिंसिपल ऑफिस में शिकायत करने गई छात्रा (ब्लर्ड). (India Today)

ओडिशा में यौन उत्पीड़न से त्रस्त पीड़िता ने खुदकुशी करने से पहले अपने दोस्तों को आपबीती सुनाई थी. उसने अपनी मौत से कुछ महीने पहले दोस्तों को बताया था कि वह कितनी परेशान है. NDTV से बात करते हुए पीड़िता की एक दोस्त ने बताया कि फकीर मोहन कॉलेज में पढ़ने वाली यह छात्रा कई महीनों से उत्पीड़न का शिकार थी, और इस उत्पीड़न के पीछे उसके विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू थे.

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पीड़िता की दोस्त के अनुसार,

“कुछ महीने पहले उसने मुझे बताया था कि उसका HoD (विभागाध्यक्ष) उसे परेशान कर रहा है. उसने बताया कि HoD जानबूझकर उसे फेल कर रहा है और उसके बैकलॉग क्लियर नहीं कर रहा. उस समय उसने किसी से कुछ कहने से मना किया था. लेकिन 30 जून को उसने हमें इकट्ठा किया और कहा कि अब उसे प्रिंसिपल से मिलकर HoD के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करनी है. उसने बताया कि HoD ने उसके साथ क्लास में बदतमीजी की और ब्लैकमेल किया कि वह उसे कॉलेज में छह साल तक फंसा देगा.”

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छात्रा जो कि B.Ed इंटीग्रेटेड कोर्स के सेकेंड ईयर में थी. उस दिन यानी 30 जून को अपने कुछ साथियों को साथ लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष के पास पहुंची. उन्होंने HoD के खिलाफ शिकायत की और कार्रवाई की मांग की. मृतका की दोस्त के अनुसार,

“प्रिंसिपल ने कहा कि फैसले की प्रक्रिया समय लेती है और थोड़ा इंतज़ार करने को कहा.”

इसके 12 दिन बाद, मामला और गंभीर हो गया. 12 जुलाई को जब कॉलेज में दाखिले का काम चल रहा था और कैंपस में भीड़ थी, छात्रा ने दोबारा प्रिंसिपल से मिलने की कोशिश की. लंच ब्रेक में जब उसके दोस्त थोड़ी देर के लिए बाहर गए, तभी यह घटना हुई.

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पीड़िता की दोस्त ने बताया,

“हम लगभग 20 मिनट के लिए बाहर गए थे, तभी हमें कॉल आया कि वह ‘अग्नि परीक्षा’ देने को मजबूर हो गई है. मैं इसे 'अग्नि परीक्षा' कहती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि प्रिंसिपल ने कुछ ऐसा कहा होगा जिसने उसे अंदर तक तोड़ दिया. वह थक चुकी थी, टूट चुकी थी, न्याय के लिए लड़ते-लड़ते थक गई थी.”

छात्रा ने प्रिंसिपल के ऑफिस के बाहर खुदकुशी करने की कोशिश की. उसने खुद को आग के हवाले कर दिया. एक साथी छात्र ज्योति रंजन बिस्वाल ने उसे बचाने की कोशिश की, जिसमें वह भी बुरी तरफ झुलस गया. लेकिन इस घटना में पीड़िता 95% जल गई और 14 जुलाई को भुवनेश्वर के AIIMS अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

पीड़िता की दोस्त के अनुसार जब छात्रा ने HoD के खिलाफ आवाज़ उठाई, तब HoD ने लगभग 300 छात्रों को अपने पक्ष में कर लिया. उनमें से लगभग 100 छात्रों को पीड़िता के खिलाफ भड़काया गया.

पीड़िता की दोस्त ने बताया,

“HoD ने छात्रों को गुमराह किया और उसके चरित्र पर सवाल उठवाए. वह ABVP की सक्रिय सदस्य थी और चुनावों से पहले उसे राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया. उन्हीं छात्रों ने बाद में प्रिंसिपल को एक चिट्ठी देकर उसके चरित्र पर सवाल उठाए. अब वही लोग न्याय की बातें कर रहे हैं.”

इस मामले में दो कॉलेज अधिकारियों, विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू और प्रिंसिपल दिलीप घोष, को आत्महत्या के लिए उकसाने, यौन उत्पीड़न, पीछा करने और महिला की गरिमा भंग करने जैसे आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया है.

राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया है.

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