एक शिक्षक ने नमाज पढ़ी. वीडियो वायरल हुआ. फिर माहौल खराब करने का आरोप लगने लगा. थाने में तहरीर तक दे दी गई. क्यों? कुछ नेताओं को कॉलेज कैंपस में नमाज पढ़ना पसंद नहीं आया. तो वहीं, अब कॉलेज के प्रिंसिपल ने भी इस मामले में जांच कराने के निर्देश दे दिए हैं.
अलीगढ़: टीचर ने कालेज में नमाज पढ़ी, BJP नेता ने इसे सरकार के खिलाफ साजिश बता दिया
भाजपा नेता का कहना है कि 'कॉलेज परिसर में शिक्षक का नमाज पढ़ना कॉलेज में धर्म के आधार पर अलगाव फैलाने और शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश है'. उन्होंने दावा किया कि ऐसा करने से छात्रों के बीच फूट पैदा हो सकती है. उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह की 'भड़काऊ' हरकतें छात्रों को हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं.

पूरा मामला अलीगढ़ के गांधी पार्क थाने का है. यहां के वार्ष्णेय कॉलेज से वायरल एक वीडियो में दिखाई दे रहे शिक्षक का नाम एसआर खालिद बताया गया है. ये उसी कॉलेज की लॉ फैकल्टी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बीजेपी नेता ने कॉलेज कैंपस में नमाज पढ़ने पर माहौल खराब करने की बात कही. बीजेपी युवा मोर्चा के नेता अमित गोस्वामी ने मांग की है कि शिक्षक एसआर खालिद के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. शनिवार, 28 मई को अमित गोस्वामी ने बताया कि उन्होंने पुलिस से 48 घंटों के अंदर कार्रवाई करने की डिमांड की है. अमित गोस्वामी ने कहा,
हमने पुलिस को इस बारे में सूचना दे दी है. थाना अध्यक्ष को तहरीर दी है और शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 48 घंटे दिए हैं. पुलिस ने कहा कि वो इस मामले में जल्द ही एक्शन लेंगे और केस दर्ज करेंगे.
भाजपा नेता का कहना है कि 'कॉलेज परिसर में शिक्षक का नमाज पढ़ना कॉलेज में धर्म के आधार पर अलगाव फैलाने और शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश है'. उन्होंने दावा किया कि ऐसा करने से छात्रों के बीच फूट पैदा हो सकती है.
उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह की कथित भड़काऊड हरकतें छात्रों को हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं. उन्होंने कहा,
हमने कॉलेज प्रशासन से इस बारे में बात की है. हमें बताया गया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर को 'कारण बताओ' नोटिस जारी कर दिया गया है.
भाजपा नेता ने कहा कि ये कोई छोटी मोटी घटना नहीं, बल्कि प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ एक योजनाबद्ध साजिश थी.
प्रिंसिपल ने क्या कहा?वहीं, मामले में वार्ष्णेय कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से इस मामले का पता लगा है.
उन्होंने बताया कि शिक्षक के कॉलेज में नमाज पढ़ने की जानकारी मिलने पर इसकी जांच शुरू की गई है. इसके लिए एक कमेटी बना दी गई है. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिंसिपल ने ये भी कहा है कि 'यह शिक्षण संस्थान है, यहां पढ़ाई के अलावा किसी को भी धार्मिक कार्य करने की अनुमति नहीं है. आपको बता दें कि वीडियो कथित तौर पर इस हफ्ते की शुरुआत का है.
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