मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल, जिन्हें न इंदिरा ने पसंद किया, न संजय ने
तीन बार मुख्यमंत्री बने लेकिन हर बार समय से पहले कुर्सी छोड़नी पड़ी.
मुख्यमंत्री के इस एपिसोड में हम आपको मध्यप्रदेश के उस सीएम की कहानी बताएंगे जिसके पिता भी मुख्यमंत्री थे. लेकिन न तो उसने और न ही किसी और ने सोचा था कि वो मुख्यमंत्री बनेगा. एक बार नहीं, दो बार नहीं, तीन-तीन बार. सोचा तो किसी ने ये भी नहीं था, कि तीनों बार वो 5 साल का कार्यकाल पूरा करने से रह जाएगा.ये कहानी है मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल के बेटे श्यामाचरण शुक्ल की. जिन्होंने जब होश संभाला तो उनके घर में 52 कमरे थे और मेहमाननवाज़ी के लिए नौकरों की पूरी की पूरी पलटन.