विधायक देबेंद्र नाथ रॉय. पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर ज़िले के तहत आने वाली हेमताबाद सीट से विधायक. CPI-M के टिकट पर जीते थे, पर पिछले ही साल बीजेपी जॉइन कर ली थी. 13 जुलाई (सोमवार) की सुबह उनका शव एक दुकान के बाहर लटका हुआ मिला. ये दुकान जिस मार्केट में है, वो इलाका बिंदोल ग्राम पंचायत के तहत आता है. और ये ग्राम पंचायत रायगंज पुलिस थाने के तहत आती है. दुकान देबेंद्र नाथ रॉय के घर से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है. समाचार एजेंसी PTI को एक पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी.
प. बंगाल: विधायक का शव दुकान के बाहर लटकता मिला, BJP ने TMC पर लगाए आरोप
पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है.

पुलिस ने शव को ऑटोप्सी के लिए रायगंज गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल भेज दिया है. मामले की जांच की जा रही है. 'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है.
'इंडिया टुडे' की मनोज्ञा लोइवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस की जांच अब CID को सौंप दी गई है. सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) सुमित कुमार ने बताया कि पुलिस एक सुसाइड नोट मिला है. उन्होंने कहा,
'हमारी फोर्स वहां मौजूद है. हम आस-पास मौजूद हर किसी व्यक्ति से पूछताछ कर रहे हैं. हमें उनकी (देबेंद्र) जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला है. उन्होंने किसी व्यक्ति को अपनी मौत का ज़िम्मेदार ठहराया है. शुरुआती जांच में हमें ये मामला सुसाइड का लग रहा है. लेकिन हम हर एंगल से केस की जांच करेंगे. वो लोग जिनके नाम मेंशन किए गए हैं, उन्हें हमने रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है. हमें जो भी सबूत मिलेंगे, हम उन्हें लिंक करके जांच करेंगे. इस सुसाइड के लिए जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उनसे भी पूछताछ होगी.'
परिवार क्या कहता है?
देबेंद्र के घरवालों का कहना है कि ये हत्या का मामला है. देबेंद्र की पत्नी ने बताया कि रात एक बजे उन्हें कोई बुलाने आया था, जिसके बाद वो बाहर गए थे. परिवार के एक और रिश्तेदार का ये कहना है कि देबेंद्र को पहले मारा गया, फिर शव को लटकाया गया.
देबेंद्र के भतीजे का कहना है,
'मेरे अंकल रात 10 बजे तक चाय की दुकान पर थे, क्योंकि कोई लड़का वहां उनके हस्ताक्षर लेने आने वाला था. फिर वो रात 10 बजे घर चले गए. फिर करीब 1 बजे एक बाइक आई. रात थी, हर कोई सो रहा था, लेकिन हमारे पड़ोस में एक टेप है, जिसमें हमने देखा कि रात 1 बजे कोई बाइक आई, फिर चली गई. मेरी आंटी ने बताया कि अंकल ने उनसे कहा कि वो कहीं जा रहे हैं और जल्दी वापस आ जाएंगे, लेकिन वो नहीं आए. आंटी ने उस आदमी को देखा नहीं था, लेकिन आवाज़ सुनी थी. फिर सुबह 5 बजे मैंने सुना कि मेरे अंकल मृत पाए गए हैं. मुझे लगता है कि जो रात में उन्हें बुलाने आया था, उसने ही मारा है, मारकर दुकान के सामने शव को फांसी पर लटकाया है. वो मौजूदा विधायक थे, इसलिए हम चाहते हैं कि CBI जांच हो.'
BJP क्या कहती है?
वहीं बीजेपी के नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर हत्या के आरोप लगाए हैं. BJP के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने ट्वीट कर कहा,
"देबेंद्र नाथ रॉय, जो हेमताबाद से बीजेपी के विधायक थे, उनकी संदिग्ध जघन्य हत्या हुई, जो कि बहुत हैरान करने वाली दुख वाली बात है. ये ममता सरकार के तहत कानून की असफलता और गुंडाराज को दिखाता है. भविष्य में लोग इस तरह की सरकार को माफ नहीं करेंगे. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं."
