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तौसीफ पहचान में नहीं आया, लेकिन ऑनलाइन हेयर कटिंग सर्विस और कार ट्रैंकिंग तकनीक से धरा गया

Chandan Mishra Murder: आरोपी तौसीफ हत्याकांड को अंजाम देने के बाद कोलकाता फरार हो गया. वहां पहुंच कर उसने अपना हुलिया भी बदल लिया. लेकिन टेक्नोलॉजी ने उसे फंसा दिया. उसने बाल कटवाने के लिए ऑनलाइन सर्विस का इस्तेमाल किया और उसकी गाड़ी ट्रैक हुई ANPR से.

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चंदन मिश्रा हत्याकांड का सीसीटीवी (PHOTO-Social Media)

पटना के चंदन मिश्रा मर्डर (Chandan Mishra Murder) में शामिल मुख्य आरोपी तौसीफ खान उर्फ बादशाह (Tausif Badshah) समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी में टेक्नोलॉजी का अहम रोल रहा. खासकर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रीडिंग सिस्टम्स (ANPR) और बाल कटवाने के लिए ऑनलाइन सर्विस का. 

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि जब बिहार और बंगाल पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में कोलकाता के न्यू टाउन इलाके से आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, उस वक्त मुख्य आरोपी तौसीफ को पहचानना आसान नहीं था. उसने बाल कटवाकर हुलिया बदल लिया था. 

चंदन मिश्रा हत्याकांड: नंबर प्लेट से पकड़े गए आरोपी 

जब चंदन मिश्रा की हत्या हुई, उस समय वो परोल पर जेल से बाहर आया था. हत्या होने के कुछ घंटे बाद घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया. इसकी मदद से बिहार पुलिस ने आरोपियों की पहचान की. शुरुआती जांच और आरोपियों की खोजबीन के दौरान गिरफ्तार की गई एक महिला ने पुलिस को बताया कि तौसीफ अपने तीन साथियों के साथ कोलकाता के लिए निकला है. इसी महिला ने पुलिस को उस गाड़ी का नंबर भी दिया जिसमें तौसीफ था.

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बंगाल एसटीएफ के आईजी गौरव शर्मा के मुताबिक बिहार एसटीएफ ने उनसे संपर्क कर ये जानकारी शेयर की. इसके बाद बंगाल पुलिस नें गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से उसे ट्रैक करना शुरू किया. फास्टैग और टोल प्लाजा डेटा के अनुसार तौसीफ और उसके साथियों के झारखंड क्रॉस करने की जानकारी मिली. 17 जुलाई की रात करीब 10 बजकर 30 मिनट पर कोलकाता से ठीक पहले उसकी गाड़ी डंकुनी, बंगाल में ट्रैक हुई. गाड़ी की ट्रैकिंग में ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रीडिंग सिस्टम्स (ANPR) की भूमिका रही. बंगाल एसटीएफ के आईजी गौरव शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह एक बेहद उन्नत और अलग तरह का कैमरा है. इन कैमरों द्वारा कैप्चर की गई नंबर प्लेटें ज्यादा साफ दिखाई देती हैं. और एक एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके, यह स्पष्ट डेटा प्रदान करता है, जिससे वाहनों की ट्रैकिंग आसान हो जाती है.

बाल कटवाया, धरा गया

तौसीफ जैसे ही कोलकाता पहुंचा उसने सबसे पहले अपना हुलिया बदला. इसके लिए ऑनलाइन हेयर कटिंग सर्विस का इस्तेमाल किया. और यहीं पर पुलिस ने उसे ट्रैक कर लिया. हुलिया बदलने का आइडिया कुछ हद तक उसके काम भी आया. कोलकाता एसटीएफ के एसीपी सोलोमन वी नेसकुमार के हवाले से बताया गया है कि जब उसे पकड़ा गया तो वो बिल्कुल अलग दिख रहा था. उसने अपने बाल छोटे करवा लिए थे. उसे तुरंत पहचान पाना वाकई में मुश्किल था.

कोलकाता पहुंचने के बाद पुलिस ने ANPR के माध्यम से गाड़ी की ट्रैकिंग शुरू की. कार रिहायशी इलाके में मौजूद एक गेस्ट हाउस के पास ट्रैक हुई. एसीपी नेसकुमार के मुताबिक, पुलिस जब वहां गई तो उन्होंने तौसीफ के कजिन निशु खान को पहचान लिया. निशु को लकवा था जिससे उसकी पहचान हो गई. पुलिस के मुताबिक तौसीफ पटना के सीसीटीवी से बिल्कुल अलग दिख रहा था. गिरफ्तारी के दौरान उनके पास कोई हथियार नहीं था.

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(यह भी पढ़ें: पटना अस्पताल हत्याकांड: मुख्य शूटर तौसीफ बादशाह सहित 8 पकड़े गए, कोलकाता में छिपे थे)

गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने आरोपियों को कोलकाता की अलीपुर कोर्ट में पेश किया जहां बिहार पुलिस को दो दिनों की ट्रांजिट रिमांड मिली. जिसके बाद आरोपियों को बिहार लाया गया. 

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