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क्या BYJU'S अच्छी शिक्षा देने के नाम पर लोगों को अनचाहा लोन तक दिलवा रही है?

ये रिपोर्ट कान खड़े कर देगी.

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तस्वीर- आजतक.
कोरोना वायरस के प्रकोप से पढ़ाई बहुत हद तक ऑनलाइन हो गई है. इसी कड़ी में प्राइवेट कंपनियां ऑनलाइन ट्यूशन और क्लास की सुविधा देती हैं. ऐसी ही एक कंपनी है BYJU'S, जो गलत वजहों के चलते चर्चा में है. कंपनी पर आरोप है कि वो अच्छी शिक्षा देने के नाम पर लोगों को लोन तक दिलवा रही है, वो भी उन्हें पूरी जानकारी दिए बिना.
मामला निधि बहुगुणा नाम की एक ट्विटर यूजर के एक दावे से जुड़ा है. उन्होंने ट्विटर के जरिये BYJU'S पर आरोप लगाया कि कंपनी ने उनके यहां साफ-सफाई करने वाली महिला की बेटी को अच्छी शिक्षा के लिए लैपटॉप देने के नाम पर लोन के डॉक्युटमेंट्स पर दस्तखत करवा लिए. जबकि इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई. निधि बहुगुणा ने इस महिला के हवाले से ही ये आरोप लगाया है. उनके मुताबिक साइन करते वक्त महिला और उनके पति को बिल्कुल जानकारी नहीं थी कि BYJU उनसे किन कागजों पर साइन ले रही है.
कंपनी को लेकर निधि बहुगुणा का ट्वीट वायरल है, जिस पर BYJU'S के एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट भी किया गया है. इसमें बताया गया है कि मामले को संज्ञान में लेते हुए उसका हल कर दिया गया है. जानते हैं पूरा मामला क्या है. निधि बहुगुणा का ट्वीट हुआ वायरल इस मामले को समझने के लिए दी लल्लनटॉप ने निधि बहुगुणा से बात की. उत्तराखंड के मसूरी की रहनी वालीं निधि के मुताबिक उनके यहां साफ़-सफ़ाई का काम करने वाली पार्वती ने उन्हें बताया कि BYJU'S नाम की कंपनी ने उनकी बेटी को अच्छी पढ़ाई करने की वजह से उन्हें साल भर ऑनलाइन ट्यूशन और लैपटॉप देने की बात कही थी. कहा कि इसके लिए उन्हें कुछ पैसे खर्च करने होंगे. पार्वती के हवाले से निधि ने बताया कि इसी सिलसिले में BYJU'S कंपनी से शशांक नेगी नाम का एक व्यक्ति उनके घर आया था. निधि ने हमें बताया,
"मैंने पार्वती से कहा कि तुम्हारी बच्ची की फ़ीस मैं भरती हूं, जो महीने के सिर्फ़ 400 रुपए हैं. अगर तुम्हें रुपए खर्च ही करने हैं तो अच्छे स्कूल में पढ़ाओ. ट्यूशन में रुपए खर्च करने की क्या ज़रूरत है?"
निधि के मुताबिक उन्हें पार्वती ने बताया कि ट्यूशन फीस और लैपटॉप के लिए रुपए किश्तों में BYJU'S को देने होंगे. ये सब सुनने के बाद निधि ने शशांक से फ़ोन पर बात की. उन्होंने शशांक से कहा कि वो ये प्रॉसेस कैन्सल कर दें, क्योंकि पार्वती और उनके पति अब ये नहीं चाहते. लेकिन शशांक ने निधि को बताया कि लोन प्रॉसेस किया जा चुका है. BYJU'S ने किया निधि से संपर्क ट्वीट वायरल होने के बाद BYJU'S की असोसिएट वाइस प्रेसिडेंट सुनीता कृष्णन ने निधि से सम्पर्क किया. सुनीता ने कंपनी से हुई ग़लतियों का ज़िक्र किया और मामले को उनके संज्ञान में लाने के लिए निधि का शुक्रिया अदा किया. सुनीता और निधि की ये वॉट्सएप चैट्स अंग्रेज़ी में हैं, जिन्हें निधि ने लल्लनटॉप को मुहैया कराया है. इन चैट्स के स्क्रीनशॉट आप नीचे देख सकते हैं.
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BYJU'S की सुनीता कृशणन और निधि के बीच हुई वट्सऐप पर बातचीत का स्क्रीनशॉट.

