राजस्थान के सीकर जिले में कथित तौर पर 'जहरीली हवा' की वजह से 22 लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. बीमार लोगों में ज्यादा संख्या बच्चों की बताई जा रही है. 15 बच्चे बीमार बताए जा रहे हैं. भर्ती लोगों में सीकर के इंडस्ट्रियल इलाके, बस डिपो और शांतिनगर मोहल्ले के रहने वाले लोग शामिल हैं. अधिकारियों के मुताबिक, सांस लेने में तकलीफ के बाद इन लोगों को भर्ती कराना पड़ा है.
राजस्थान में 'जहरीली हवा' से 22 लोग अस्पताल में भर्ती, 15 बच्चे शामिल
Sikar Inhaling Toxic Fumes: जहां लोग बीमार पड़े, वही पास में एक भट्टी में कपड़े जलाए जा रहे थे.


बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में फैक्ट्रियां हैं, जहां से धुआं निकलता रहता है. इसके अलावा, पुराने कपड़ों से केमिकल मिलाकर तांबा और अन्य धातुएं अलग की जाती हैं. अनुमान है कि इन्हीं कारणों से प्रदूषण बढ़ा और कई तरह की गैस बनीं, जिससे ये समस्या पैदा हुई.
सीकर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ADM) रतन लाल ने शुरुआती जांच के हवाले से कहा कि धुआं पास की एक भट्टी से आया होगा, जहां कपड़े जलाए जा रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि प्रभावित बच्चों की हालत स्थिर है. रतन लाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
यहां लाए गए बच्चे ठीक हो रहे हैं. हम इसकी जांच कर रहे हैं और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी तैनात किया है. 15 बच्चों समेत 22 मरीजों को भर्ती कराया गया है. प्रथम दृष्टया, इसका कारण पास की एक भट्टी में कपड़े जलाना प्रतीत होता है.
बताया गया कि शनिवार, 22 नवंबर को हवा में धुआं और दुर्गंध फैलने लगी. इसे लोगों ने शुरुआत में कोहरा या सामान्य धुआं समझकर नजरअंदाज कर दिया. लेकिन कुछ ही देर में कई लोगों को तेज खांसी, सीने और आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होने लगी. इससे इलाके में दहशत फैल गई.
एलबीएस स्कूल और आसपास की बस्तियों के 22 से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए. उन्हें तुरंत रात में ही सरकारी एसके अस्पताल लाया गया. अस्पताल के डॉ. शिवपाल सिंह ने बताया कि करीब 15 बच्चों समेत 22 लोग अस्पताल पहुंचे. उनमें सांस लेने में तकलीफ और इसी तरह के अन्य लक्षण थे.
प्रदूषित हवा का असर महिलाओं और बुजुर्गों पर ज्यादा देखा गया. हालांकि, सभी की हालत कंट्रोल में है और किसी की हालत गंभीर नहीं बताई गई है. देर रात तक एसके अस्पताल में डॉक्टरों की टीम तैनात रही. प्रभावित बच्चों का ऑक्सीजन सपोर्ट और नेबुलाइजर से इलाज किया गया.
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सूचना मिलने पर ADM रतन लाल और पुलिस अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने डॉक्टरों से इलाज और मरीजों की स्थिति के बारे में जानकारी ली. ADM रतन लाल ने आगे कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. इस क्षेत्र से नमूने लिए जा रहे हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही जिम्मेदारी तय की जाएगी.
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