मीर वो शायर जिसके शेर सुनकर ग़ालिब जैसा बड़ा शायर भी दंग रह जाता था. जिसकी शायरी में एक ओर तो इतनी नर्मी थी कि वो लबों की नाजुकी को गुलाबों की पत्तियों से तोलता था तो वहीं दूसरी ओर उसी की शायरी में इतनी कठोरता और पागलपन कि पढ़ने वाला चकरा जाए. मीर की जिंदगी के रोचक पहलू ये हैं -
मीर तकी मीर, वो शायर जिसके शेर सुनकर ग़ालिब भी दंग रह जाते थे
20 सितंबर को होती है बरसी.

बाप मीर को विरासत में कर्ज देकर गए थे
मीर के बाप सूफी फकीर थे. हालांकि मीर ने थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर उनका जिक्र किया है. पर ये साफ है कि मीर ने मुफलिसी में बचपन गुजारा. अपनी मां के बारे में मीर ने कुछ खास नहीं लिखा है. और सौतेले भाई मुहम्मद हसन का जिक्र इस ढंग से किया है कि साफ पता चलता है उनका घर खुश तो कतई नहीं रहा होगा. एक जगह तो ये जिक्र भी मिलता है कि जब मीर के बाप का इंतकाल हुआ तो वो अपने पीछे तीन सौ रुपये का कर्जा और लगभग दो सौ किताबें छोड़ गए थे. उन किताबों पर भी मीर के भाई हसन ने कब्जा कर लिया था. एक बार उनके बाप के किसी मुरीद ने 5 सौ रुपये की एक हुंडी भेजी, जिसे भी उनके सौतेले भाई ने हड़प लिया. मीर की जिंदगी तीन शहरों आगरा, दिल्ली और लखनऊ में गुजरी.
तुनकमिजाजी की हद तक आत्मसम्मानी थे मीर मियां
भले ही मीर ने मुफलिसी में जिंदगी के अच्छे खासे दिन गुजार दिए थे पर उन्होंने अपना आत्मसम्मान कभी नहीं गंवाया. बादशाह भी अगर उनकी शायरी को ध्यान लगाकर नहीं सुनते तो मीर शायरी सुनाना बंद कर देते. कई बार तो मीर इसके चलते भरी महफिल से उठकर चले गए. मीर जिनसे कर्ज भी लेते थे उनसे भी अपेक्षा करते थे कि वो पूरी इज्जत के साथ उनसे पेश आयें.
क्या मीर होमोसेक्शुअल थे?
मीर की शायरी में इश्क के कई मकाम और कई रूप देखने को मिलते हैं. कई बार वो पागलपन की हद तक इश्क में हार का बदला लेने की बात करने लगते हैं तो कई बार उनकी शायरी इश्क को उसके कच्चे से कच्चे रूप में एक्सेप्ट करने की बात करती है. कई बार उनकी शायरी में ऐसे तत्व भी दिखाई पड़ते हैं जिनसे लगता है कि वो शायरी होमोसेक्शुअल जोड़े के प्रेम पर लिखी गई है. चूंकि शायरी अक्सर अनुभवों का बयान हुआ करती है. इस बात के चलते अक्सर ये शक उठता है कि कहीं ये अनुभव खुद मीर के ही तो नहीं हैं. बहरहाल, इस बात को समझने के लिए मीर का एक शेर नज्र है, देखें -
बाहम हुआ करे हैं दिन रात नीचे ऊपर वो नर्म शाने लौंडे हैं मखमली दो ख्वाबा
बाहम - साथ में, शाने - कंधे
मीर की शायरी के बेहतरीन नमूने -
1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.
8.
9.
10.
लीजिए मेंहदी हसन की आवाज में सुनिए मीर की मशहूर गजल -
https://www.youtube.com/watch?v=A373M8P6S6oये स्टोरी अविनाश ने लिखी है.
ये भी पढ़ें -
लकी अली के वो पांच गाने, जिन्हें अक्खा इंडिया गुनगुनाता है
नाम से नहीं किरदार से जाने जाते हैं ये कलाकार
ज़ोरदार किस्साः कैसे बलराज साहनी जॉनी वॉकर को फिल्मों में लाए!
6 विवादित फिल्में जिनमें धाकड़ औरतें देख घबरा गया सेंसर बोर्ड