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BYJU'S की सुनीता कृशणन और निधि के बीच हुई वट्सऐप पर बातचीत का स्क्रीनशॉट.

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BYJU'S की सुनीता कृष्णन और निधि के बीच हुई वट्सऐप पर बातचीत का स्क्रीनशॉट.

इन चैट्स में BYJU'S की सुनीता कृष्णन कहती हैं कि उनकी कंपनी के अविनाश तिवारी नाम के व्यक्ति ने 10 हज़ार रुपए (पार्वती को) लौटा दिए हैं और मामला अब ख़त्म कर दिया गया है. सुनीता, निधि से ये भी कहती हैं कि वो अपने ट्वीट में इस बात का ज़िक्र भी कर दें कि मामले को सुलझा दिया गया है. माता-पिता को नहीं थी लोन की जानकारी बहरहाल, मामले को पूरी तरह से जानने के लिए हमने पार्वती के पति रामचंदर से बात की. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने BYJU'S का ऐप डाउनलोड किया था. इसके बाद उन्हें एक फ़ोन आया कि उन्हें साल भर ऑनलाइन ट्यूशन की सुविधा मिलेगी. रामचंदर के मुताबिक कॉल के बाद 27 नवंबर को शशांक नेगी नाम का आदमी उनके घर आया था. रामचंदर कहते हैं,
"मैं होटल में खाना बनाने का काम करता हूं. शनिवार के दिन मैं होटल नहीं गया. वो (शशांक नेगी) घर पर मिलने आए और बताया कि मुझे बच्ची के ट्यूशन के लिए हर महीने सिर्फ़ 2200 रुपए देने होंगे, दो सालों तक और मेरी बच्ची अच्छे से पढ़ पाएगी. लेकिन मुझे ठीक से कुछ समझ नहीं आया."
रामचंदर ने आगे बताया,
"मैंने शशांक से कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं, तो उन्होंने कहा कि वो गढ़वाली हैं और मैं भी गढ़वाली हूं, इस वजह से वो मेरी मदद करेंगे. फिर शशांक को मैंने अपना पैन कॉर्ड और एक ब्लैंक चेक साइन करके दे दिया. शशांक ने मुझसे कहा कि वो मेरे बैंक अकाउंट में पैसे डाल देंगे. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कंपनी से कोई कॉल करे तो मैं ये ना बताऊं की रुपए शशांक ने मेरे अकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए थे."
50 प्रतिशत ब्याज भरना पड़ता रामचंदर ने कहा कि जब निधि बहुगुणा ने उन्हें बताया कि उनके नाम पर लोन लिया जा चुका है, तब जाकर उन्हें पूरी बात समझ आई. रामचंदर ने कहा,
"मेरे नाम से 35 हजार का लोन लिया गया था. इसके लिए मुझे 2 साल यानी कि 24 महीनों तक 2200 रुपए भरने थे."
यहां बता दें कि अगर रामचंदर ये लोन चुकाते तो वो दो सालों में कुल 52 हजार 800 रुपए भरते. 35 हजार का लोन, ब्याज के साथ 52 हजार 800. मतलब 2 सालों में 17 हजार 800 रुपए का ब्याज उन्हें भरना पड़ता जो कि कुल रकम का 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है. हालांकि इसकी नौबत नहीं आई. रामचंदर ने हमें बताया कि रविवार 28 नवंबर की शाम को उनके घर पर BYJU'S कंपनी से अविनाश तिवारी नाम का व्यक्ति आया और उनका चेक लौटा गया. साथ में ये भी आश्वासन दिया कि कंपनी के रिकॉर्ड से भी उनका सब कुछ हटा दिया जाएगा. BYJU'S का जवाब इस पूरे मामले में BYJU'S कंपनी का रुख जानने के लिए हमने उनसे सम्पर्क किया. BYJU'S की तरफ़ से उनके एडवरटाइजमेंट और पर्सनल रिलेशन का संचालन करने वाली कंपनी से हमें कॉल भी आया.  उस कंपनी के अर्पित गर्ग ने हमें बताया कि क्योंकि ये मामला रिसॉल्व हो चुका है, इस वजह से BYJU इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं करेगा.

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