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'हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहे', कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी करने वाले BJP मंत्री को SC ने बुरा फटकारा

Supreme Court ने Colonel Sofia Qureshi पर विवादित टिप्पणी करने के आरोपी BJP मंत्री Vijay Shah को मंत्री पद से हटाने की याचिका खारिज कर दी. हालांकि, कोर्ट ने SIT से कहा कि वो याचिका में बताए गए शाह के पुराने मामलों की भी जांच करे.

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एमपी के मंत्री विजय शाह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. (India Today)

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी को 'आतंकियों की बहन' कहने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह को कड़ी फटकार लगाई. सोमवार, 28 जुलाई को कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक विजय शाह की ओर से दी गई माफी को भी नकारते हुए कहा कि यह ‘माफी जैसी नहीं लगती’.

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जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ विजय शाह की तरफ से दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. पहली, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के स्वतः संज्ञान लेने के खिलाफ, जिसमें शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया था. दूसरी, हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ, जिसमें कोर्ट ने दर्ज FIR पर नाराजगी जताई थी और जांच की निगरानी का फैसला किया था.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस सूर्यकांत ने विजय शाह के वकील से कहा,

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"इस तरह की माफी से आपका क्या मतलब है? यह व्यक्ति हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहे हैं... यह बयान पहली तारीख को दिया गया था... यह रिकॉर्ड पर कहां है? यह (ऑनलाइन माफी) उसके इरादों को दिखाती है, जिससे हमें उनकी ईमानदारी पर और शक होता है."

शाह की तरफ से सीनियर एडवोकेट के परमेश्वर पेश हुए. उन्होंने बताया कि शाह कोर्ट के आदेशानुसार गठित SIT की जांच में सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि माफी को सोमवार तक औपचारिक रूप से रिकॉर्ड में लाया जाएगा.

कोर्ट ने इस मामले की जांच कर रही SIT के एक सदस्य से पूछा, "आपने पीड़ितों की बजाय मंत्री का बयान क्यों रिकॉर्ड किया?" SIT सदस्य ने बताया कि 90 दिन की समयसीमा के अंदर (जो 13 अगस्त को पूरी होगी) जांच पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि अब तक 27 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और कई वीडियो क्लिप्स की जांच की गई है. कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 अगस्त को तय की है और SIT से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.

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दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता डॉ. जया ठाकुर की उस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमें शाह को मंत्री पद से हटाने की मांग की गई थी. हालांकि, कोर्ट ने SIT से कहा कि वो याचिका में बताए गए शाह के पुराने मामलों की भी जांच करे. अब SIT को शाह के पुराने विवादित बयानों और घटनाओं की भी जांच करनी होगी और विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी.

मई में मध्य प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया का नाम लिए बिना कथित तौर पर कहा था,

"जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, कटे-पिटे लोगों को हमने उन्हीं की बहन भेजकर के उनकी ऐसी की तैसी करवाई."

इस बयान को लेकर देशभर में विजय शाह की आलोचना हुई और उनके इस्तीफे की मांग की गई.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए तीन सदस्यों की SIT गठित की थी और कहा था कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए. कोर्ट ने शाह के बयान को 'घिनौना, घटिया और शर्मनाक' बताया था और माफी के वीडियो को खारिज कर दिया था. यह देखते हुए कि अपने 'माफीनामे वाले वीडियो' में शाह ने जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने की बात स्वीकार नहीं की थी, तो जस्टिस सूर्यकांत ने शाह को आत्मचिंतन करने का सुझाव दिया था.

बीजेपी मंत्री विजय शाह इससे पहले भी विवादों में रह चुके हैं. 2020 में मध्य प्रदेश के बालाघाट में बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन की फिल्म 'शेरनी' की शूटिंग चल रही थी. ऐसा कहा गया कि विजय शाह, विद्या बालन के साथ डिनर करना चाहते थे. लेकिन विद्या ने डिनर करने से इनकार कर दिया. आरोप है कि इसके बाद वन विभाग ने उनकी फिल्म की शूटिंग रोक दी. मामले ने तूल पकड़ा तो फिर से शूटिंग की इजाज़त दे दी गई.

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आरोप है कि विजय शाह ने राहुल गांधी के अविवाहित होने पर भी बयान दिया था. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में विजय शाह ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 55-56 साल के हैं और अभी तक अविवाहित हैं, जबकि उनके 28 साल के बेटे की जल्द ही शादी होने वाली है. उन्होंने आगे कहा था कि अगर आप 25 साल के बाद भी अविवाहित हैं, तो लोग सवाल करने लगते हैं कि क्या कुछ गड़बड़ है.

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