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छत्तीसगढ़: बर्खास्त B.Ed टीचर्स को पुलिस ने सड़क से घसीटकर उठाया, कई महिला शिक्षक बेहोश

B.Ed Teacher's Protest: पुलिस ने सड़क पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को घसीटकर सड़क से हटाया. इस दौरान कुछ महिला टीचर्स बेहोश भी हो गईं. उन्होंने पुलिस पर कपड़े फाड़ने और बैड टच करने का आरोप लगाया है.

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B.Ed सहायक शिक्षकों के एक समूह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है (फोटो-'X')

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur) में प्रदर्शन कर रहे B.Ed सहायक शिक्षकों के एक समूह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है (B.Ed Teacher's Protest). रविवार, 19 जनवरी की रात को पुलिस ने सड़क पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को घसीटकर सड़क से हटाया. इस दौरान कुछ महिला टीचर्स बेहोश भी हो गईं. उन्होंने पुलिस पर कपड़े फाड़ने और बैड टच करने का आरोप लगाया है. पुलिस का कहना है कि सड़क पर जाम लग गया था. जिसकी वजह से SDM के आदेश पर उन्हें वहां से हटाया गया ताकि रास्ता साफ हो सके.

शिक्षक भर्ती से जुड़ा ये मामला क्या है?

पिछले महीने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सहायक शिक्षक पद के लिए केवल D.Ed डिग्री धारकों को ही उपयुक्त माना था. कोर्ट ने B.Ed डिग्री धारकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दे दिया. 10 दिसंबर, 2024 को 2 हफ्ते के अंदर ये प्रक्रिया पूरी करने को कहा. इसके साथ ही कोर्ट ने D.Ed डिग्री होल्डर्स को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त करने को भी कहा. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद B.Ed डिग्री वाले 2897 शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई. जिसके बाद से ये शिक्षक सरकार से समायोजन (एडजस्टमेंट) की मांग कर रहे हैं.

'रास्ता साफ करने के लिए हटाया'

ANI से बात करते हुए शहर के SP अजय कुमार यादव ने कहा-

“ये B.Ed उम्मीदवार हैं. जो अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. उन्हें कानूनी रूप से विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा गया था. उन्हें यहां बैठने और विरोध करने की अनुमति नहीं थी. इसके बावजूद उन्होंने सड़क को जाम कर दिया. उन्हें लगभग 10 घंटे तक रास्ता खाली करने के लिए कहा गया. लेकिन वे नहीं माने. पूरे शहर के लोग परेशानी का सामना कर रहे थे. जिसके बाद SDM के आदेश से उन्हें यहां से हटाया गया. ताकी रास्ता साफ हो सके.”

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पूर्व CM ने सरकार पर साधा निशाना

इस घटना को लेकर पूर्व CM भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट कर विष्णु देव सरकार पर निशाना साधा है. इससे पहले वे धरनास्थल पर भी पहुंचे थे. उन्होंने कहा-

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ‘गारंटी’ और विष्णु देव के ‘सुशासन’ में हुआ यह ‘चीरहरण’ छत्तीसगढ़ के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज होगा.” 

पुलिस हिरासत में लिए गए एक छात्र ने बताया कि हम सिर्फ अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं. वहीं, विरोध प्रदर्शन में शामिल एक शिक्षक के परिजन ने कहा-

“हमारे बच्चे यहां एक महीने से विरोध कर रहे हैं. वे हमें जानवरों की तरह घसीट रहे हैं. हम चोर, लुटेरे और नक्सली नहीं है. हम शिक्षकों के माता-पिता हैं."

शिक्षक, जल सत्याग्रह, सामूहिक मुंडन से लेकर, हवन, इच्छामृत्यु की मांग और तेलीबांदा तालाब की सफाई करके अपना विरोध जता चुके हैं.

वीडियो: छत्तीसगढ़ में शिक्षक दंडवत प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? सहायक शिक्षक भर्ती का पूरा मामला समझ लीजिए