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न चीनी फाइटर जेट्स बचेंगे न तुर्किए के ड्रोन, आकाश मिसाइल सिस्टम का प्राइम वर्जन आ गया

Akash Missile को Operation Sindoor में इस्तेमाल किया गया था. Akash Prime इसका सबसे नया वर्जन है.

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आकाश प्राइम एयर डिफेंस (PHOTO-DRDO)

भारत की एयर डिफेंस (Indian Air Defence) क्षमता में बड़ा इजाफा हुआ है. सेना (Army Air Defence) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने लद्दाख की दुर्गम पहाड़ियों में आकाश मिसाइल सिस्टम (Akash Missile) के नए वर्जन 'आकाश प्राइम' (Akash Prime) का सफल परीक्षण किया है. जल्द ही इसे सेना की 'आर्मी एयर डिफेंस' के तहत आने वाली तीसरी और चौथी रेजिमेंट में शामिल कर दिया जाएगा. 

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ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तानी हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया था. पाकिस्तान की ओर भेजे गए तुर्किए और चीन के ड्रोन्स और तमाम हवाई हमलों को इस सिस्टम ने रोका था. अब DRDO ने इसी मिसाइल सिस्टम के नए वर्जन का टेस्ट किया है. 

आकाश प्राइम 

आकाश भारत में बनी पहली जमीन से हवा (Surface To Air) में मार करने वाली मिसाइल है जिसे स्वदेशी तौर पर विकसित किया गया है. इसे DRDO ने डेवलप किया है और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने बनाया है. अब लद्दाख की पहाड़ियों में इसका टेस्ट किया गया है. इस इलाके में ऑपरेट करना हमेशा चुनौती होती है. जहां ये टेस्ट किया गया है, वो जगह समुद्र तल से लगभग 15 हजार फीट की ऊंचाई पर है. यही वजह है कि यहां हवा काफी पतली और ऑक्सीजन की मात्रा भी कम होती है. ऐसे में एयर डिफेंस सिस्टम्स के मिसाइल दागने की क्षमता पर असर भी पड़ सकता है. लेकिन आकाश प्राइम ने इन सभी चुनौतियों को पार कर लिया है.

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आकाश प्राइम का सबसे खास फीचर है इसकी अचूकता. इसमें लगा रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर (RF Seeker) तेज रफ्तार से आ रहे हवाई खतरों को रोकने में मदद करता है. RF Seeker हवाई खतरों और एयर डिफेंस सिस्टम से आ रही किसी भी तरह की रेडियो तरंग (Radio Waves) को पकड़ सकता है. साथ ही ये रडार सिग्नल भी छोड़ता है जिससे वो खतरे से टकरा कर वापस आती हैं और टारगेट का साइज, आकार और स्पीड जैसी चीजें पता चलती हैं. सबमरीन में लगा सोनार सिस्टम (Sonar System) कुछ इसी तरह काम करता है.

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सितंबर 2021 में आकाश का ओडिशा में टेस्ट किया गया था (PHOTO-DRDO)

इसकी ये खासियत ड्रोन्स, फाइटर एयरक्राफ्ट और क्रूज़ मिसाइल्स जैसे तेज रफ्तार (Supersonic Speed) से आ रहे हवाई खतरे को भी ढूंढ कर तबाह कर सकती है. इसकी रेंज 25-30 किलोमीटर तक है. साथ ही ये 15 हजार फीट तक की ऊंचाई तक जाकर ड्रोन्स, फाइटर जेट्स और क्रूज़ मिसाइल्स जैसे खतरों को तबाह कर सकता है. भारत की सेना में इसके इंडक्शन (शामिल होने) को काफी अहम माना जा रहा है.

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वीडियो: भारतीय वायुसेना ने किया 'आकाश एयर डिफेंस सिस्टम' का सफल परीक्षण

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