“दरअसल मैं ये सोचता हूं, कि तुम एक ऐसे छोटे आदमी हो, जिसका मोटा मुंह बहुत चलता है. और, ये बोलते हुए तुमको शर्म आनी चाहिए, कि (फाइट में) कैशियस क्ले के कच्छे पर, दाग़ के एक छींटे से ज़्यादा तुम कुछ भी हो पाओगे.”ये लॉस एंजेल्स है. अमेरिका की फ़िल्मी राजधानी. बरस 1969 का. वेस्टर्न फ़िल्मों का ज़माना जाने को है. वेस्टर्न मतलब ऊंची एड़ी वाले जूते पहने, कमर में पिस्टल, सिर पर टोपी लगाए, घोड़े पर सवार काऊबॉयज़ की फ़िल्में. ऐसी ही वेस्टर्न टीवी सीरीज 'बाऊंटी लॉ' का स्टार रहा है रिक डॉल्टन. उम्र जैसे जैसे बढ़ रही है वो इनसिक्योर हो रहा है. मेहनती एक्टर है. एफर्ट लगाता है. लेकिन कुछ बरसों से दूसरे हीरोज़ के टीवी शोज़ में गेस्ट रोल करने तक सीमित होता जा रहा है. वो भी पिटाई खाने वाले विलेन्स के रोल. हॉलीवुड में नए तरीके की फ़िल्में आ रही हैं, कल्चर बदल रहा है इसलिए उसके जैसे एक्टर्स का रोजगार जा रहा है.- बूथ क्लिफ हॉलीवुड फ़िल्मों में स्टंट डबल का काम करता है. एक फ़िल्म के सेट पर ब्रूस ली शेखी बघार रहा होता है कि वो कितना ख़तरनाक फाइटर है और उसके हाथ लीथल वैपन्स हैं. वो अपने बारे में कहता है कि अगर उसका और कैशियस क्ले (मोहम्मद अली) का मुकाबला होता है तो क्ले को अपाहिज बना देगा. ये सुनकर वहां बैठा क्लिफ हंस पड़ता है. ब्रूस देखकर कहता है, "क्या मैंने कुछ फनी बोला है जो तुम हंस रहे हो?" पहले क्लिफ टालता है फिर उससे कहता है कि क्ले के कच्छे पर दाग़ के छींटे से ज्यादा तुम कुछ न हो पाओगे. ये सुनकर सेट पर मौजूद सब लोग हंसने लगते हैं. ब्रूस की बेइज़्ज़ती हो जाती है. वो कहता है - "मुझे तो तुम बड़े मुंह वाले लग रहे हो." फिर वो क्लिफ को एक फ्रेंडली फाइट के लिए बुलाता है. इसमें क्लिफ ब्रूस का जो हाल करता है वो देखने वाला होता है. हालांकि फाइट बीच में रोक दी जाती है.

घबराहट के ऐसे मौकों पर रिक को संभालता है उसका लंबे समय का स्टंट डबल रहा क्लिफ बूथ. वो उसका ख़याल रखता है. हिम्मत बंधाता है. उसका दोस्त भी है. और ड्राइवर भी क्योंकि शराब पीकर गाड़ी चलाने के बाद रिक का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त हो चुका है. क्लिफ किसी बाघ बहादुर की तरह है. कैसी भी बात हो डरता नहीं. इतने बरस हॉलीवुड में काम किया लेकिन एक छोटे से ट्रेलर में रहता है जहां उसका फैमिली मेंबर है एक पिटबुल. बेहद खतरनाक कुत्ता.
कुछ दिन पहले से, मशहूर डायरेक्टर रोमन पोलांस्की और उसकी वाइफ शैरॉन टेट आकर रिक के पड़ोस में रहने लगे हैं. हॉलीवुड के बड़े नाम हैं. रिक पोलांस्की को पहली बार जाते देखता है तो ठिठक जाता है. सोचता है काश पोलांस्की की भव्य पार्टियों में वो भी इनवाइट हो पाए. और हॉलीवुड के सुपर एक्सक्लूसिव घेरे में जा सके. लेकिन ये उसकी लाइफ की कहानी में समानांतर चल रहा ख़्वाब मात्र है. चैलेंज कुछ और है.
अब रिक के सामने दो रास्ते हैं. या तो वो यूं ही अमेरिकी फ़िल्मों, टीवी में विलेन बनकर, कुटाई खा-खाकर जनता के बीच अपनी इमेज खत्म करवा ले या जैसा ऑफर है इटली जाकर स्फगैटी वेस्टर्न मूवीज़ करे. स्फगैटी यानी इटैलियन. आगे रिक क्या करता है? क्या उसका सपना पूरा होता है? क्लिफ की लाइफ कहां जाती है? ये सब कहानी में पता चलता है. और अंत में एक लाइफ चेंजिंग घटनाक्रम भी उनका इंतजार करता है.

