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Republic Day Parade नहीं देख पाए तो एक क्लिक में जानिए हर राज्य की झांकी के बारे में

मिस्र की 144 सैनिकों की टुकड़ी ने पहली बार लिया हिस्सा.

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परेड की सलामी लेती राष्ट्रपति (फोटो- ANI)

देश 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस अवसर पर भारत के राष्ट्रपति और तीनों सेनाओं की कमांडर द्रौपदी मुर्मू को परेड ने सलामी दी. इस बार गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल सिसी हैं. गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कई चीजें देखने लायक हुईं. इस दौरान तीनों सेनाओं ने मार्च किया और अलग-अलग प्रदेशों की झांकियां निकाली गईं. इस दौरान क्या-क्या खास हुआ, आइए जानते हैं.

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परेड की शुरुआत से पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई. इस बार खास बात ये रही कि देश में बने 105 एमएम लाइट फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई.

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सलामी के बाद राष्ट्रपति के आगमन पर वायुसेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट केमल रानी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. जिसके बाद आकाश में एमआई 17 वी 5 (MI 17 V 5) के चार हेलीकॉप्टरों ने वाईन ग्लास फॉर नेशन में राष्ट्रीय ध्वज और तीनों सेनाओं के ध्वज के साथ फ्लाई पास्ट किया.

61वीं कैवलरी ने सबसे पहले किया मार्च

74 वें गणतंत्र दिवस की परेड का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ द्वारा किया गया. परेड में 61वीं कैवलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायजादा शौर्य बाली ने किया. 61 कैवलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी 'स्टेट हॉर्स यूनिट्स' का संयोजन है. जिसके बाद सलामी मंच के सामने से सेना की कई टुकड़ियों ने मार्च पास्ट किया. सबसे खास मार्च किया परमवीर चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित सैनिकों ने. इसको फॉलो किया मिस्र की 144 सैनिकों की टुकड़ी ने, जो पहली बार परेड में हिस्सा ले रही थी. इसका नेतृत्व महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह अल खारासावी ने किया.

इस बार की परेड में मेक इन इंडिया की थीम पर फोकस रहा. सेना के टैंक से लेकर, ब्रह्मोस मिसाइल और 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज सभी में इस थीम को दर्शाया गया. बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है. ये मिसाइल चलते-फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर देता है.  यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के रडार इसे देख ही नहीं पाएगी. इसको मार गिराना लगभग अंसभव है. ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टॉमहॉक मिसाइल से दोगुना तेज उड़ती है.

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नौसना के मार्च में अग्निवीर

भारतीय नेवी और एयरफोर्स के दस्ते ने कर्तव्य पथ पर शानदार मार्च किया. खास बात ये रही की भारतीय नौसेना की टुकड़ी में इस बार पहली बार अग्निवरों ने भी हिस्सा लिया. अग्निवीरों ने नौसेना की टुकड़ी के साथ मार्च किया. वायुसेना और नौसेना की झांकी में सबमरीन और कई तरह के लड़ाकू विमान दिखाए गए. 

BSF की ऊंट टुकड़ी में पहली बार महिला अफसर

गणतंत्र दिवस पर पहली बार बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ऊंटों की टुकड़ी में महिला अफसरों को शामिल किया गया है. गणतंत्र दिवस पर पहली बार बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ऊंटों की टुकड़ी में महिला अफसरों को शामिल किया गया है. सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम आकाश टुकड़ी का नेतृत्व लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने किया. इनमें आर्मी के 3 और एयरफोर्स और नेवी की एक-एक मेंबर्स शामिल होंगे.

राज्यों की झांकियां

राज्यों की झांकी में सबसे पहले आंध्र प्रदेश की झांकी ने हिस्सा लिया. आंध्र प्रदेश की झांकी में मकर संक्रांति के त्योहार को दर्शाया गया. इसके बाद असम की झांकी में सेनानियों और अध्यात्म का दर्शन पेश किया गया.  

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लद्दाख की झांकी में वहां के पर्यटन और समग्र संस्कृति को पेश किया गया. वहीं उत्तराखंड की झांकी देव भूमि के मानसखंड पर आधारित थी. त्रिपुरा की झांकी में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और पर्यटन व जैविक खेती की झलक देखने को मिली.  

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पश्चिमी भारत की झांकी में गुजरात की झांकी पेश की गई. इसमें क्लीन ग्रीन ऊर्जा युक्त गुजरात का मोढेरा गांव दिखाया गया. जो कि सौर्य ऊर्जा से चलने वाला गांव बन गया है. झारखंड की झांकी में बैजनाथ धाम और बिरसा मुंडा को दर्शाया गया.  

