24 फरवरी 2022 से शुरू हुई रूस-यूक्रेन की जंग अब भी जारी है. दोनों देश लगातार एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं. इस बीच एक चौंकाने वाली खबर आई कि यूक्रेन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को मारने की कोशिश की थी. ये घटना 20 मई की बताई जा रही है जब पुतिन का हेलीकॉप्टर (Putin Helicopter Attacked) रूस के कर्स्क (Kursk) क्षेत्र में था.
'यूक्रेन के निशाने पर था प्रेसिडेंट पुतिन का हेलीकॉप्टर', रूस के मिलिट्री कमांडर का दावा
रूसी कमांडर के मुताबिक Vladimir Putin के Helicopter पर Drone Attack करने की कोशिश की गई. वहीं दूसरी तरफ Ukraine के एक अख़बार ने कुछ एक्सपर्ट्स के हवाले से दावा किया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. ये रूस का प्रोपोगैंडा है.

समाचार एजेंसी RBC ने रूसी एयर डिफेंस सिस्टम्स के कमांडर यूरी डैशकिन के हवाले से बताया कि प्रेसिडेंट पुतिन जब कर्स्क में थे, उस समय यूक्रेन ने उनके हेलीकॉप्टर पर ड्रोन से हमला करने की कोशिश की. कमांडर डैशकिन के मुताबिक 20 से 22 मई, 2025 के बीच यूक्रेन ने रूस पर हजारों ड्रोन्स से हमले किए थे. रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने इनमें से 1170 ड्रोन्स को हवा में ही नष्ट कर दिया था. कमांडर ने बताया कि पुतिन की कर्स्क यात्रा के दौरान एक के बाद एक 46 ड्रोन्स ने उनके हेलीकॉप्टर को निशाना बनाया. हालांकि रूस के एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी ड्रोन्स को मार गिराया.
पुतिन की कर्स्क यात्राक्रेमलिन के मुताबिक पुतिन 21 मई को कर्स्क क्षेत्र का दौरा किया था. रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने कर्स्क के अलावा कुर्चटोव का भी दौरा किया. ये जगह यूक्रेन की सीमा से 100 किमी से भी कम दूरी पर स्थित है. रूसियों का यह भी दावा है कि पुतिन ने कथित तौर पर निर्माणाधीन कर्स्क परमाणु ऊर्जा संयंत्र-2 का दौरा किया. हालांकि, न तो क्रेमलिन और न ही रूसी मीडिया, दोनों ने ही पुतिन की कर्स्क क्षेत्र यात्रा के सबूत नहीं दिए हैं. साथ ही जब रूसी मीडिया ने इस यात्रा को कवर किया तो उन्होंने इस क्षेत्र में किसी हमले का कोई जिक्र नहीं किया. अप्रैल 2025 में, रूस ने कर्स्क क्षेत्र की ‘आजादी’ का दावा किया था. कर्स्क के सीमावर्ती इलाकों में अब भी लड़ाई जारी है.
एक तरफ जहां रूसी कमांडर के मुताबिक पुतिन के हेलीकॉप्टर पर हमला करने की कोशिश की गई. वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन के एक अख़बार कीव इंडिपेंडेंट ने कुछ विश्लेषकों के हवाले से दावा किया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. ये रूस का प्रोपेगैंडा है. इसमें ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि पुतिन और भी मजबूती से इस लड़ाई को न सिर्फ लड़ रहे हैं, बल्कि एक प्रेसिडेंट होते हुए भी वो हमले झेल रहे हैं. इससे घरेलू स्तर पर पुतिन का समर्थन बढ़ेगा.
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दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे हैं. रूसी कमांडर ने यूक्रेनी ड्रोन हमले के कोई सबूत नहीं दिए हैं. ये बात भी है कि जंग के दौरान राष्ट्रपति की आवाजाही की सूचना को गुप्त रखा जाता है. ऐसे में दौरे के प्रमाण न मिलना कोई शक पैदा नहीं करता. लेकिन यूक्रेन ने भी इसे डायरेक्ट प्रोपेगैंडा बता दिया है. इसलिए सच क्या है ये कहना मुश्किल है. एक पुरानी कहावत इस संदर्भ में सच साबित होती है कि ‘जंग में इतना धुंआ और बारूद उड़ता है कि सच छिप जाता है.’
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