BJP के नेशनल सेक्रेटरी राहुल सिन्हा ने ट्वीट कर कहा,
"देबेंद्र नाथ रॉय, उत्तर दिनाजपुर के हेमताबाद से बीजेपी विधायक का शव उनके घर के पास लटका हुआ मिला. हम साफ तौर पर कहते हैं कि ये मर्डर है और इसमें TMC पार्टी शामिल है."
इस ट्वीट के साथ राहुल सिन्हा ने अपना एक वीडियो भी डाला, जिसमें उन्होंने मामले की CBI (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) जांच की मांग की. आगे कहा कि TMC इस हत्या के पीछे है और पार्टी ने इसे सुसाइड दिखाने की कोशिश की है.
BJP बंगाल ने भी ट्वीट कर कहा,
"हेमताबाद की सीट, एक रिजर्व सीट से बीजेपी विधायक देबेंद्र नाथ रॉय का शव इस तरह से उनके घर के पास लटका हुआ मिला. लोग साफ तौर पर ये कह रहे हैं कि उन्हें पहले मारा गया है, फिर लटकाया गया है. उनका अपराध क्या था? ये कि उन्होंने 2019 में BJP जॉइन कर ली थी? ओम शांति."

BJP बंगाल का ट्वीट.
वहीं BJP ने साइलेंट प्रोटेस्ट और रायगंज में 12 घंटे के बंद का ऐलान किया है.
TMC क्या कहती है?
TMC के ज़िला अध्यक्ष कन्हैयालाल अग्रवाल ने इन आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है,
"देबेंद्र नाथ रॉय की मौत अप्राकृतिक है. पुलिस शव को लेकर गई है. पोस्टमॉर्टम होगा, तब सब साफ हो जाएगा. हमने सुना है कि उनका परिवार कह रहा है कि कोई व्यक्ति उन्हें रात में लेकर गया था और मार दिया. उनके परिवार वाले उनके साथ रहते थे. अगर रात में कोई उन्हें लेने आया था, तो परिवार को पुलिस को जानकारी देनी चाहिए थी. पुलिस आती और मदद करती. जिस जगह पर वो पाए गए, वो घर से ज्यादा दूर भी नहीं है. यहां जांच होगी. सच सामने आएगा."
TMC विधायक शीलभद्र दत्ता का कहना है,"TMC को क्यों किसी का मर्डर करने की ज़रूरत होगी? इसलिए यहां इस मर्डर से TMC का कोई रिलेशन नहीं है. मैं इसका कारण नहीं जानता, लेकिन सोचता हूं कि इसमें पुलिस फोर्स को अपने तरीके से काम करना चाहिए. कानून अपना काम करेगा. और मुझे विश्वास है कि मामला हल होगा. हालांकि, अपने साथी विधायक, जो कि विधानसभा में मेरे कलीग थे, उनके मर्डर की खबर सुनकर मुझे अफसोस हो रहा है. मर्डर है या सुसाइड, मैं नहीं जानता, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि इसका TMC से कोई लेना-देना नहीं है. मैं चाहूंगा कि गृह मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश और गुजरात में विपक्षियों के साथ हो रहे बर्ताव पर बात करें. जहां तक पश्चिम बंगाल की बात है, यहां पर कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है. हम लोकतंत्र पर भरोसा रखते हैं. इस मर्डर के पीछे जो भी कारण रहा होगा, पुलिस उसका पता लगाएगी. अमित शाह को अपने राज्यों पर ध्यान देना चाहिए."
देबेंद्र ने साल 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ा था. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) (CPI-M) के टिकट पर. हेमताबाद सीट से. जीत मिली थी. लेकिन मई 2019 में उन्होंने BJP जॉइन कर ली थी.
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