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अग्निपथ: अग्निवीरों के लिए उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने किया बड़ा ऐलान

आनंद महिंद्रा ने कहा कि उनका ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित और काबिल युवाओं को नौकरी देने की राह देख रहा है.

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महिंद्रा ग्रुप के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा (फाइल फोटो- पीटीआई)

सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना (Agnipath scheme protest) को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. पिछले 5 दिनों में बिहार, यूपी सहित कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले. इस बीच महिंद्रा ग्रुप के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा ने ऐलान किया है कि वे अग्निवीरों को अपनी कंपनी में काम करने का मौका देंगे. उन्होंने कहा कि वे इस योजना को लेकर हो रही हिंसा को लेकर दुखी हैं. 

आनंद महिंद्रा ने 20 जून को एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 

"अग्निपथ योजना को लेकर हो रही हिंसा को लेकर दुखी हूं. पिछले साल जब इस योजना पर विचार हो रहा था, तो मैंने कहा था और उसे दोहरा रहा हूं कि अनुशासन और कौशल अग्निवीरों को उत्कृष्ट रूप से रोजगार योग्य बनाएगा. महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित और सक्षम युवाओं को भर्ती करने की राह देख रहा है."

दरअसल, अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में चार सालों के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी. इन्हें ही ‘अग्निवीर’ कहा जा रहा है. चार साल बाद इनमें से सिर्फ 25 फीसदी अग्निनवीरों को स्थाई नौकरी मिलेगी. बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को नौकरी छोड़नी पड़ेगी. इस योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में युवा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं. 

अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद यह पहली बार है, जब किसी उद्योगपति ने अग्निवीरों को भर्ती करने की बात कही है. हालांकि, आनंद महिंद्रा की इस घोषणा को लेकर कई लोग सवाल उठाने लगे कि वो सेना से आए लोगों को किस तरह का रोजगार देंगे. एक ट्विटर यूजर संदीप कुमार ने आनंद महिंद्रा से उनके ट्वीट के रिप्लाई में पूछा कि महिंद्रा ग्रुप में अग्निवीरों को किस तरह का पद दिया जाएगा.

इसपर आनंद महिंद्रा ने जवाब दिया, 

"कॉरपोरेट सेक्टर में अग्निवीरों के लिए रोजगार की बहुत बड़ी संभावनाएं हैं. लीडरशिप, टीमवर्क और फिजिकल ट्रेनिंग के साथ, अग्निवीर उद्योग को बाजार के लिए तैयार पेशेवर समाधान उपलब्ध कराएंगे. इसमें संचालन से लेकर प्रशासन और सप्लाई चेन मैनेजमेंट तक सबकुछ शामिल है."

इससे पहले केंद्र सरकार ने 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी. इसके बाद से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन होने लगे. देखते ही देखते ये प्रदर्शन हिंसक हो उठे. कई ट्रेनों में आग लगा दी गई. कई जगहों से तोड़फोड़ की तस्वीरें सामने आईं. इस बीच सरकार की तरफ से अग्निपथ योजना को लेकर कई तरह की दूसरी घोषणाएं की गईं. 

अग्निवीर को लेकर बीजेपी नेताओं का बयान

इस बीच योजना के बचाव में बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक बयान दिया, जिसपर विवाद खड़ा हो गया. उन्होंने कह दिया कि अगर बीजेपी कार्यालय में सिक्योरिटी रखनी होगी, तो वे अग्निवीरों को प्राथमिकता देंगे. ट्विटर पर उनका एक वीडियो वायरल है जिसमें वे कह रहे हैं, 

"सेना की ट्रेनिंग में पहला डिसीप्लिन दूसरा आज्ञा का पालन करना. जब वो ट्रेनिंग लेगा और चार साल की सेवा करने के बाद निकलेगा, साढ़े 17 साल से 23 साल तक की उम्र का होगा, अगर वो 21 साल में भी भर्ती होता है, तो चार साल काम करने के बाद वो 25 साल का हो जाएगा. जब वो बाहर निकलेगा तो 11 लाख रुपये उसके हाथ में होंगे और छाती पर अग्निवीर का एक तमगा लगा होगा... मुझे अगर इस ऑफिस में, बीजेपी के ऑफिस में अगर सिक्योरिटी रखनी है, तो मैं अग्निवीर को प्राथमिकता दूंगा."

हालांकि बाद में सफाई देते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 

"अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे, सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वह जिस भी क्षेत्र में जायेंगे वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा. मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था."

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी का भी एक बयान वायरल हो रहा है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि भर्ती होने के बाद अग्निवीर ड्राइवर, इलेक्ट्रिशयन, वॉशरमैन जैसी स्किल के साथ प्रशिक्षित होंगे. किशन रेड्डी ने ये भी कहा कि चार साल बाद "इन पदों पर काम में उन्हें फायदा मिलेगा." 

बहरहाल, अग्निपथ योजना को लेकर देश भर में प्रदर्शन अब भी जारी है. कई शहरों में इंटरनेट सेवा बंद है. 20 जून को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया गया है. कई ट्रेनें भी रद्द हुई हैं.