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SIR: नोएडा में 60 BLO पर FIR दर्ज, प्रशासन ने सैलरी रोकने तक की चेतावनी दी

SIR 2025: गौतमबुद्धनगर प्रशासन ने पहले ही चेतावनी दी थी कि बार-बार लापरवाही बरतने पर वेतन रोका जा सकता है और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. जिले के तीन थानों में BLO और सुपरवाइजरों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है.

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BLO पर घर-घर जाकर SIR फॉर्म बांटने की जिम्मेदारी है. (फाइल फोटो: ITG)

उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम तेजी से चल रहा है. इस दौरान लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर प्रशासन कड़ा एक्शन ले रहा है. गौतबुद्धनगर जिले के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 60 से ज्यादा बूथ लेवल अफसरों (BLO) और 7 सुपरवाइजरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.

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आरोप है कि इन्होंने अपनी ड्यूटी में लापरवाही दिखाई और सीनियर अधिकारियों के आदेशों को नहीं माना. बहराइच में भी तीन BLO को सस्पेंड किया गया है. SIR प्रक्रिया से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ गौतबुद्धनगर के तीन पुलिस थानों में FIR दर्ज की गई. जिला प्रशासन के अनुसार, ये FIR जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 की धारा 32 के तहत दर्ज की गई हैं.

गौतबुद्धनगर की जिला मजिस्ट्रेट (DM) मेधा रूपम के आदेश पर ये कार्रवाई हुई हैं. मेधा रूपम गौतबुद्धनगर की जिला चुनाव अधिकारी भी हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुातबिक, DM रूपम ने कहा,

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"हरेक BLO को समय पर अपने क्षेत्र में पहुंचना होगा, घर-घर जाकर नए मतदाताओं के लिए फॉर्म 6 और ट्रांसफर (वोटर का पता बदलने) या बदलाव के लिए फॉर्म 8 भरना होगा."

उन्होंने शनिवार, 22 नवंबर को कलेक्ट्रेट में सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेटों के साथ एक समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियोें को SIR के काम को "प्रभावी, पारदर्शी और समयबद्ध" ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए.

उन्होंने आगे कहा कि किसी भी तरह की देरी या लापरवाही पर नोटिस भेजा जाएगा और सफाई मांगी जाएगी. प्रशासन ने पहले ही चेतावनी दी थी कि बार-बार लापरवाही बरतने पर वेतन रोका जा सकता है और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.

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गौतबुद्धनगर के दादरी में 18 लोगों पर FIR दर्ज की गई है, जिसमें 12 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सरकारी स्कूल के शिक्षक शामिल हैं. वहीं, ग्रेटर नोएडा के इकोटेक फेज 1 थाने में 33 BLO और एक सुपरवाइजर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. जेवर थाने में भी अधिकारियों ने 17 BLO के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.

बहराइच में भी इसी तरह की कार्रवाई हुई है. यहां दो BLO को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक तीसरे BLO के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अंकित कुमार सिंह की शिकायत पर FIR दर्ज की गई है.

पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता ने दावा किया कि पार्टी के निर्देश पर उन्होंने 18 नवंबर को BLO अभिषेक सिंह को SIR फॉर्म बांटने की जानकारी लेने के लिए फोन किया था. शिकायत में आरोप लगाया गया कि अभिषेक सिंह कॉल के दौरान भड़क गए और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया.

इस मामले में पुलिस ने विशेश्वरगंज थाने में आरोपी BLO के खिलाफ शांति भंग करने के लिए उकसाने, आपराधिक धमकी और मानहानि की धाराओं के तहत FIR दर्ज की है. बहराइच के सर्किल ऑफिसर राज सिंह यादव ने बताया कि शिकायतकर्ता ने सबूत के तौर पर कॉल रिकॉर्डिंग और चैट पुलिस को दी है.

इन BLO ने दी जान

SIR प्रक्रिया के बीच लगातार BLO के जान देने की भी खबरें आ रही हैं. आरोप है कि SIR के काम के बोझ तले दबकर BLO ऐसा कदम उठा रहे हैं.

1. अनीश जॉर्ज, केरल:- वह एक स्कूल में ऑफिस अटेंडेंट थे. इनके मामले में कोई नोट नहीं मिला. लेकिन उनके परिवार और दोस्तों ने दावा किया कि जॉर्ज तय समय में अपना काम पूरा करने के लिए प्रेशर में थे.

2. शांतिमोनी एक्का, कोलकाता: कोई नोट नहीं मिला. लेकिन परिवार ने दावा किया कि वह प्रेशर में थीं. ज्यादा काम के कारण मानसिक रूप से परेशान थीं.

3. मुकेश जांगिड़, राजस्थान: इनके मामले में एक नोट मिला है. इसमें लिखा है कि उन पर उनके सुपरवाइजर की तरफ से बहुत ज्यादा काम का प्रेशर था. नोट में दावा किया गया है कि उन्हें सस्पेंड करने की चेतावनी दी गई थी.

4. अरविंदकुमार मुलजीभाई वधेल, गुजरात: एक कथित नोट में ज्यादा ड्यूटी की वजह से होने वाले तनाव का जिक्र किया गया है. कथित नोट में कहा गया था कि पिछले कई दिनों से वह बहुत थक चुके हैं. मानसिक रूप से बोझ तले दबे हैं. यह कदम उठाने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है.

इन BLO के परिवारों ने दावा किया है कि SIR प्रक्रिया ने उनका काम और उससे होने वाले तनाव को बढ़ा दिया है. 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे SIR फेज-2 के एक महीने के गणना चरण में मतदाता को SIR फॉर्म बांटने और फिर उनसे वापस लेने की जिम्मेदारी BLO को दी गई है. इसकी आखिरी तारीख 4 दिसंबर है. बिहार के उलट, मौजूदा फेज में BLO पर यह जिम्मेदारी है कि वे गणना चरण के दौरान ही फॉर्म में दी गई मतदाता की जानकारी का मिलान मतदाताओं या उनके माता-पिता की पुरानी वोटर लिस्ट से करें.

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