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यूपी में बीजेपी की लुटिया कहां डूबी? 2019 में कहां जीते थे, जहां इस बार हार का सामना करना पड़ा?

देश के सबसे बड़े राज्य Uttar Pradesh में BJP ने 29 सीटें गवां दीं. Akhilesh Yadav ने ऐसा क्या किया कि SP ने PM Modi की पार्टी को 33 सीटों पर समेट दिया? BJP के 7 केंद्रीय मंत्री और 2 यूपी सरकार के मंत्री इस चुनाव में अपनी सीट गवां गए.

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यूपी में BJP को 29 सीटों का नुक़सान. (फ़ाइल फ़ोटो - इंडिया टुडे)

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आख़िरकार आ गए. इन नतीजों में कई जगहों पर बड़े उलटफेर दिखे, तो वहीं कई जगह नतीजे वैसे ही आए जैसी संभावनाएं जताई जा रही थीं. BJP की 240 सीटों के साथ NDA गठबंधन को कुल 292 सीटें मिलीं. वहीं कांग्रेस के 99 सीटों की जीत के साथ INDIA गठबंधन को 232 सीटों पर जीत मिली. ये NDA की जीत तो है, लेकिन उतनी बड़ी जीत नहीं जितनी एग्जिट पोल्स में दिखाई जा रही थी. इंडिया टुडे - Axis My India के सर्वे में BJP के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन को 361 से 401 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया. वहीं INDIA गठबंधन को कुल 131 से 166 सीटें मिलने की संभावनाएं जताई गई थीं. इस तरह इन संभावनाओं विराम लग गया. NDA गठबंधन को अनुमानों से लगभग 60-70 सीटें कम मिलती दिखीं. इनमें सबसे बड़ा नुक़सान NDA को उत्तर प्रदेश में होता दिखा. UP में BJP को 64-67 सीटें मिलती दिखाई गई थीं, जबकि मिलीं सिर्फ़ 33. मतलब आधी सीटों का नुक़सान. भाजपा को 2014 में अकेले 71 व 2019 में 62 सीटें मिली थीं. सपा को इस चुनाव में 37 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 6. इस तरह इंडिया गठबंधन ने 43 सीटों पर अपना कब्जा जमाया. इसी को समझेंगे कि आख़िर UP में BJP को असल चोट लगी कहां. पूर्वांचल में खेला हो गया या पश्चिमी में UP में पार्टी अपना आधार खोता दिखी. 2019 के बनिस्पद पार्टी को आख़िर कहां-कहां मुश्किलात झेलनी पड़ी.

2019 में यूपी से BJP को 62, जबकि सपा को 5 और बसपा को 10 सीटों मिली थीं. लेकिन इस बार बसपा को एक भी सीट नहीं मिल पाई. उसकी सारी सीटें सपा को ट्रांसफर होती दिखी. वहीं BJP के सीटों में भी बड़ी गिरावट आई. इसके पीछे बसपा का चुनाव से एक मौन दूरी बनाना तो था ही, लेकिन सपा की रणनीतियां भी रहीं. सपा ने अपनी रणनीतियों में कई तरह के बदलाव किए. मसलन जातिगत समीकरण साधना. ऐसी पार्टी जिसे कुछ ख़ास जातियों और कुछ खास परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी के रूप में जाना जाता था, उसने अलग-अलग पार्टियों, अलग-अलग सामाजिक समूहों के लोगों को शामिल करके, उन्हें बढ़ावा देकर और उन्हें आगे बढ़ाकर अपने संगठन का विस्तार किया. मसलन सपा ने अपने 62 उम्मीदवारों की सूची में सिर्फ़ पांच यादवों (सभी अखिलेश परिवार से) को टिकट दिया. जबकि 10 कुर्मी और 6 कुशवाह-मौर्य-शाक्य-सैनी को टिकट दिया. ये जातियां कई सालों से BJP की क़रीबी मानी जाती थीं. सपा ने चुनावों के दौरान OBC श्यामलाल पाल को राज्य में पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया. ये सब सपा के पक्ष में आया.

भूपेंद्र सिंह यूपी BJP के अध्यक्ष हैं और जाट भी. कहा जाता है कि उन्होंने BJP के केंद्रीय नेतृत्व को RLD के साथ गठबंधन करने के लिए राजी किया. इससे RLD को मदद मिलती दिखी. RLD को बागपत और बिजनौर में जीत मिली. लेकिन बीजेपी को जाट बहुल सीटों पर नुक़सान उठाना पड़ा है. यहां तक ​​कि भूपेंद्र सिंह की मुरादाबाद सीट पर भी सपा उम्मीदवार को जीत मिली. BJP, जो जाट बहुल इलाक़े में 2019 में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी, इस बार कई सीटों पर मुश्किल में दिखी या हार गई.

