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बिहार में 65% आरक्षण देने वाला संशोधन विधेयक पास, SC-ST, OBC और EBC को मिलेगा फायदा

आरक्षण के लागू होने के बाद अनुसूचित जाति और जनजाति का आरक्षण 20 और 2 फीसदी हो जाएगा.

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सीएम नीतीश ने OBC और EBC वर्ग को एक साथ 43 फीसदी आरक्षण दिए जाने की बात कही थी. (फोटो- PTI)

बिहार की नीतीश कुमार सरकार द्वारा लाया गया आरक्षण संशोधन बिल विधानसभा में पास हो गया है (Bihar assembly passes reservation bill). माने अब प्रदेश में जातिगत कोटा सुप्रीम कोर्ट की तय सीमा को पार कर गया है. ये संशोधन राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में एससी-एसटी, ओबीसी और ईबीसी वर्गों के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी के लिए लाया गया है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरक्षण के लागू होने के बाद अनुसूचित जाति और जनजाति का आरक्षण 20 और 2 फीसदी हो जाएगा. फिलहाल ये दोनों वर्गों के लिए क्रमश: 16 और 1 फीसदी है. वहीं OBC और EBC वर्ग के लिए अब (क्रमशः) 18 और 25 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है. जो कि वर्तमान में 12 और 18 फीसदी आरक्षण का लाभ ले रहे हैं.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक विधेयक पर बहस के दौरान बीजेपी की तरफ से EWS कोटे का मुद्दा उठाया गया. पार्टी ने कहा कि विधेयक के आरक्षण ब्रेकअप में EWS का जिक्र नहीं है, इसे लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए. इसके जवाब में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है, संशोधन में लिखा है कि ये SC-ST, OBC और EBC के लिए लाया गया है. उन्होंने साफ किया कि EWS को पूर्व व्यवस्था के तहत 10 फीसदी कोटा मिलता रहेगा. बाद में जानकारी आई कि बीजेपी ने विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव वापस ले लिया.

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बता दें कि बिहार विधानसभा में 7 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में आरक्षण की सीमा 65 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था. सीएम ने सदन में प्रस्ताव रखा था कि जातिगत सर्वे के मुताबिक SC की आबादी 19.7 फीसदी है, तो इनको 20 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए. वर्तमान में ये 16 फीसदी है. वहीं ST की जनसंख्या में हिस्सेदारी 1.7 फीसदी है, तो उनका आरक्षण 1 से 2 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा था.

सीएम नीतीश ने OBC और EBC वर्ग को एक साथ 43 फीसदी आरक्षण दिए जाने की बात कही थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक आरक्षण की इस बढ़ोतरी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण शामिल नहीं है.

सामान्य वर्ग के 25.09 फीसदी लोग गरीब

बिहार विधानसभा में आर्थिक सर्वे के आंकड़ों भी पेश किए गए थे. बताया गया कि प्रदेश में 34.13 फीसदी परिवार महीने में सिर्फ 6 हजार रुपये ही कमाते हैं. 29.61 फीसदी परिवार 10 हजार रुपये या उससे कम में अपना गुजारा चलाते हैं. सर्वे ये भी बताता है कि राज्य में लगभग 28 फीसदी परिवार 10 से 50 हजार रुपये के बीच कमाई करते हैं. और 4 फीसदी से भी कम परिवार महीने में 50 हजार रुपये से ऊपर की कमाई करते हैं.

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रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सामान्य वर्ग के 25.09 फीसदी लोग गरीब के तौर पर लिस्टेड हैं. इस वर्ग में 25.32 फीसदी भूमिहार, 25.3 फीसदी ब्राह्मण और 24.89 फीसदी राजपूत गरीब हैं. बता दें कि बिहार की जनसंख्या में 7.11 फीसदी ब्राह्मण और राजपूत हैं. वहीं भूमिहार 2.86 फीसदी हैं.

(ये भी पढ़ें: बिहार जातिगत सर्वे: 34% परिवारों की कमाई 6000 रुपये महीना, SC-ST वर्ग सबसे ज्यादा बेहाल)

वीडियो: जातिगत जनगणना में बिहार की जनता की कमाई के बारे में क्या पता चला?

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