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Dry Promotion: काम बहुत लदेगा, पैसा जरा नहीं बढ़ेगा, इस 'सूखी तरक्की' की बधाई बहुत चुभेगी!

सूखा-सूखा प्रमोशन कहां होता है भला. होता है जनाब इसलिए इसका नाम ही 'Dry Promotion' है. पहले भी होता था मगर आजकल कुछ ज्यादा हो रहा है. रेडिट से लेकर LinkedIn जैसे प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स अपनी आप बीती बता रहे. ऐसे में हमें लगा कि इस 'सूखे' पर थोड़ा पानी डालना चाहिए.

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तरक्की के नाम पर ड्राई प्रमोशन का झुनझुना.

नौकरीपेशा आदमी की जिंदगी में सबसे अच्छा क्या हो सकता है? मुमकिन है कि जवाब महीने के आखिर में सैलरी का मैसेज और साल के आखिर में प्रमोशन. साल के आखिर में ना सही तो दो साल में तो पकड़ ही सकते हैं. चलो ना आपकी और ना मेरी. मान लिया तीन साल में तो मिलेगा ही. तीन साल हो गए और प्रमोशन मिल भी गया. मतलब अब तो मौज ही मौज. ऑफिस में रौला जमेगा और सैलरी भी बढ़ेगी. लेकिन अगर ऐसा नहीं हो तो. मतलब प्रमोशन (Dry Promotion) का झुनझुना तो पकड़ा दिया मगर सैलरी ठन ठन गोपाल.

जो आपको लगे कि ये क्या बकवास है. कहां से हमें ऐसी बकवास डिक्शनरी वाली फीलिंग आ रही है. सूखा-सूखा प्रमोशन कहां होता है भला. होता है जनाब इसलिए इसका नाम ही 'Dry Promotion' है. पहले भी होता था, मगर आजकल कुछ ज्यादा हो रहा है. रेडिट से लेकर LinkedIn तक जैसे प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स अपनी आप बीती बता रहे. ऐसे में हमें लगा कि इस 'सूखे' पर थोड़ा पानी डालना चाहिए.

कब होता है Dry Promotion?

ऐसा वाला प्रमोशन कैसे होता है वो आप अब तक समझ गए होंगे. फिर भी एक उदाहरण दे देते हैं. फिर कब और क्यों होता है वो समझते हैं. 

मान लेते हैं आपके एक दोस्त एक कंपनी में जूनियर इंजीनियर हैं या सेल्स एग्जीक्यूटिव के पद पर काम करते हैं. अचानक से उनका पद इंजीनियर या सीनियर सेल्स एग्जीक्यूटिव हो जाता है, लेकिन पैसा एक धेला नहीं बढ़ता तो ये हो गया 'Dry Promotion'. ये सिर्फ एक उदाहरण है, क्योंकि ऐसा मिडिल मैनेजमेंट से लेकर टॉप मैनेजमेंट में भी हो सकता है.

तस्वीर रेडिट से साभार 

मैंने जब अपने ऑफिस में इसके बारे में पूछा तो हमारे एक साथी ने अपनी आपबीती जाहिर की. पिछली कंपनी में उनको ‘मल्टी मीडिया प्रोड्यूसर’ से प्रमोट करके ‘असोसिएट एडिटर’ बना दिया गया था. इससे उनकी जिम्मेदारियां तो बढ़ गईं, लेकिन पैसा बिल्कुल नहीं बढ़ा.

क्यों होता है?

आमतौर पर कंपनियां ऐसा तब करती हैं जब उनकी माली हालत ठीक नहीं हो या मुनाफा कम हो रहा हो. ऐसे में कंपनी को भी बचाना है और कर्मचारी को भी. 2018 में अमेरिका में ऐसा ट्रेंड खूब देखा गया और साल 2020 में कोविड के दौरान पूरी दुनिया में 'सूखी तरक्की' आम बात थी.

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लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं कि सब कुछ बेचारगी में होता है. कई बार कंपनियां जानकर भी ऐसा करती हैं. मतलब जूनियर शब्द हटाकर अपने कर्मचारी का कान इधर की जगह उधर से पकड़ लेना टाइप. इतना करके कई बार ये भी जता दिया जाता है कि अभी प्रमोशन ले लो, अगले साल सैलरी का देखते हैं. कई बार ऐसे कर्मचारी को भी 'Dry Promotion' दिया जाता है जिसको साथ काम करने वाले भाव नहीं देते. मतलब वो आदमी कंपनी के काम का तो होता है मगर टीम भाव नहीं देती. इससे बचने के लिए बस एक पोस्ट ही तो जोड़ना या घटाना होती है. जूनियर हटा दो और सीनियर लगा दो.

कई बार गाल फुलाये या रिसाने फूफा बने एंप्लॉयी के लिए भी यही तरकीब अपनाई जाती है. बंदा रूठा है और कंपनी बदलने की सोच रहा, 'Dry Promotion' वाली स्लीपर पहना दो जिसमें तेल लगा हो.

आजकल फिर ये ट्रेंड नजर आ रहा है. Wall Street Journal की रिपोर्ट के मुताबिक आजकल 13 फीसदी कंपनियां ऐसे प्रमोशन ऑफर कर रहीं हैं. ऐसा होने की वजह बताना मुश्किल है, लेकिन एक कारण कोविड काल में हुई भयंकर वाली भर्ती हो सकती है. तीन साल होने को हैं और अब प्रमोशन मांगता. अगर आपके साथ ऐसा कुछ है तो हमें जरूर बताना.

मैं चला क्योंकि मुझे भी तीन साल हो गए हैं और अब मुझे असल वाला प्रमोशन लेना है.

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