The Lallantop

खुद अमित शाह ने बता दिया, कब लागू होगा CAA

Amit Shah on CAA: अमित शाह ने कहा कि बीजेपी सरकार CAA 2019 के नियमों को लेकर अधिसूचित यानी नोटिफाइड करने वाली है.

Advertisement
post-main-image
अमित शाह ने कहा है कि CAA किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

CAA पर गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है.  कहा है कि नागरिकता(संशोधन) अधिनियम यानी CAA, देश में लोकसभा चुनाव से पहले लागू कर दिया जाएगा. शाह ने कहा कि सरकार जल्द ही CAA 2019 के नियमों को लेकर अधिसूचना यानी नोटिफिकेशन जारी कर देगी.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक टीवी इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा,

पड़ोसी देशों के पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का वादा कांग्रेस का था. जब देश का विभाजन हुआ और वहां पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता था. उस दौरान वे सभी भारत आना चाहते थे. तब कांग्रेस ने कहा था कि आप यहां आइए, आपको यहां नागरिकता दी जाएगी. 

Advertisement

शाह ने कांग्रेस पर अपनी बात से पीछे हटने का आरोप लगया. उन्होंने जोर देकर कहा कि सीएए नागरिकता देने के लिए लाया गया है, न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए.  हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हमारे मुस्लिम समुदाय को उकसाया जा रहा है. सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता क्योंकि कानून में इसका कोई प्रावधान नहीं है. सीएए बांग्लादेश और पाकिस्तान में प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला अधिनियम है.

ये भी पढ़ें- CAA लागू! अब सरकार को कौन से कागज दिखाने होंगे?

2024 चुनाव के नतीजों में सस्पेंस नहीं- शाह

आगामी चुनावों के बारे में बोलते हुए, शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कोई सस्पेंस नहीं है. बीजेपी सरकार सत्ता में फिर लौटेगी. बीजेपी को 370 सीटें और एनडीए को 400 से ज्यादा सीटें मिलेंगी. हमने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया है. इसलिए हमें विश्वास है कि देश की जनता बीजेपी को 370 सीटों और एनडीए को 400 से ज्यादा सीटों का आशीर्वाद देगी. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दलों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें फिर से विपक्षी बेंच पर बैठना होगा.

Advertisement
UCC पर क्या बोले शाह ?

उत्तराखंड विधानसभा में 'समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024' विधेयक पेश कर दिया गया है. इस पर अमित शाह ने कहा कि ये एक संवैधानिक एजेंडा है, जिस पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और दूसरे लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. लेकिन तुष्टीकरण की वजह से कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज कर दिया था. उत्तराखंड में यूसीसी लागू होना एक सामाजिक परिवर्तन है. इस पर सभी मंचों पर चर्चा की जाएगी और कानूनी जांच का सामना किया जाएगा. एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म आधारित नागरिक संहिता नहीं हो सकती.

वीडियो: आसान भाषा में: CAA लागू करने में, चार साल की देरी क्यों हुई?

Advertisement