बेंगलुरु में एक मार्शल आर्ट्स ट्रेनर और उसकी पत्नी ने एक फूड डिलीवरी एजेंट को अपनी कार से कुचलकर मार डाला. घटना 25 अक्तूबर की रात हुई. मृतक दर्शन की उम्र सिर्फ 24 साल थी. मामूली से विवाद के बाद आरोपी दंपती ने बाकायदा उसका कार से पीछा किया और फिर टक्कर मार दी. बाद में दर्शन ने दम तोड़ दिया. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
फूड डिलिवरी एजेंट का स्कूटर कार के शीशे से लगा, कपल ने गाड़ी से कुचलकर मार डाला
घटना के करीब 40 मिनट बाद आरोपी दंपती मास्क पहनकर दोबारा मौके पर लौटे, ताकि कार के टूटे हुए हिस्से उठा सकें. इसी होशियारी ने उन्हें जेल पहुंचा दिया.
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इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. वीडियो में दिखता है कि दंपती ने जानबूझकर अपनी कार से पीड़ित की स्कूटर को टक्कर मारी. वीडियो के आधार पर पुलिस ने कार से पीछा करने और टक्कर मारने की पुष्टि की और दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले का आरोपी मनोज कुमार केरल का रहने वाला है और उसकी पत्नी आरती शर्मा जम्मू-कश्मीर से है. दोनों की शादी को पांच साल पहले हुई थी.
वहीं मृतक दर्शन केम्बट्टल्ली का रहने वाला था. वो फूड डिलीवरी एजेंट का काम करता था. टक्कर लगने के बाद अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. दर्शन अपने माता-पिता व बहन के साथ रहता था. घटना के दौरान उसका दोस्त वरुण पीछे बैठा था. टक्कर से वो भी घायल हो गया.
विवाद की वजहपुलिस के अनुसार, रात करीब 9 बजे दर्शन की स्कूटर गलती से मनोज की कार के राइट-साइड रियर-व्यू मिरर से टकरा गया था. इस पर दर्शन माफी मांगकर आगे बढ़ गया, लेकिन गुस्से में मनोज ने यू-टर्न लेकर उसका पीछा किया. कुछ मिनट बाद मनोज ने दर्शन के स्कूटर को पीछे से टक्कर मारी, फिर फरार हो गया.
स्थानीय लोगों ने घायल युवकों को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दर्शन को मृत घोषित किया. शुरुआत में उसकी बहन ने हिट-एंड-रन केस दर्ज कराया, लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखा तब यह स्पष्ट हुआ कि मामला जानबूझकर की गई हत्या का है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आगे की जांच में खुलासा हुआ कि घटना के करीब 40 मिनट बाद, यानी रात 9:40 बजे, आरोपी दंपती मास्क पहनकर दोबारा मौके पर लौटे, ताकि कार के टूटे हुए हिस्से उठा सकें. उसी समय कैमरे में उनकी पहचान साफ दिख गई, जिसके आधार पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में डीसीपी (साउथ बेंगलुरु) लोकेश जगलासर ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया है.
दर्शन को बचाया जा सकता थादर्शन के जीजा महेश ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि दर्शन ज़ेप्टो के लिए काम करता था और उस शाम अपने दोस्त वरुण के साथ घर से निकला था. महेश के मुताबिक उन्हें वरुण ने रात 12 बजे फोन कर एक्सीडेंट के बारे में बताया. उन्होंने कहा,
“वहां पहुंचकर मैंने वरुण को देखा, उसका हाथ पट्टी में था. दर्शन बेहोश पड़ा था. मुझे सबसे ज्यादा झटका इस बात से लगा कि तीन घंटे तक कोई भी उसे अस्पताल नहीं ले गया. लोग बस वहां से गुजरते रहे लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.”
महेश ने आगे बताया कि बाद में उन्होंने दर्शन को एक निजी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि वह 20 मिनट पहले ही दम तोड़ चुका था. महेश का कहना है कि अगर उसे समय पर अस्पताल ले जाया गया होता, तो उसे बचाया जा सकता था.
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