NTA की NEET UG 2024 परीक्षा नतीजे जारी करने के बाद से इसे लेकर हंगामा जारी है. इससे जुड़े कई मामले सुप्रीम कोर्ट (NEET controversy in Supreme Court) में भी हैं. ऐसे ही एक मामले में 13 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान NTA ने कोर्ट में बताया कि इस बार कुल 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स (grace marks to 1563 candidates in NEET) दिए गए हैं. बताया गया कि इन छात्रों का 23 जून को री-एग्जाम कराया जाएगा. 30 जून को इसके नतीजे आएंगे. ताकि 6 जुलाई को निर्धारित काउंसलिंग शुरू हो सके. इन 1563 में टॉप 67 में से 44 अभ्यर्थियों को भी ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं.
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NTA ने Supreme Court में बताया था कि इस बार कुल 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. इनमें 44 टॉपर्स ने NCERT की पुरानी किताब के आधार पर फ़िजिक्स के एक सवाल का ग़लत जवाब दिया था. इस पर उन्हें भी grace marks दिया गया है.

बताया गया कि इन 44 टॉपर्स ने NCERT की पुरानी किताब के आधार पर फ़िजिक्स के एक सवाल का ग़लत जवाब दिया. NTA ने कहा कि NCERT की पुरानी और नई किताबों में जानकारी अलग-अलग है. इसलिए इन बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. उनका कहना था कि हमारे देश में बच्चे अपने बड़े भाई-बहनों की पुरानी किताबों से पढ़ते हैं. NTA छात्रों को विशेष रूप से नई किताबें खरीदने के लिए नहीं कह सकता.
बाद में इस पर NCERT अध्यक्ष दिनेश प्रसाद सकलानी का जवाब आया. उन्होंने NTA के 'आउट ऑफ सिलेबस' वाले बयान को आधारहीन बताया. उन्होंने कहा कि NCERT की बदली हुई किताबें, 2020 से ही प्रिंट और ऑनलाइन दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध हैं. सवाल बनाने वालों ने 2020 से पहले की किताबों का रेफरेंस क्यों दिया, इसका हमें नहीं पता. 17 जून को मैसूर स्थित NCERT के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RIE) में प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं.
दरअसल NTA और NCERT के बीच ये बवाल NEET एग्जाम में पूछे गए फिजिक्स के एक सवाल से शुरू हुआ. सवाल जुड़ा था परमाणुओं से. जवाब के लिए 2 स्टेटमेंट दिए गए.
पहला स्टेटमेंट- एटम्स इलेक्ट्रिकली न्यूट्रल होते हैं क्योंकि उनमें पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज समान संख्या में होते हैं.
दूसरा स्टेटमेंट- हर एलिमेंट के एटम स्टेबल होते हैं और अपने विशिष्ट स्पेक्ट्रम का उत्सर्जन करते हैं.
इसके चार ऑप्शन दिए गए. इनमें सबसे उपयुक्त जवाब चुनने को कहा गया. ऑप्शन थे-
1. पहला सही, लेकिन दूसरा ग़लत.
2. पहला ग़लत, लेकिन दूसरा सही.
3. पहला और दूसरा दोनों सही.
4. दोनों कथन ग़लत.
इसके बाद 29 मई को NTA ने अपना आंसर की जारी किया. इसमें कहा गया कि पहला ऑप्शन सही है. इसका मतलब हुआ कि रेडियोधर्मी तत्वों के परमाणु स्थिर नहीं होते. यही सही जवाब है. इसके बाद इसे लेकर बवाल शुरू हुआ. इंडियन एक्सप्रेस से जुड़ी दीक्षा तेरी अपनी रिपोर्ट में बताती हैं कि क़रीब 10 हज़ार से ज़्यादा अभ्यर्थियों ने आंसर को चुनौती दी. कहा गया कि NCERT की पाठ्यपुस्तक के पुराने संस्करण में ग़लत जानकारी थी. उसमें कहा गया था, ‘प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं.’ जबकि केमेस्ट्री की सिलेबस के नए संस्करण में बताया गया कि 'ज़्यादातर' तत्वों के परमाणु स्थिर होते हैं. इसी जवाब के सही होने की बात कही गई.
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ग्रेस मार्क्स वो अंक होते हैं, जो छात्रों को उनकी एकेडमिक रिपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए देते हैं. छात्रों के लिए अच्छे परिणाम बनाने के लिए इस ग्रेडिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है. क्योंकि नतीजों का छात्रों के भविष्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है.
NTA का बयानपूरे बवाल पर NTA की भी प्रतिक्रिया आई. अफ़सरों ने तब कहा,
"चूंकि हम सभी उम्मीदवारों को NEET की तैयारी के लिए सिर्फ़ NCERT की किताबों को दृढ़ता से सलाह देते हैं. इसीलिए हमने उन सभी उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क देने का फैसला किया, जिन्होंने सवाल के जवाब में तीसरा ऑप्शन चुना. तीसरे ऑप्शन में कहा गया था कि कथन 1 और 2 दोनों सही हैं."
इस फ़ैसले से 44 अभ्यर्थियों के अंक 715 से बढ़कर 720 हो गए. इसी से इस साल NEET-UG टॉपरों की संख्या इतने बढ़ गए. जबकि 2019 के बाद से, NEET UG के किसी भी साल में तीन से ज़्यादा टॉपर नहीं रहे. जो देश में MBBS कोर्स में एडमिशन के लिए एकमात्र प्रवेश द्वार है. 2019 और 2020 में, एक-एक टॉपर थे. 2021 में तीन टॉपर थे. 2022 में एक और पिछले साल दो.
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NTA के एक और अफ़सर ने बताया था कि भारत में सालों से बड़े भाई-बहन अपनी किताबें छोटे-भाई बहनों को देते आ रहे हैं. इसमें कोई बुराई भी नहीं है. हम सब ने ऐसा किया है. NTA छात्रों को विशेष रूप से नई किताबें खरीदने के लिए नहीं कह सकता. ऐसा संभव भी नहीं है. इसलिए हम बैठक के जरिए ऐसी स्थिति के लिए उचित प्रोटोकॉल बनाएंगे. हालांकि NTA ने 12वीं की किताबों के पुराने और नए संस्करण के बीच विसंगति को NCERT के सामने नहीं उठाया था. अफ़सर का कहना है कि हम भविष्य के संदर्भ के लिए अब NCERT से इस बारे में बात करेंगे. लेकिन इस साल की नीट परीक्षा के लिए NCERT कुछ नहीं कर सकता है.
NEET के नतीजों को लेकर रोज़ नए-नए दावे सामने आ रहे हैं. रोज़ नए आरोप लग रहे हैं. ताज़ा अपडेट बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के एक बयान के बाद आया है. उन्होंने NEET पेपर लीक पर बड़ा बयान दिया है. आरोप लगाया है कि पटना स्थित एग्जाम सेंटर से पेपर लीक मामले में तेजस्वी यादव के निजी सचिव का हाथ है.
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