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सूडान में 1500 लोगों की हत्या? स्पेस से दिखी खून से लाल जमीन, लाशों के ढेर

सूडान में जारी गृहयुद्ध की भयावह तस्वीरें सैटेलाइट इमेज में कैद हुई हैं. यहां जमीन पर लाल रंग के धब्बे देखे गए हैं, जिसे खून बताया जा रहा है. इसके अलावा लाशों के ढेर जैसी चीजें भी दिखाई दी हैं.

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सूडान में 3 साल से सिविल वॉर चल रहा है (India Today)

गृहयुद्ध की आग में जल रहे अफ्रीकी देश सूडान में खून के धब्बे और लाशों के ढेर अंतरिक्ष से भी दिखाई दे रहे हैं. इंडिया टुडे ने स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के ह्यूमैनिटेरियन रिसर्च लैब (HRL) की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि सूडान के उत्तरी दारफूर राज्य की राजधानी अल-फशर शहर की भयावह स्थिति सैटेलाइट तस्वीरों में कैद हुई है. यहां जमीन पर लाल रंग के धब्बे देखे गए हैं, जिसे खून बताया जा रहा है. इसके अलावा मानव शरीर जैसी दिखने वाली चीजों का ढेर भी इन तस्वीरों में देखा जा सकता है.

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बीती 27 अक्टूबर को एयरोनॉटिक कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस ने शहर की कुछ तस्वीरें ली हैं. इन तस्वीरों से ऐसे सबूत मिले हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि विद्रोही आर्मी ‘रैपिड सपोर्ट फोर्सेज’ (RSF) ने अल-फशर शहर पर कब्जा करने के बाद बड़े पैमाने पर लोगों की हत्याएं कीं. ये वही शहर है, जो उत्तरी दारफुर में सूडानी सेना (SAF) का आखिरी मजबूत ठिकाना था, जिस पर बागी RSF ने कब्जा कर लिया है.

येल की HRL रिपोर्ट में बताया गया कि RSF की गाड़ियां दराजा ऊला इलाके में tactical formations में यानी किसी ऑपरेशन को अंजाम देने की मुद्रा में खड़ी की गई थीं, जहां आम लोग शरण लेने की कोशिश कर रहे थे. यहां गलियों और सड़कों को बंद कर दिया गया था. 

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अंतरिक्ष से दिखे खून के दाग और लाशों के ढेर (india today)

सैटेलाइट से मिली तस्वीरों की पड़ताल करने वाले विश्लेषकों ने कम से कम 5 जगहों पर लाल-भूरी मिट्टी के दाग देखे हैं. इनके पास 1.3 से 2 मीटर लंबी चीजें पाई गईं, जिनका आकार मानव शरीर के आकार से मेल खाता है. पहले की तस्वीरों में ये निशान नहीं थे और ये शहर की रक्षात्मक दीवार (Defensive Berm) के पास दिखे हैं. ये सब उस रिपोर्ट की पुष्टि करता हुआ दिखता है, जिसमें कहा गया था कि यहां भाग रहे नागरिकों को पकड़कर मारा गया है.

नक्शे में दिए गए Co-ordinates से पता चलता है कि ये जगहें दारजा-ऊला इलाके में हैं, जो अल सफिया मस्जिद से सिर्फ 250 मीटर दूर है. यह शहर अल-फशर से पश्चिमी किनारे पर स्थित है. यही वो जगह है जहां सितंबर में आरएसएफ (RSF) ने ड्रोन हमला किया था, जिसमें 78 लोगों की मौत हुई थी.

3 साल पहले शुरू हुआ गृहयुद्ध

बता दें कि सूडान में ये संघर्ष तब शुरू हुआ जब तीन साल पहले सूडानी सेना (SAF) के प्रमुख जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान और आरएसएफ (RSF) के कमांडर मोहम्मद हमदान दगालो (हेमदती) के बीच लड़ाई भड़क गई थी. ये दोनों कभी सहयोगी थे. 

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इस संघर्ष में अब तक हजारों लोग मारे गए हैं और 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. इस खूनी लड़ाई में अहम मोड़ तब आया जब तकरीबन 17 महीने की घेराबंदी के बाद रविवार, 26 अक्टूबर 2025 को दारफुर में सेना के अंतिम गढ़ अल-फशर पर RSF ने कब्जा कर लिया.

विभाजन की आशंका गहराई

अल-फशर हथियाने के बाद अब आरएसएफ (RSF) का लगभग पूरे दारफुर क्षेत्र पर कब्जा हो गया है. इससे एक बार फिर सूडान के विभाजन की आशंका बढ़ गई है. 

इससे पहले 9 जुलाई 2011 को सूडान के मुस्लिम बहुल उत्तरी भाग और ईसाई-अश्वेत बहुल दक्षिणी भाग के बीच लंबे समय से चले आ रहे गृहयुद्ध ने देश का विभाजन करा दिया था. जनवरी 2011 में जनमत संग्रह के बाद दक्षिणी सूडान नाम का अलग देश अस्तित्व में आया.

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सूडान में 3 दिन में 1500 लोगों की हत्या का दावा किया गया है (india today)
3 दिन में 1500 लोगों की हत्या?

अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश पर कंट्रोल पाने के लिए सूडान की सेना से लड़ रही RSF ने पिछले 3 दिनों में कम से कम 1500 लोगों को मार दिया. बताया गया कि RSF से जान बचाने की कोशिश में लोग शहर छोड़ने की कोशिश में थे. RSF के लड़ाकों ने उन्हें पीछा करके मारा. सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क (SDN) ने बुधवार को यह दावा किया है. SDN सूडान के गृहयुद्ध की स्थिति पर नजर रखने वाला एक संगठन है. उसने इन हत्याओं को ‘असली नरसंहार’ (a true genocide) बताया है.

येल HRL की सैटेलाइट तस्वीरों से भी पुष्टि हुई है कि RSF ने अल-फशर के अहम सैन्य ठिकानों जैसे- SAF की 6th डिवीजन हेडक्वार्टर और 157वीं आर्टिलरी ब्रिगेड पर कब्जा कर रखा है. तस्वीरों में 27 अक्टूबर को आरएसएफ की गाड़ियां और टी-55 टैंक तैनात दिखाई देते हैं. हेडक्वार्टर की इमारतों पर गोला-बारूद के हमलों और आग से हुए नुकसान के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं, जो पहले की तस्वीरों में नहीं थे. इससे साफ पता चलता है कि हमला बेहद तेज और विध्वंसक था.

सोशल मीडिया और स्थानीय रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि कई लोगों को सामूहिक रूप से मारा गया और नागरिकों को शहर की दीवार (बरम) पार करते वक्त गोली मार दी गई.

वीडियो: मैथिली ठाकुर ने पाग, जींस और मीट विवाद पर क्या बताया?

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