The Lallantop

शेख हसीना को फांसी की सजा के बाद बांग्लादेश ने फिर की प्रत्यर्पण की मांग

Bangladesh की विशेष ट्रिब्यूनल ने हाल ही में देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री Sheikh Hasina को मानवता के खिलाफ अपराध के लिए मौत की सजा सुनाई है. इसके बाद अब वहां की अंतरिम सरकार ने आधिकारिक रूप से भारत को प्रत्यर्पण यानी Extradition का लेटर भेजा है.

Advertisement
post-main-image
बांग्लादेश ने भारतीय विदेश मंत्रालय को हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए पत्र लिखा है. (Photo: ITG/File)

बांग्लादेश ने एक बार फिर भारत से शेख हसीना को वापस सौंपने की मांग की है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारतीय विदेश मंत्रालय को शेख हसीना के प्रत्यर्पण (Extradition) की मांग करते हुए आधिकारिक पत्र लिखा है. हालांकि अभी तक भारत की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी BSS ने अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन के हवाले से बताया कि भारत को शुक्रवार, 21 नवंबर को यह प्रत्यर्पण पत्र भेजा गया है. मालूम हो कि बांग्लादेश की विशेष ट्रिब्यूनल ने हाल ही में देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के लिए मौत की सजा सुनाई है. इसके अलावा हसीना की सरकार में गृह मंत्री रहे असदुज्जमां खान कमाल को भी यही सजा दी गई है.

दोनों की गैरमौजूदगी में चला मुकदमा

विशेष ट्रिब्यूनल ने दोनों को बांग्लादेश में जुलाई-अगस्त 2024 में हुए विरोध प्रदर्शनों को कुचलने की कोशिश करने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने का दोषी माना गया है. अदालत ने लगभग 1400 लोगों की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए हसीना और तत्कालीन गृह मंत्री को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी माना है. हसीना और असदुज्जमां खान, दोनों फिलहाल भारत में ही रह रहे हैं. दोनों की गैरमौजूदगी में उनके खिलाफ यह मुकदमा चलाया गया और सजा सुनाई गई.

Advertisement

विशेष ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार से दोनों को वापस सौंपने की मांग भी की थी. उसने कहा था, “हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि इन दोनों लोगों को बिना किसी और देरी के बांग्लादेश में अधिकारियों को सौंप दिया जाए. दोनों पक्षों के बीच मौजूदा एक्सट्रैडिशन ट्रीटी के अनुसार यह भारत की भी ज़िम्मेदारी है." इसके जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उन्होंने फैसले को “नोट” कर लिया है. हालांकि भारत ने यह नहीं कहा कि वह इस पर विचार करेगा या नहीं.

यह भी पढ़ें- डोभाल-रहमान की मुलाकात हुई, हसीना पर चर्चा हुई कि नहीं? ढाका-Delhi दोनों खामोश

क्या है Extradition?

बता दें कि Extradition यानी प्रत्यर्पण एक व्यवस्था है, जिसके तहत एक देश दूसरे देश से अपने यहां के अपराधियों को वापस भेजने की मांग कर सकता है. आमतौर पर दो देशों के बीच जब इस तरह की संधि होती है, तभी वह प्रत्यर्पण की मांग कर सकते हैं. इसमें कई नियम कायदे भी तय किए जाते हैं कि किस तरह के अपराधी को किन परिस्थितियों में वापस भेजा जा सकता है. भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 में यह संधि हुई थी, जिसके अनुसार दोनों देश गंभीर अपराधियों को एक दूसरे को सौंपने पर राजी हुए थे. हालांकि प्रत्यर्पण से पहले भारत में कोर्ट और सरकार दोनों की मंजूरी चाहिए होगी. बांग्लादेश ने इसी संधि के तहत शेख हसीना को वापस सौंपने की मांग की है.

Advertisement

वीडियो: शेख हसीना के मौत की सज़ा पर UN क्यों विरोध कर रहा, भारत का पक्ष क्या है?

Advertisement