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पूर्व उत्तर भारत से अरुणाचल प्रदेश की झांकी में पर्यटन की संभावनाओं को दिखाया गया. जम्मू कश्मीर की झांकी में  नया जम्मू कश्मीर पेश किया गया. केरल राज्य की झांकी में नारी शक्ति को दिखाया गया. पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा को झांकी में शामिल किया गया. जो कि वहां की संस्कृति का हिस्सा है.  

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महाराष्ट्र की झांकी में भी नारी शक्ति की झलक मिली. इस झांकी में साढ़े तीन शक्तिपीठ को दिखाया गया. वहीं तमिलनाडु की झांकी महिला सशक्तिकरण और संस्कृति पर आधारित थी. इसमें तमिलनाडु का तंजावुर मंदिर और मनोहारी नृत्य भी दिखाया गया. कर्नाटक से आई झांकी में नारी शक्ति को प्रदर्शित किया गया.

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हरियाणा की झांकी में कुरुक्षेत्र को दिखाया गया. महाभारत की इस धरती से गीता महोत्सव की झांकी को प्रदर्शित किया गया. दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव की जनजातीय संस्कृति और विरासत के संरक्षण की झांकी को पेश किया गया.  

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उत्तर प्रदेश की झांकी में अयोध्या के दीपोत्सव को प्रदर्शित किया गया. भगवान राम की नगरी से दीपों का संदेश दिया गया.

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विभागों और मंत्रालयों की झांकी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की झांकी में पोषक तत्वों के पावर हाउस को दिखाया गया. अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स दिवस 2023 भारत की पहल पर मनाया जा रहा है. इस झांकी में इसी की झलक देखने को मिली. वहीं जनजातीय कार्य मंत्रालय ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय को अपनी झांकी में दिखाया.

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NCB यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अपनी झांकी में ‘नशा मुक्त भारत’ की थीम को पेश किया. वहीं, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल ने नारी शक्ति पर आधारित अपनी झांकी को पेश किया. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने जैव विविधता संरक्षण को दर्शाया. इसके अलावा राष्ट्रीय पक्षी मोर को भी दिखाया. संस्कृति मंत्रालय की झांकी भारत की मातृ शक्ति को समर्पित रही.

कोर ऑफ सिग्नल की डेयर डेविल्स टीम

ये था एक मोटरसाइकिल प्रदर्शन. मोटरसाइकिल पर कोर ऑफ सिग्नल के जवान ऐसा प्रदर्शन करते हैं जो संतुलन और अभ्यास को दिखाता है. कोई मोटरसाइकिल चलाने के साथ सैल्यूट करता दिखा. तो कोई मोटरसाइकिल में योग करता. तो कोई 18 फीट ऊंची लैडर पर विश्व रिकार्ड बनाता नजर आएगा. कोई लोट्स फॉर्मेशन में दिखा तो कोई अभिमन्यू फॉर्मेशन में. लोट्स फॉर्मेशन में 10 जवान एक मोटरसाइकिल पर बनाते हैं.  

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वायुसेना का फ्लाई पास्ट

इसमें वायु सेना के 44 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया. सबसे पहले प्रचंड फॉरमेशन. जिसमें एक  लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर, दो अपाचे  हेलीकॉप्टर और दो एएलएच ने हिस्सा लिया. 

तिरंगा फॉरमेशन में 5 सारंग हेलीकॉप्टर ने भाग लिया. ये 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार में होता है. वहीं तंगैल फॉरमेशन में एक डकोटा विमान हिस्सा लेता है. उसके पीछे दो डोर्नियर विमान भी होते हैं.

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बजरंग फॉरमेशन में चार राफेल के साथ एक सी-130 विमान होता है. इसके बाद गरुड़ फॉरमेशन देखने को मिला. इसमें नौसेना का एक आईएल 38 और एक एएन-32 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया.

वहीं नेत्र फॉरमेशन की बात करें तो इसमें चार राफेल फाइटर जेट के साथ एक ए डब्लू एंड सी एयरक्राफ्ट होता है. भीम फॉरमेशन में दो सुखोई-30 के साथ एक सी-130 विमान ने फ्लाई पास्ट किया. अमृत फॉरमेशन में 6 जगुआर विमानों ने हिस्सा लिया. इसके बाद त्रिशूल फॉरमेशन तीन सुखोई फाइटर जेट्स द्वारा पेश किया गया.

आखिर में विजय फॉरमेशन में एक राफेल लड़ाकू विमान ने 900 किलोमीटर की रफ्तार से सलामी मंच के सामने वर्टिकल चार्ली दिखाते हुए फ्लाई पास्ट किया. 

वीडियो: 26 जनवरी परेड में कैसे चुना जाता है चीफ गेस्ट, जिसे दी जाती है 21 तोपों की सलामी

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