इस चुनाव में वाराणसी में पीएम मोदी की जीत का अंतर 1.52 लाख वोट (2019 के 4.79 लाख वोट के अंतर) होना, अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और फैजाबाद (अयोध्या) में मौजूदा सांसद लल्लू सिंह की हार, ने इस बात के पर्याप्त संकेत दिए कि BJP किस कदर अपने ‘गढ़’ में कमज़ोर हुई. BJP से संजीव बालियान, स्मृति ईरानी, महेंद्रनाथ पांडेय, साध्वी निरंजन ज्योति, अजय मिश्रा टेनी, कौशल किशोर और भानू प्रताप वर्मा समेत 7 केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए. जबकि दिनेश प्रताप सिंह और जयवीर सिंह चुनाव हार गए, जो यूपी सरकार में मंत्री थे.

इसके अलावा INDIA ब्लॉक के नेता कुछ सीटों पर मुसलमानों, ओबीसी, दलितों और उच्च जातियों तक के एक वर्ग को एक साथ लाने में सफल रहे. INDIA ब्लॉक के नेताओं में असहमतियां तो थीं, लेकिन वो सामने कम ही आईं. INDIA ब्लॉक कुछ ज़रूरी मुद्दों को लेकर साथ में लड़ती दिखी. इनमें “संविधान को बचाने की आवश्यकता”, 10 किलो मुफ्त राशन के वादे, अग्निवीर योजना को समाप्त करने और कृषि ऋण माफ़ी के मुद्दे शामिल रहे. साथ ही, पुलिस की नौकरी के लिए आवेदन करने वाले 48 लाख उम्मीदवार पेपर लीक होने और परीक्षा रद्द होने से नाराज़ भी दिखे. ये भी सपा समेत INDIA गठबंधन के लिए काम कर गई. 

पूर्वांचल में सपा ले गई बाज़ी

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पूर्वांचल की राजनीति का रंग बदला नज़र आ रहा है. अब पूर्वांचल भगवामय की तुलना में लाल रंग से रंग गया है. पूर्वांचल में कुल 19 लोकसभा सीटें आती हैं. ये 19 सीटें हैं- महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, बांसगांव, गाजीपुर,वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, मछली शहर, आजमगढ़, सलेमपुर, घोसी, भदोही, लालगंज, बलिया, मिर्जापुर, संतकबीर नगर और रॉबर्ट्सगंज. इनमें सपा को 11, BJP को 7, अपना दल(S) को 1 सीट मिली है.

महराजगंज से BJP के पंकज चौधरी, कुशीनगर से BJP के विजय कुमार दुबे, देवरिया से BJP शशांक मणि त्रिपाठी, गोरखपुर से भोजपुरी सुपरस्टार और BJP के रवि किशन, भदोही से BJP के विनोद कुमार बिंद और बांसगांव से BJP के कमलेश पासवान को जीत मिली. वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत की हैट्रिक लगाई है. इसके अलावा NDA से यहां अनुप्रिया पटेल जीती हैं. उन्हें मिर्जापुर से जीत मिली.

वहीं, ग़ाज़ीपुर में सपा के अफजाल अंसारी, जौनपुर में सपा बाबू सिंह कुशवाहा, चंदौली में सपा के बिरेंद्र सिंह, आज़मगढ़ में सपा के धर्मेंद्र यादव, मछलीशहर से सपा की 25 साल की प्रिया सरोज, सलेमपुर में सपा के रमाशंकर राजभर चुनाव, घोसी में सपा के राजीव राय, लालगंज से सपा के दारोगा प्रसाद सरोज, संतकबीर नगर से सपा के लक्ष्मीकांत उर्फ़ पप्पू निषाद और राबर्ट्सगंज सपा के छोटेलाल खरवार को जीत मिली. बलिया में सपा के सनातन पांडेय ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर को मात दी.

इस तरह सपा को पूर्वांचल में ग़ाज़ीपुर, लालगंज, घोसी, जौनपुर, चंदौली, मछलीशहर, सलेमपुर, संतकबीर नगर, राबर्ट्सगंज से फ़ायदा मिला. इनमें 4 बसपा से और 5 BJP से रहे.

पश्चिमी UP में कांटे की टक्कर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 27 सीटें हैं. इन 27 सीटों में सपा को 11, BJP को 12, RLD को 2 और आज़ाद समाज पार्टी(कांशीराम) और कांग्रेस को 1-1 सीट पर जीत मिली. इनमें मुज़फ़्फ़रनगर से सपा नेता हरेंद्र सिंह मलिक, मुरादाबाद से सपा नेता रुचि वीरा, रामपुर से सपा नेता मोहिबुल्लाह नदवी, सम्भल से ज़िया उर्रहमान बर्क, बदायूं से सपा नेता आदित्य यादव, एटा से सपा नेता देवेश शाक्य को, फ़िरोज़ाबाद से सपा नेता अक्षय यादव, मैनपुरी से सपा नेता डिंपल यादव, धौरहरा से सपा नेता आनंद भदौरिया, कैराना से सपा नेता इकरा हसन और आंवला से सपा नेता नीरज मौर्य यादव को जीत मिली.

