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क्या है हिंदी लिखने, पढ़ने और बोलने वालों का संघर्ष?: Ep 17

किताबवाला के इस एपिसोड में सुनिए सौरभ द्विवेदी ने डॉ. कुंदन यादव से उनकी किताब 'गँड़ासा गुरु की शपथ' के बारे में विस्तार से बात की. यह किताब बनारसी लहजे में लिखी गयी कहानियों का संग्रह है जो लेखक के जीवन में घटित कई घटनाओ और किस्सों को भी समेटे हुए है. इस एपिसोड में जानिए कुंदन यादव के अमेरिका में हिंदी पढ़ाने के अनुभव के बारे में और सुनिए क्यों आज भी हिंदी लिखने पढ़ने वालों का एक धड़ा कुंठा का शिकार है और लोग ऐसे हिंदी भाषियों के लिए किस तरह की आम धारणा रखते हैं और साथ ही सुनिए आज की तारीख में बृज भाषा में सवैया लिखने वाले कुंदन यादव को अपभ्रंश भाषा का गूढ़ ज्ञान कैसे हुआ?

किताबवाला के इस एपिसोड सुनिए गँड़ासा गुरु की शपथ किताब के लेखक डॉ. कुंदन यादव को जो लेखक होने के साथ ही पेशे से भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी भी हैं. संपादक सौरभ द्विवेदी ने जेएनयू के मनोरंजक उपाख्यानों सहित कई मुद्दों पर उनसे बातचीत की है. कुंदन हमें संयुक्त राज्य अमेरिका में उनके दिलचस्प जीवन के बारे में बता रहे हैं जब वह वहां डंकन फ्लेचर छात्रवृत्ति पर गए थे.

कुंदन यादव इस एपिसोड में भाषा के सरलीकरण पर भी बात कर रहे हैं साथ ही बता रहे हैं दक्षिण भारत में हिंदी बोलने के अपने अनुभव के बारे में. सुनिए अपने निजी और व्यावहारिक जीवन में कुंदन यादव के अपभ्रंश भाषा के प्रयोगों के बारे में.  

जानिए कुंदन यादव का निजी जीवन किस तरह उन्हें यह किताब गँड़ासा गुरु की शपथ लिखने के लिए प्रेरित करता रहा. कैसे वो एक पहलवान भी हुए और कैसे उन्हें पंडित की उपाधि भी दी गयी. इस एपिसोड में आप कुंदन यादव के द्वारा गाए हुए बृज के भाषा के सोरठे भी सुनेंगे.  उनकी पुस्तक बनारसी लहजे में लिखी गई कहानियों का संग्रह है जो हमारे समाज के बारे में मज़ेदार और ईमानदार बिंदुओं से पर केंद्रित है. सुनिए किताबवाला का ये एपिसोड सिर्फ LT Baaja पर.

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