टैरेंटीनो. किल बिल. रेज़र्वायर डॉग्स.
ये फ़िल्म गुज़रे दिनों के हॉलीवुड को डायरेक्टर क्वेंटिन टैरेंटीनो की ट्रिब्यूट है. खासकर जिसे गोल्डन एज के अंतिम दिन कहा जाता है. माना जाता है कि 1969 ही वो साल है जब पुराने हॉलीवुड की नए वाले में तब्दीली हुई. ये ट्रिब्यूट कल्पना और सच्चाई दोनों का मिश्रण है. फ़िल्म में कई पात्र एकदम असली हैं, और कई तब के लोगों, एक्टर्स पर बेस्ड हैं. ये कहानी कहने के लिए आधार एक एक्टर और उसके स्टंट डबल के रिश्ते को बनाया गया है. और ये विचार टैरेंटीनो को 2007 में अपनी फ़िल्म 'ग्राइंडहाउसः डेथप्रूफ' बनाने के कुछ समय बाद आया था जब उन्होंने अपने सामने डायरेक्टर की कुर्सी पर एक एक्टर और स्टंट डबल को बैठे देखा.
'वंस अपॉन..' के डायरेक्टर क्वेंटिन को फ़िल्मों का क्रेज़ शुरू से था. पहले एक वीडियो स्टोर में काम करते थे. वहां लोगों को बताते थे किस विषय पर कौन सी फ़िल्म देखनी चाहिए. 1992 में पहली फ़िल्म 'रेज़र्वायर डॉग्स' लिखी और डायरेक्ट की जो हिट हो गई. बाद में 'पल्प फिक्शन' और 'किल बिल' बनाई. ख़ून ख़राबे और हिंसा में डूबे ह्यूमर वाली उनकी ये फिल्में दुनिया भर में छा गई. इतनी छा गई कि ऑक्सफोर्ड ने उनके नाम का शब्द अपनी डिक्शनरी में शामिल किया - टैरेंटीनोएस्क. यानी टैरेंटीनो जैसी शैली वाली कोई फ़िल्म. 'वंस अपॉन अ टाइम इन हॉलीवुड' उनकी 9वीं फ़िल्म है और वे घोषणा कर चुके हैं कि 10वीं फ़िल्म उनकी आखिरी फ़िल्म होगी. उसके बाद रिटायर हो जाएंगे. इस घोषणा के बाद से लोगों में बेचैनी और कौतुहल है.

