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बंगाल की खाड़ी बनी 'नो फ्लाइंग जोन', भारत इन बड़ी मिसाइलों का टेस्ट करने वाला है?

भारत ने बंगाल की खाड़ी में उड़ान भरने वाले विमानों के लिए दो NOTAM यानी 'नोटिस टू एयरमैन' जारी किए हैं. इससे पहले भी भारत ने 17 दिसंबर के लिए NOTAM जारी किया था. लेकिन इसकी अवधि शुरू होने से पहले ही इसे किसी कारणवश वापस ले लिया.

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भारत सबमरीन से लॉन्च होेेने वाली मिसाइल का टेस्ट कर सकता है (PHOTO-AajTak)

'बंगाल की खाड़ी में कोई भी विमान, इस तय क्षेत्र में उड़ान न भरे.' भारत ने बंगाल की खाड़ी में उड़ान भरने वाले विमानों के लिए दो NOTAM यानी ‘नोटिस टू एयरमैन’ जारी किए हैं. पहला नोटम 22 से 24 दिसंबर तक विशाखापत्तनम के पास और दूसरा नोटम 24 दिसंबर के लिए जारी किया गया है. दी गई तारीखों पर बताई गई जगहों से विमानों के उड़ने या जहाजों के परिचालन की मनाही है.

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इससे पहले भी भारत ने 17 दिसंबर के लिए नोटम जारी किया था. लेकिन इसकी अवधि शुरू होने से पहले ही इसे किसी कारणवश वापस ले लिया. अब पहला नोटम 22-24 दिसंबर के लिए जारी किया गया है. जियोपॉलिटिकल एनालिस्ट डैमियन साइमन के मुताबिक इस नोटम को 3,240 किलोमीटर में जारी किया गया है. संभव है कि इस क्षेत्र में समुद्र से लॉन्च की जाने वाली किसी लंबी दूरी की मिसाइल का टेस्ट किया जा सकता है. ये कौन सी मिसाइल होगी, इसकी क्षमताएं क्या हैं? ये जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.

असल में ये टेस्ट किस मिसाइल या हथियार का है, इसकी जानकारी तो सरकार ही दे सकती है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स को देखें तो पता चलता है कि ये संभवत: K-15: सागरिका मिसाइल का टेस्ट हो सकता है. सबमरीन से लॉन्च होने वाली यह बैलिस्टिक मिसाइल न्यूक्लियर हथियार ले जान में भी सक्षम होगी. चूंकि पहला नोटम 3,240 किलोमीटर के क्षेत्र के लिए है. जिसे देख कर लगता है कि इस मिसाइल की रेंज बहुत अधिक हो सकती है. ये भी संभव है कि टेस्ट के दौरान एहतियातन जगह को खाली करवाया गया है. 

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22-24 दिसंबर के लिए भारत का नोटम (PHOTO-X/Damien Symon)

दूसरे नोटम को देखें तो ये भी 'अब्दुल कलाम टापू' से लेकर करीब 470 किलोमीटर की रेंज के लिए जारी किया गया है. डैमियन साइमन की एक्स पोस्ट के मुताबिक ये नोटम भी एक मिसाइल टेस्ट के लिए हो सकता है. इसके लिए 24 दिसंबर की तारीख तय है.

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24 दिसंबर के लिए जारी किया गया नोटम (PHOTO-X/Damien Symon)
NOTAM में क्या होता है?

NOTAM यानी कि ‘नोटिस टू एयरमैन’. इसे पहले ‘नोटिस टू एयर मिशन’ कहा जाता था. यह एक गोपनीय सूचना तंत्र है, जिसके जरिए फ्लाइट में मौजूद केबिन क्रू को संदेश दिया जाता है. इसके लिए कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है. मान लीजिए कि एयरस्पेस में किसी तरह का खतरा हो. मसलन, मौसम खराब हो. ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से हवाई मार्ग में किसी तरह की बाधा हो. बर्फबारी होने वाली हो या फ्लाइट में किसी तरह की गड़बड़ी का पता लगा हो. कई बार रनवे क्षतिग्रस्त हो जाता है या फिर वहां कोई पक्षी या जानवर मौजूद होता है. इन सबकी जानकारी फ्लाइट क्रू को NOTAM के जरिए दी जाती है. इसके अलावा पैराशूट जंप की स्थिति, रॉकेट लॉन्चिंग की सूचना, मिलिट्री अभ्यास जैसी संवेदनशील इन्फॉर्मेशन, किसी एयरस्पेस में प्रतिबंध जैसी जानकारियां भी NOTAM के जरिए ही दी जाती हैं. 

(यह भी पढ़ें: बंगाल की खाड़ी में घूम रहे थे चीनी बैटलशिप! भारत ने ब्रह्मोस का परीक्षण कर चौंका दिया)

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नोटिस टू एयरमैन, या NOTAM (नोटम), एक टेंपरोरी सलाह या गाइडलाइन जैसी है जो पायलटों और दूसरे एविएशन प्रोफेशनल्स, जैसे डिस्पैचर और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को फ्लाइट रूट या एयरपोर्ट पर होने वाले टेंपरोरी बदलावों या संभावित खतरों के बारे में अलर्ट करता है. आमतौर पर नोटिस में बंद रनवे से लेकर मिलिट्री एक्सरसाइज, यहां तक कि एयरस्पेस को प्रभावित करने वाले एयरशो तक, कुछ भी शामिल हो सकता है. कुल मिला कर मकसद ये होता है कि मिलिट्री एक्सरसाइज , खराब रनवे या किसी एयरशो की स्थिति में यात्री विमानों या किसी अन्य को जान-माल का नुकसान न हो.

वीडियो: भारत ने किया पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा देने वाला मिसाइल टेस्ट!

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