बहुत अच्छा होगा कि जिन्हें मुआवजे के तौर पर पांच एकड़ ज़मीन मिले, वो उस जगह पर एक बड़ा चैरिटेबल अस्पताल बनाने का फैसला करें. ऐसा हॉस्पिटल, जिसे हर समुदाय के लोग मदद करें. सारी कम्यूनिटीज़ के लोग उसे स्पॉन्सर करें.
सभी लोगों से विनम्र आग्रह है. अयोध्या केस पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करिए. ये फैसला आपके पक्ष में हो या आपके विरुद्ध, इसे पूरी गरिमा, पूरी शालीनता के साथ स्वीकार कीजिए. हमारे देश को एक होकर इससे आगे बढ़ने की ज़रूरत है. जय हिंद.
हमें मस्ज़िद की ज़रूरत नहीं. नमाज़ तो हम कहीं भी पढ़ लेंगे. ट्रेन में, प्लेन में, ज़मीन पर, कहीं भी पढ़ लेंगे. मगर हमें ज़रूरत है बेहतर स्कूलों की. तालीम अच्छी मिलेगी 22 करोड़ मुसलमानों को, तो इस देश की बहुत सी कमियां ख़त्म हो जाएंगी.सलीम ख़ान ने कहा कि पैगंबर ने इस्लाम की जो दो ख़ायिसत बताईं, वो हैं मुहब्बत और क्षमा. सलीम ख़ान ने कहा-
इस कहानी (अयोध्या विवाद) के ख़त्म हो जाने के बाद मुसलमानों को चाहिए कि वो इन दोनों नेमतों को बरतें और आगे बढ़ें. मुहब्बत ज़ाहिर करिए और मुआफ़ करिए. ऐसे मसलों पर पीछे मुड़कर मत देखिए. पीछे का मत याद कीजिए. बस यहां से आगे की तरफ बढ़िए. ऐसे संवेदनशील फैसले के ऐलान के बाद जिस तरह से शांति और भाईचारा बनाए रखा गया है, वो तारीफ़ के काबिल है. एक बहुत पुराना विवाद अब सुलझ गया. अपने दिल की गहराइयों से मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं.
अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बता रहे सौरभ द्विवेदी अयोध्या: राम मंदिर के लिए ट्रस्ट की रूपरेखा क्या सोमनाथ मंदिर जैसी हो सकती है? अयोध्या निर्णय: सुप्रीम कोर्ट में शिया पक्ष का पक्ष खारिज होने के पीछे की असली वजह बाबरी मस्जिद विध्वंस के अगले दिन PM PV नरसिम्हा राव ने संसद में क्या कहा? क्या है ये अयोध्या ऐक्ट 1993 जिसका ज़िक्र अयोध्या फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किया है? अयोध्या भूमि विवाद में ये 2.77 एकड़ का आंकड़ा चर्चा में कब आया?