कौन हैं मुकुल गोयल जो उत्तर प्रदेश के नए DGP बनाए गए हैं?
साल 2000 में मुकुल गोयल सहारनपुर के एसएसपी पोस्ट से क्यों सस्पेंड हुए थे?

1987 बैच के IPS अधिकारी मुकुल उत्तर प्रदेश के नए DGP बनाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश को नया पुलिस महानिदेशक (DGP) मिल गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने मंगलवार 30 जून को मुकुल गोयल को नया डीजीपी नियुक्त कर दिया. इसी दिन उत्तर प्रदेश के मौजूदा DGP हितेश चंद्र अवस्थी रिटायर हो गए. उनके अलावा सूबे के 20 अन्य पुलिस अफसर भी 30 जून को ही रिटायर हो गए. इस दौरान दिनभर खबरें चलती रहीं कि यूपी का अगला DGP कौन होगा. रेस में मुकुल गोयल और आरपी सिंह के नाम सामने आ रहे थे. शाम को खबर आई कि राज्य सरकार ने मुकुल गोयल को नया DGP बना दिया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, DGP बनने से एक दिन पहले यानी 29 जून को मुकुल गोयल ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इसके बाद से DGP पद के लिए उनके नाम की चर्चा ने जोर पकड़ लिया था. कौन हैं मुकुल गोयल? 1987 बैच के IPS अधिकारी हैं. इस वक्त मुकुल गोयल BSF में ADG के पद पर तैनात हैं. वे मूलतः मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. मुकुल ने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद एमबीए किया. उनके पास उत्तर प्रदेश में काम करने का बड़ा अनुभव रहा है. सर्विस के दौरान मुकुल आज़मगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, सहारनपुर, मेरठ के एसपी और एसएसपी रहे हैं. वे कानपुर, आगरा और बरेली के डीआईजी भी रह चुके हैं. मुकुल ITBP यानी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वे IG के तौर पर NDRF और उत्तर प्रदेश के बरेली में भी तैनात रहे. वहीं, ADG के पद पर रहते हुए मुकुल गोयल ने रेलवे, सीआईडी, ADG (कानून और व्यवस्था) और उत्तर प्रदेश DGP हेडक्वाटर में भी काम किया है. बता दें कि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के चलते तत्कालीन एडीजी (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार को हटाकर मुकुल गोयल को ही ये जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कई सम्मान मिले पुलिस विभाग में अपनी सेवा के लिए मुकुल गोयल को कई सम्मान भी मिल चुके हैं. साल 2003 में मुकुल गोयल को उनकी वीरता और सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक दिया गया था. वहीं, 2012 में विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक भी मिल चुके हैं. विवाद वाली बात पुलिस अधिकारी के तौर पर मुकुल गोयल को सम्मान तो मिले, लेकिन उनका करियर पूरी तरह बेदाग नहीं रहा. पुरानी रिपोर्टें बताती हैं कि साल 2000 में मुकुल गोयल सहारनपुर के SSP थे. उस दौरान पूर्व बीजेपी विधायक निर्भय पाल शर्मा की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद मुकुल सस्पेंड कर दिए गए थे. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट बताती है कि 2006 में जब उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर पुलिस भर्ती चल रही थी, उस वक्त मुकुल आगरा में डीआईजी के पद पर तैनात थे और वहां के भर्ती बोर्ड के प्रमुख थे. इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि 2006 के कथित पुलिस भर्ती घोटाले के आरोप में 25 IPS अधिकारियों का नाम सामने आया था. इनमें से एक नाम मुकुल गोयल का भी था. बाद में 2007 में बसपा प्रमुख मायावती की सरकार बनने के बाद मुकुल गोयल प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे. इसके बाद उनकी पोस्टिंग NDRF और सिविल डिफेंस में की गई थी. इसके अलावा समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान मुकुल गोयल उत्तर प्रदेश के कई जिलों के एसपी और रेंज के डीआईजी रहे थे.