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'भारत विरोधी' शरीफ उस्मान हादी कौन थे जिनकी मौत ने बांग्लादेश में फिर 'आग' लगा दी है?

12 दिसंबर को दोपहर में बिजॉयनगर के बॉक्स कल्वर्ट रोड पर मोटरसाइकिल सवार तीन हमलावरों ने हादी के सिर में गोली मारी. उन्हें पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखा गया, फिर बेहतर इलाज के लिए 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया. 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई.

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हादी आगामी 12 फरवरी 2026 के संसदीय चुनाव में ढाका-8 सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में प्रचार शुरू कर चुके थे. (फोटो- फेसबुक)

बांग्लादेश में जुलाई 2024 के विद्रोह का प्रमुख चेहरा और रैडिकल ग्रुप इंकलाब मंचा के नेता रहे शरीफ उस्मान हादी की गुरुवार, 18 दिसंबर को मौत हो गई. ये जानकारी फैलते ही पूरे ढाका समेत बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी. 32 साल के हादी पर 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान हमला हुआ था. अज्ञात हमलावरों ने उन्हें सिर पर गोली मारी थी. उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था. 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई.

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शरीफ उस्मान हादी कौन थे?

शरीफ उस्मान हादी बांग्लादेश की राजनीति में तेजी से उभरे एक युवा और विवादास्पद नेता थे. वो झालोकाठी जिले के नलचिटी उपजिला से ताल्लुक रखते थे. जुलाई-अगस्त 2024 के छात्र-नेतृत्व वाले जन आंदोलन में वो फ्रंटलाइन फाइटर के रूप में सामने आए. इस आंदोलन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया था.

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आंदोलन में वो फ्रंटलाइन फाइटर के रूप में सामने आए.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक हादी इंकिलाब मंचा (प्लेटफॉर्म फॉर रेवोल्यूशन) के प्रवक्ता और संयोजक थे. ये ग्रुप 2024 के विद्रोह के बाद तेजी से प्रभाव में आया और शेख हसीना की अवामी लीग को पूरी तरह खत्म करने की मुहिम में भी आगे रहा. हसीना के देश छोड़ने के बाद अस्तित्व में आई अंतरिम सरकार ने मई 2025 में अवामी लीग को भंग कर उसे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. उधर इंकिलाब मंचा ने जुलाई विद्रोह से जुड़े लोगों की सुरक्षा और अवामी लीग से जुड़े लोगों को गिरफ्तार करने की मांग जोरदार तरीके से उठाई.

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हादी भारत के मुखर आलोचक थे. वो अक्सर एंटी-इंडिया बयान देते थे. हाल में एक 'ग्रेटर बांग्लादेश' का नक्शा सर्कुलेट करने के आरोप भी उन पर लगे, जिसमें भारत के कुछ हिस्से शामिल थे. वो आगामी 12 फरवरी 2026 के संसदीय चुनाव में ढाका-8 सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में प्रचार शुरू कर चुके थे.

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हादी आगामी 12 फरवरी 2026 के संसदीय चुनाव में उतरने की तैयारी कर चुके थे.

BBC की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया नोबेल अवॉर्ड विजेता मुहम्मद यूनुस ने हादी की मौत को ‘राष्ट्र के लिए अपूर्णीय क्षति’ बताया है. हादी पर गोली बांग्लादेश में राष्ट्रीय चुनावों की तारीख की घोषणा के एक दिन बाद चलाई गई. शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद देश में ये पहले राष्ट्रीय चुनाव होंगे.

हमला और मौत

12 दिसंबर को दोपहर में बिजॉयनगर के बॉक्स कल्वर्ट रोड पर मोटरसाइकिल सवार तीन हमलावरों ने हादी के सिर में गोली मारकर हमला किया. उन्हें पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखा गया, फिर बेहतर इलाज के लिए 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया. सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि डॉक्टरों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, इसके बावजूद हादी को बचाया नहीं जा सका.

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अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए हादी की मौत की घोषणा की. उन्होंने हमलावरों को पकड़ने का वादा किया. शनिवार, 20 दिसंबर को सरकार ने देश में राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया है. 19 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद सभी धार्मिक स्थानों पर विशेष प्रार्थना का ऐलान किया. यूनुस ने ये भी बताया कि हादी की पत्नी और इकलौते बच्चे की जिम्मेदारी सरकार लेगी.

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हादी की मौत के बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं.
हिंसा और विरोध प्रदर्शन

हादी की मौत की खबर फैलते ही ढाका में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. शाहबाग चौराहे पर प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और न्याय की मांग की. प्रमुख अखबारों, मसलन प्रथम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों में आग लगा दी गई. कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें भी सामने आईं. चटगांव समेत अन्य शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ प्रदर्शनकारियों ने एंटी-इंडिया नारे लगाए और भारतीय मिशनों पर पत्थर फेंके.

वीडियो: बांग्लादेशी उस्मान हादी की मौत के बाद, गुस्साई भीड़ पत्रकारों को क्यों निशाना बना रही है?

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