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कनाडा ने इंटरपोल की एक नहीं सुनी, भारत ने कहा तो रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ मगर...

कई खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टर्स के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने मांग की थी. इंटरपोल को भी बीच में आना पड़ा...

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गोल्डी बराड़ समेत कई गैंगस्टर्स के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई (AP/Twitter)

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या को लेकर भारत और कनाडा (India-Canada) के संबंध काफी हद तक बिगड़ गए हैं. इसी बीच हरदीप सिंह निज्जर को लेकर नई जानकारी सामने आई है. इसके मुताबिक पंजाब पुलिस ने साल 2022 में उसके भारत प्रत्यर्पण की मांग करते हुए कनाडाई अधिकारियों से संपर्क किया था. इसके साथ ही कई और वांटेड अपराधियों को लेकर कनाडा से संपर्क किया गया था. इनको लेकर इंटरपोल (Interpol) ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था. बावजूद इसके कनाडा की तरफ से किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. 

हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक निज्जर के अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल के नेता लखबीर सिंह लांडा और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के नेता अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला, गोल्डी बराड़ और गुरप्रीत सिंह जैसे अपराधियों के भी नाम इसमें शामिल थे. इन सभी के खिलाफ NIA ने जुलाई में चार्जशीट दाखिल की थी.

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भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए इंटरपोल ने इन अपराधियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया. इसके अलावा, कनाडा में स्थित आधा दर्जन खालिस्तानी गैंगस्टरों के खिलाफ इंटरपोल के अधिक अनौपचारिक ब्लू नोटिस भी निकाले गए. लेकिन कनाडा ने इनके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया.

भारतीय एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा कि कनाडा इंटरपोल का सदस्य है. इसके बावजूद उसने इंटरपोल के रेड नोटिस की अवहेलना की है. नियम के मुताबिक एक बार रेड नोटिस जारी होने के बाद सदस्य देश संदिग्धों को हिरासत में लेने के लिए बाध्य होता है.

कनाडा में 9 अलगाववादी संगठनों के ठिकाने

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय अधिकारियों का दावा है कि आतंकवादी समूहों का समर्थन करने वाले कम से कम नौ अलगाववादी संगठनों के ठिकाने कनाडा में हैं. उनके मुताबिक, विश्व सिख संगठन (WSO), खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF), सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) जैसे खालिस्तान समर्थक संगठन पाकिस्तान के इशारे पर कथित तौर पर कनाडा की धरती से स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं. 

साथ ही अधिकारियों ने बताया कि भारत में कई मामलों में शामिल आतंकियों और अपराधियों को वापस भेजने के अनुरोध पर कनाडाई अधिकारियों की तरफ से कई सालों से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसमें पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या सहित कई जघन्य अपराधों में शामिल लोग भी शामिल हैं.
 

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