अमरोहा से BJP के कंवर सिंह तंवर, पीलीभीत से यूपी सरकार में PWD मंत्री और BJP नेता जितिन प्रसाद, बरेली से BJP नेता छत्रपाल गंगवार, शाहजहांपुर से BJP के अरुण कुमार नागर, मेरठ से मशहूर एक्टर अरुण गोविल, बुलंदशहर से BJP के भोला सिंह, गौतमबुद्ध नगर से BJP नेता महेश शर्मा, ग़ाज़ियाबाद से BJP नेता अतुल गर्ग, हाथरस से BJP नेता अनूप वाल्मीकि, अलीगढ़ से BJP नेता सतीश कुमार गौतम, आगरा से BJP नेता सत्यपाल सिंह बघेल, मथुरा से BJP नेता हेमा मालिनी को जीत हासिल हुई.

जबकि बागपत से RLD के डॉ. राजकुमार सांगवान, बिजनौर से RLD के चंदन चौहान, नगीना से आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) के चंद्रशेखर आजाद चुनाव और सहारनपुर से कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद जीत गए हैं.

इस तरह पश्चिमी यूपी में सपा को मुज़फ़्फ़नगर, एटा, फ़िरोज़ाबाद, धौरहरा, कैराना और आंवला सीट के रूप में 6 सीटों पर फ़ायदा मिला. कांग्रेस को सहारनपुर में और आज़ाद समाज पार्टी(कांंशीराम) को 1 सीट का फ़ायदा मिला.

अवध में कौन आगे

अवध में BJP को 14, सपा को 11 और कांग्रेस को 5 सीटें मिली हैं. इनमें लखनऊ से BJP के बड़े नेता राजनाथ सिंह, कैसरगंज से BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह, मिश्रिख से BJP के अशोक कुमार रावत, कानपुर से BJP के रमेश अवस्थी, हरदोई से BJP के जय प्रकाश रावत, फतेहपुर सीकरी BJP के राजकुमार चाहर, गोंडा से BJP के कीर्तिवर्धन सिंह, इटावा से BJP के जितेंद्र दौहरे को जीत मिली. फर्रुखाबाद से BJP के मुकेश राजपूत, फूलपुर से BJP के प्रवीण पटेल, उन्नाव से BJP के सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज, अकबरपुर से BJP के देवेंद्र सिंह भोले, बहराइच से BJP के डॉ. आनंद कुमार को जीत मिली है.

वहीं, खीरी से सपा के उत्कर्ष वर्मा, मोहनलालगंज से सपा के RK चौधरी, कन्नौज से सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कौशाम्बी में सपा के पुष्पेन्द्र सरोज, प्रतापगढ़ में सपा के एस पी सिंह पटेल, फैजाबाद से सपा के अवधेश प्रसाद, सुल्तानपुर से सपा के राम भुआल निषाद, बस्ती से सपा के राम प्रसाद चौधरी, अंबेडकर नगर से सपा नेता लालजी वर्मा, फतेहपुर से सपा नेता नरेश उत्तम पटेल, श्रावस्ती में सपा नेता राम शिरोमणी वर्मा ने चुनाव जीता है.

साथ ही, बाराबंकी में कांग्रेस के तनुज पुनिया, अमेठी से कांग्रेस नेता किशोरी लाल शर्मा, रायबरेली से कांग्रेस नेता राहुल गांधी, इलाहाबाद से कांग्रेस नेता उज्ज्वल रमण सिंह, सीतापुर से कांग्रेस नेता राकेश राठौड़ को जीत मिली है.

अवध में सपा को खीरी, मोहनलालगंज, कन्नौज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, फैजाबाद, सुल्तानपुर, बस्ती, अंबेडकर नगर, फतेहपुर और श्रावस्ती की सीटों पर कब्जा करने में कामयाब रही. इनमें बसपा की 2, जबकि BJP से 10 शामिल हैं. जबकि कांग्रेस को यहां बाराबंकी, अमेठी, इलाहाबाद और सीतापुर समेत 4 सीटों का फ़ायदा हुआ.

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बुंदेलखंड में कितने-कितने

झांसी से BJP नेता अनुराग शर्मा जीते हैं. जबकि बांदा से सपा नेता कृष्णा देवी पटेल, जालौन से जीते सपा नेता नारायण दास अहिरवार, हमीरपुर से सपा नेता अजेंद्र सिंह राजपूत को जीत मिली.

इसका मतलब सपा ने बीजेपी से बांदा, नारायण दास अहिरवार और हमीरपुर की सीटें अपने कब्जे में ले लिया.

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