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बिहार में मानसून आया झूम के, एक और पुल गिरा झूल के, इस बार मधुबनी में

मधुबनी का ये पुल तकरीबन तीन करोड़ की लागत से बन रहा था. पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा था.

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बिहार में पिछले 11 दिनों में पुल गिरने की ये पांचवीं घटना है. (फोटो- स्क्रीनग्रैब)

बिहार में पुल गिरने का सिलसिला जारी है. ताजा खबर राज्य के मधुबनी (Madhubani Bridge Collapse) से आई है. जहां अंडर कंस्ट्रक्शन पुल का एक हिस्सा पानी में समा गया. पिछले 11 दिनों में प्रदेश में पांचवां पुल गिरा है. पुल गिरने की नई घटना में फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

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इंडिया टुडे से जुड़े रोहित कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक ये पुल मधेपुर प्रखंड की महपतिया मेन रोड पर बन रहा था. गिरे पुल का गार्टर दो दिन पहले ही ढाला गया था. रिपोर्ट के मुताबिक गार्टर के लिए सटरिंग लगाई गई थी. लेकिन अचानक बारिश के कारण भुतही बालन नदी का जलस्तर बढ़ गया. पानी का लेवल बढ़ने के कारण पुल का हिस्सा नदी में समा गया.

इस निर्माणाधीन पुल की लंबाई 77 मीटर है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन पर आरोप है कि उसने इस लापरवाही को छिपाने के लिए टूटे हुए हिस्से को काले रंग के प्लास्टिक से ढक दिया है. मधुबनी का ये पुल तकरीबन तीन करोड़ की लागत से बन रहा था. पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा था.

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आजतक को मिले दस्तावेजों के मुताबिक पुल 24 जून से पहले ही ध्वस्त हो चुका था. 24 जून को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता रामाशीष पासवान ने पुल का निर्माण कर रहे संवेदक अमरनाथ झा को पत्र लिखा. उन्होंने इस बात की जानकारी दी थी कि पुल का एक हिस्सा लटक गया है और इस कारण इसे दोबारा बनवाया जाए. कार्यपालक अभियंता के इस पत्र के जवाब में ये दलील दी गई कि बीम के ढलाई के 3 दिन के अंदर ही कोसी नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया था. इस वजह से पुल का ये हिस्सा लटक गया.

11 दिनों में पांचवां पुल गिरा

बिहार में पिछले 11 दिनों में पुल गिरने की ये पांचवीं घटना है. 18 जून को राज्य के अररिया में 12 करोड़ की लागत से बना रहा पुल ध्वस्त हो गया था. इसके बाद 22 जून को सिवान में गंडक नदी पर बना पुल गिर गया. इस पुल को तकरीबन 40-45 साल पुराना बताया गया.

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फिर 23 जून को पूर्वी चंपारण में लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा पुल गिर गया. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था, इसी वजह से पुल गिर गया. इसके बाद 27 जून को राज्य के किशनगंज में पुल गिर गया. बिहार में एक सप्ताह के भीतर इस तरह की ये चौथी घटना थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जिला मजिस्ट्रेट तुषार सिंगला ने बताया कि बहादुरगंज ब्लॉक में स्थित ये पुल 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा था.

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