लियोनार्डो (द रेवनेंट) और ब्रैड पिट (..बेंजामिन बटन).
इस फ़िल्म में एक्टर रिक डॉल्टन का रोल लियोनार्डो डिकैप्रियो ने किया है और स्टंटमैन क्लिफ बने हैं ब्रैट पिट.
लियोनार्डो को हम 'टाइटैनिक' और 'कैच मी इफ यू कैन' से लेकर 'इनसेप्शन' और 'द वुल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट' जैसी बहुत सी फ़िल्मों से पहचानते हैं. 2016 में उन्होंने आलेहांद्रो इनारितु की 'द रेवनेंट' में कपकपा देने वाले अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर का ऑस्कर भी जीता.
वहीं ब्रैड पिट के काम से भी दुनिया भर के दर्शक परिचित है. उनकी 'ट्रॉय', 'ओशियंस इलेवन', 'द क्यूरियस केस ऑफ बेंजामिन बटन' और 'मनीबॉल' बड़ी पॉपुलर फ़िल्में रही हैं. प्रोड्यूसर के तौर पर उन्होंने बहुत आश्चर्यजनक फ़िल्मों को सपोर्ट किया है जैसे - 'मूनलाइट', 'द बिग शॉर्ट', 'वाइस' और '12 ईयर्स अ स्लेव'. '12 ईयर्स..' ने बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर भी जीता था. अबकी बार वे 'वंस अपॉन..' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का ऑस्कर भी जीते हैं.
मज़ेदार सीन -
1 फ़िल्म में ब्रैड के कई मज़ेदार सीन हैं. जैसे - सबसे पहले बताया गया ब्रूस ली के साथ वाला सीन.

ये भी लगता है कि टैरेंटोनी ने ये सीन लापरवाही में या पूर्वाग्रह में लिखा है. जिसमें ब्रूस ली को लेकर उन्होंने अपना यानी हॉलीवुड का परसेप्शन दिखाने की कोशिश की है. कि वो घमंडी थे और उन्हें हॉलीवुड के एक स्टंटमैन ने उठाकर पटक दिया. (फोटोः सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट/कोलंबिया पिक्चर्स)
2 या रैंच में हिप्पियों से सामना होने वाला सस्पेंस भरा सीन.
3 लियोनार्डो का अभिनय भी कई सीन्स में गुदगुदाने वाला है. जैसे जब कास्टिंग एजेंट श्वॉर्ज़ रिक को स्फगैटी वेस्टर्न फ़िल्में करने के लिए कहता है तो वो पार्किंग में आकर रोने लगता है. क्लिफ उसे पूछता है - "रो क्यों रहे हो?" तो वो और चिढ़ते हुए कहता है - "अगर अपने करियर के फेलियर को ठीक सामने देखकर भी न रोऊं, तो मुझे समझ नहीं आता किस बात पर रोऊंगा." ये सीन हंसाता ही है.

सुबकते हुए रिक (लियोनार्डो) को चतुराई से संभालता क्लिफ (ब्रैड). (फोटोः सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट/कोलंबिया पिक्चर्स)
4 फ़िल्म के सबसे फनी सीन्स में से एक और है जो रिक के हिस्से जाता है. उसमें ये होता है कि जब रिक एक शॉट खराब देता है तो अपने ट्रेलर में आकर तोड़फोड़ करता है. नाराज़ होता है. खुद को डांटता है. अपनी ही खिल्ली उड़ाता है. ये सीन कुछ कुछ अमर अकबर एंथनी (1977) में अमिताभ वाले उस सीन जैसा मान सकते हैं जिसमें वो आइऩे में देखकर खुद से बातें करते हैं. रिक कहता है - "लानत है रिक, तुम अपनी लाइनें भूल गए. तुमने उन सब टुच्चे लोगों के सामने खुद को शर्मिंदा कर दिया. पूरी रात तुम दारू पी रहे हो. फिर दोबारा पी रहे हो. विस्की के आठ सोर. क्या घटियापन है ये. तुम एक नीच, मूर्ख शराबी हो. बेकार आदमी अपनी लाइनें याद रखा करो. .. अबकी बार अगर तुमने अपनी लाइन ठीक नहीं बोली तो मैं आज रात को तुम्हारा भेजा उड़ा दूंगा. समझे? तुम्हारे ब्रेन के टुकड़े तुम्हारे उस घटिया पूल पर बिखरे पड़े होंगे. मैं सच बोल रहा हूं. संभल जाओ."

