सुप्रीम कोर्ट ने अपने पति से गुजारा भत्ता (एलिमनी) के रूप में 12 करोड़ रुपये, एक फ्लैट और एक BMW कार मांग रही महिला को फटकार लगाई है. सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायधीश बीआर गवई (CJI BR Gavai) ने कहा, ‘आप बहुत शिक्षित हैं. आपको मांगने की जरूरत नहीं होनी चाहिए, आपको अपने लिए खुद कमाना चाहिए.’
महिला ने BMW, फ्लैट और 12 करोड़ रुपये एलिमनी मांगी, चीफ जस्टिस बोले- 'खुद क्यों नहीं कमातीं...'
पति ने पत्नी के मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए शादी को रद्द करने की मांग की थी. जबकि पत्नी ने भरण-पोषण के लिए आवेदन किया था. सुनवाई के अंत में कोर्ट ने क्या प्रस्ताव रखा?

सुनवाई कर रही बेंच में CJI बीआर गवई के साथ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया भी मौजूद थे. बेंच महिला और उसके पति के बीच हुए वैवाहिक विवाद (Matrimonial Dispute) की सुनवाई कर रही थी. दोनों की शादी सिर्फ 18 महीने यानी डेढ़ साल चली थी. पति ने पत्नी के मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए शादी को रद्द करने की मांग की थी. जबकि पत्नी ने भरण-पोषण के लिए आवेदन किया था.
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद ये मामला मंगलवार, 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई के दौरान CJI बीआर गवई ने कहा,
आपकी शादी सिर्फ 18 महीने चली और अब आप एक बीएमडब्ल्यू भी चाहती हैं? आप (एक साल तक) हर महीने के लिए एक करोड़ चाहती हैं!
महिला का खुद एमबीए और आईटी स्पेशलिस्ट के रूप में अनुभव है. ऐसे में कोर्ट ने उससे कहा,
आप एक आईटी स्पेशलिस्ट हैं. आपने एमबीए किया है… आप काम क्यों नहीं करतीं?
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, सुनवाई के दौरान महिला ने तर्क दिया कि उसका पति बहुत अमीर है. महिला के पति ने उसे सिजोफ्रेनिया (एक तरह की मानसिक बीमारी) से पीड़ित बताकर शादी रद्द करने की मांग की है. ऐसे में महिला ने बेंच से पूछा- ‘क्या मैं सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित दिखती हूं?’
पति की तरफ से सीनियर वकील माधवी दीवान ने महिला की मांगों को बहुत ज्यादा बताया और इसका विरोध किया. उन्होंने बताया कि महिला के पास पहले से ही दो पार्किंग स्पेस वाला एक फ्लैट है और वो इसे कमाई का जरिया बना सकती है. BMW की मांग पर पति की वकील माधवी दीवान ने कहा कि वो कार एक दशक से भी पुरानी थी. ऐसे में उसे पहले ही कबाड़ में डाल दिया गया था.
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बाद में CJI बीआर गवई ने दोनों पक्षों को पूरे वित्तीय दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया. पीठ ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि महिला अपने ‘पति के पिता की पैतृक संपत्ति’ पर दावा नहीं कर सकती. सुनवाई के अंत में कोर्ट ने एक अंतिम प्रस्ताव रखा- या तो महिला एक फ्लैट (जिसमें रेंट या दूसरी तरह की चीजें ना लगें) स्वीकार करे या 4 करोड़ रुपये लेकर उपयुक्त नौकरी तलाश करे.
महिला ने आरोप लगाया था कि उसके पति की हरकतों की वजह से उसकी नौकरी चली गई. पति ने उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आश्वासन दिया, ‘हम निर्देश देंगे कि कोई भी पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू न करे.’ कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
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