केरल के मालाप्पुरम ज़िले में एक कस्बा है निलाम्बुर. यहां BSNL के एक कर्मचारी ने ऑफिस में ही सुसाइड कर लिया. कर्मचारी का नाम रामकृष्णन था. उम्र 52 साल थी. 7 नवंबर के दिन उन्होंने BSNL के ही ऑफिस में फांसी लगा ली.
10 महीने से सैलरी नहीं मिली थी, कर्मचारी ने BSNL के ऑफिस में ही फांसी लगा ली
30 साल से BSNL के लिए काम कर रहे थे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामकृष्णन आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. उन्हें 10 महीने से सैलरी नहीं मिली थी. पिछले 30 साल से वो BSNL में कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे थे. 30 साल पहले हाउसकीपिंग स्टाफ के तौर पर उन्होंने कंपनी जॉइन की थी. वो रोज की तरह 7 नवंबर के दिन भी ऑफिस आए और एक खाली कमरे में फांसी लगा ली.
इस मामले पर BSNL कैजुअल कॉन्ट्रैक्ट लेबर यूनियन (CCLU)के प्रेसिडेंट मोहन ने पूरी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मालाप्पुरम ज़िले में BSNL के कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों को जनवरी 2019 से सैलरी नहीं मिल रही है. इसके अलावा पहले ये सभी कर्मचारी हफ्ते में 6 दिन काम करते थे. अब वर्किंग डेज़ की संख्या भी 3 कर दी गई है. पहले 6 घंटे काम करना होता था. ये समय भी 3 घंटे कर दिया गया है. इन सारे बदलावों के बाद और सैलरी नहीं मिलने पर सभी कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी परेशान हैं. रामकृष्णन भी इन सबसे बहुत दुखी थे. आर्थिक तंगी भी चल रही थी. रामकृष्णन के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं.
केरल में BSNL के कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों ने कुछ महीने पहले विरोध प्रदर्शन भी किया था. पैसों की तंगी की वजह से कुछ परिवार तो दो वक्त का खाना भी मुश्किल से जुटा पा रहे हैं. CCLU प्रेसिडेंट का कहना है,
'रामकृष्णन की मौत की जिम्मेदार सबसे पहले तो BSNL कंपनी है. उसके बाद केंद्र सरकार है.'
CITU यानी सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के स्टेट जनरल सेक्रेटरी हैं इलामरम करीम. उनका कहना है, 'रामकृष्णन की मौत के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से दोषी है. क्योंकि सरकार जियो की मदद करके BSNL को तबाह कर रही है.' उन्होंने BSNL के सभी कर्मचारियों से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की है.
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