ये असंभव नहीं है कि डायरेक्टर टैरेंटीनो ने 'अमर अकबर..' में अमिताभ वाले सीन को देखा हो और लियो का ये सीन बनाने को प्रेरित हुए हों. (फोटोः सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट/कोलंबिया पिक्चर्स)
1969 के अगस्त में एक ऐसी वारदात हुई जिसने हॉलीवुड में भूचाल ला दिया. अमेरिका को ख़ौफ से भर दिया. आने वाले दशकों के लिए देश के पॉप कल्चर को बदल दिया. हुआ ये कि एक विक्षिप्त आदमी चार्ल्स मेंशन ने अपने फॉलोअर्स को ब्रेनवॉश किया कि वे जाकर ऐसी हत्याएं करें कि दुनिया की रूह कांप जाए. वे लॉस एंजेल्स के उस इलाके में जाते हैं जहां नामी डायरेक्टर रोमन पोलांस्की अपनी वाइफ और हॉलीवुड की चहेती स्टार शैरोन टेट के साथ रहते हैं. उस दिन पोलांस्की कहीं गए हुए थे. घर पर शैरोन और कुछ और लोग थे. मेंशन फैमिली के हत्यारों ने उनके घर में घुसपैठ की और नृशंस नाच कर डाला. शैरोन आठ महीने प्रेग्नेंट थी. गिड़गिड़ाई लेकिन वो माने नहीं. उस रात के ब्यौरे कंपकपा देते हैं.
क्वेंटिन ने अपनी फ़िल्म में उस बिंदु के हॉलीवुड को काल्पनिक रूप से फिर रचा तो अतीत में हुई एक नृशंस ट्रैजेडी को भी बदल दिया. उन्होंने एक वैकल्पिक सच रचा कि उस दिन शैरोन टेट का मर्डर नहीं हुआ, बल्कि कुछ और हुआ, और उन पागल हत्यारों के साथ कुछ ख़ौफनाक हुआ.

शैरोन टेट. मर्डर सीन से बाहर लाया जाता शव. हत्याकांड के बाद रैंच से गिरफ्तार किया गया चार्ल्स मेंशन.
'वंस अपॉन..' का ये क्लाइमैक्स ही टैरेंटीनो सिग्नेचर है. कहीं न कहीं फ़िल्म को बनाने के पीछे का थ्रिल ही ये क्लाइमैक्स है. ऐसा नहीं है कि उन्होंने पहली बार ये किया है. इससे पहले भी उन्होंने इतिहास में संशोधन करने वाली कहानियां कही हैं. जैसे 2009 में 'इनग्लोरियस बास्टर्ड्स' जिसमें नाज़ियों के सिर बेसबॉल से तोड़े गए. या फिर 2012 में आई 'जैंगो अनचेन्ड' जिसमें एक ब्लैक स्लेव, अत्याचारी वाइट मालिकों की मौत बनकर आता है.
2020 के ऑस्कर में 'वंस अपॉन अ टाइम इन हॉलीवुड': 10 नॉमिनेशन मिले. दो जीते.
बेस्ट पिक्चर - डेविड हेमैन, शैनन मैकिंटॉश, क्वेंटिन टैरेंटीनो एक्टर - लियोनार्डो डिकैप्रियो सपोर्टिंग एक्टर - ब्रैड पिट डायरेक्शन - क्वेंटिन टैरेंटीनो राइटिंग (ओरिजिनल स्क्रीनप्ले) - क्वेंटिन टैरेंटीनो सिनेमैटोग्राफी - रॉबर्ट रिचर्डसन कॉस्ट्यूम डिजाइन - आरिएन फिलिप्स प्रोडक्शन डिजाइन - बारबरा लिंग, सेट डेकोरेशन - नैंसी हे साउंड एडिटिंग - वाइली स्टेटमैन साउंड मिक्सिंग - माइकल मिंकलर, क्रिस्टियन पी. मिंकलर, मार्क उलानो
2020 की ऑस्कर सीरीज़ की अन्य फ़िल्मों के बारे में पढ़ें: Parasite – 2020 के ऑस्कर में सबको तहस नहस करने वाली छोटी सी फ़िल्म
1917 – इस ऑस्कर की सबसे तगड़ी फ़िल्म जिसे देखते हुए मुंह खुला का खुला रह जाता है
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Joker – इस फ़िल्म को लेकर क्यों लगा कि ये हिंसा करवाएगी?
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