दुबई एयर शो 2025 के आखिरी दिन, 21 नवंबर को भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमांश स्याल की तेजस फाइटर जेट क्रैश में मौत हो गई. ये हादसा उस वक्त हुआ जब एयर शो अपने चरम पर था. अमेरिकी वायुसेना की F-16 डेमो टीम भी परफॉर्म करने वाली थी. लेकिन टीम ने स्याल के सम्मान में अपना डेमो रद्द करने का फैसला किया. इतना ही नहीं, टीम के लीड पायलट ने दुबई एयर शो जारी रखने के निर्णय की आलोचना भी की.
नमांश स्याल की मौत के बाद क्या हुआ? अमेरिकी पायलट ने दुबई एयर शो का सच बताया
जिस वक्त भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमांश स्याल का तेजस फाइटर जेट क्रैश हुआ, अमेरिकी लीड पायलट टेलर “फेमा” हाइस्टर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही तेजस का क्रैश हुआ, अमेरिकी पायलटों ने दूर से धुआं उठते देखा. हाइस्टर और उनकी टीम ने तुरंत अपना डेमो रद्द करने का फैसला किया. न सिर्फ अमेरिकी टीम, बल्कि कुछ अन्य देशों की टीमों ने भी डेमो रद्द करने का फैसला किया.


जिस वक्त भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमांश स्याल का तेजस फाइटर जेट क्रैश हुआ, अमेरिकी लीड पायलट टेलर “फेमा” हाइस्टर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही तेजस का क्रैश हुआ, अमेरिकी पायलटों ने दूर से धुआं उठते देखा. हाइस्टर और उनकी टीम ने तुरंत अपना डेमो रद्द करने का फैसला किया. न सिर्फ अमेरिकी टीम, बल्कि कुछ अन्य देशों की टीमों ने भी डेमो रद्द करने का फैसला किया.
एक दिन बाद सोशल मीडिया पर हाइस्टर ने शो को कैंसिल न करने के फैसले को “शॉकिंग” बताया. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि एरियल परफॉर्मेंस देखती भीड़ को देखना उनके लिए असहज अनुभव था. शनिवार, 22 नवंबर को हुई घटना को लेकर इमोशनल पोस्ट शेयर करते हुए हाइस्टर ने लिखा कि हादसा तब हुआ जब उनकी टीम अपनी परफॉर्मेंस के लिए तैयारी कर रही थी. उन्होंने लिखा,
“शो आयोजकों ने फ्लाइंग शेड्यूल जारी रखने का शॉकिंग फैसला लिया, लेकिन हमारी टीम ने कुछ अन्य टीमों के साथ मिलकर आखिरी परफॉर्मेंस कैंसल करने का निर्णय लिया. ये पायलट, उनके साथियों और परिवार के प्रति सम्मान में किया गया.”
हाइस्टर ने आगे लिखा,
“दो साल तक ये जॉब (एयरशो में परफॉर्म करना) करने के बाद, हमारी टीम के लिए ये पहली बार हुआ था और वो भी सीजन की आखिरी परफॉर्मेंस से ठीक पहले. हम सब ने दूर से वो सब देखा. हम इंडियन मेंटेनेंस क्रू के बारे सोच रहे थे, जो रैंप पर एक खाली पार्किंग स्पॉट की बगल में खड़ा था. एयरक्राफ्ट की लैडर जमीन पर पड़ी थी, पायलट का सामान अभी भी उसकी रेंटल कार में था. शायद हम में से हर एक ने ये सब महसूस किया.”
हाइस्टर ने बताया कि अपनी परफॉर्मेंस कैंसल करने के बाद, जब वो एक-दो घंटे बाद शो साइट से गुज़रे तो उम्मीद थी कि सब खाली, बंद और खत्म हो चुका होगा. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं था. उन्होंने बताया कि भीड़ वैसी ही थी, और शो चल रहा था. हाइस्टर ने कहा कि ये उनके लिए कई कारणों से असहज था, और वो ये सोच रहे थे कि उनकी टीम शो साइट से निकल जाए. हाइस्टर ने ये भी लिखा,
कौन थे विंग कमांडर नमांश?“ये एक सबक है जो मैं डिमॉन्स्ट्रेशन फ्लाइंग खत्म करने के बहुत बाद तक अपने साथ रखूंगा. ये आप सब पर भी लागू होता है.”
नमांश स्याल करीब 20 साल की आयु में ही एयरफोर्स में भर्ती हो गए थे. उन्होंने NDA का एग्जाम पास किया था. उन्हें 2009 में एयरफोर्स में कमीशन किया गया था. बतौर पायलट, नमांश भारतीय वायुसेना की नंबर 45 स्क्वाड्रन का हिस्सा थे. इसे ‘फ्लाइंग डैगर्स’ के नाम से भी जाना जाता है. ये स्क्वाड्रन तमिलनाडु के सूलुर एयर बेस पर तैनात है. तेजस लड़ाकू विमान के सर्विस में आने के बाद से ये स्क्वाड्रन इसे मुख्य रूप से ऑपरेट करने वाली प्रमुख यूनिट्स में से एक रही है.
नमांश स्याल एक डिफेंस बैकग्राउंड वाले परिवार से थे. उनके पिता जगन नाथ स्याल ने आर्मी मेडिकल कोर में सेवा दी थी. उसके बाद रिटायर होकर एक स्कूल के प्रिंसिपल बने थे. नमांश की पत्नी अफशां भी भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर के पद पर तैनात हैं.
वीडियो: क्रैश से पहले तेजस के पायलट नमांश ने पिता से की थी आखिरी बात



















