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निशिकांत दुबे 'अवमानना' में नपेंगे? Supreme Court ने कह दिया 'केस फाइल कीजिए'

सुप्रीम कोर्ट में निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना का केस दर्ज हो सकता है. इसके लिए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट के जजों के सामने मंजूरी के लिए पेश की गई थी. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है.

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निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर करने की तैयारी चल रही है (फोटोः इंडिया टुडे ग्रुप)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पर विवादित टिप्पणी मामले में भाजपा नेता निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) बुरा फंस सकते हैं. उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना (Contempt Of Court ) करने का मामला दर्ज करने की तैयारी चल रही है. वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिका पेश की है, जिसमें निशिकांत दुबे पर ‘contempt of court’ का केस करने की अनुमति मांगी गई है. इस पर सर्वोच्च अदालत ने कहा कि इसके लिए उनकी मंजूरी की जरूरत नहीं है. कोई भी जो याचिका चाहे, दायर कर सकता है. 

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इंडिया टुडे टीवी ग्रुप से जुड़े संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, वकील एजाज एम कुरैशी ने सॉलिसिटर जनरल (SG) के दफ्तर में अर्जी लगाई है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ कोर्ट की अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की जाए. अर्जी मे आरोप लगाया गया है कि निशिकांत दुबे ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के तमिलनाडु सरकार बनाम राज्यपाल मामले और वक्फ बोर्ड को लेकर दिए गए फैसले पर कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसने संस्थान की गरिमा को ठेस पहुंचाया है. 

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अर्जी में आगे कहा गया है कि निशिकांत दुबे ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय देश को अराजकता की ओर ले जा रहा है. धर्म के आधार पर मानकों को चुनिंदा रूप से लागू कर रहा है. यह बयान न केवल संवैधानिक रूप से निराधार है बल्कि न्यायिक स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता की जड़ पर प्रहार करता है. ये दोनों हमारे संविधान की मूल संरचना का हिस्सा हैं.

कोर्ट ने क्या कहा?

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले अनस तनवीर नाम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के सामने यह विषय लाया था. उन्होंने निशिकांत दुबे की हालिया टिप्पणी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की मंजूरी मांगी थी. इस पर कोर्ट ने कहा, 

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आप याचिका दायर करें. इसके लिए हमारी मंजूरी की जरूरत नहीं है. याचिकाकर्ता को इस मामले में अटॉर्नी जनरल के अनुमति लेने की आवश्यकता है.

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कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद वकील ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी को चिट्ठी लिखकर याचिका दाखिल करने की मंजूरी मांगी है. इस पत्र में कहा गया है कि निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम किया है. बता दें कि शनिवार को निशिकांत दुबे ने एक बयान में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट कानून बनाएगा तो विधानसभा और संसद को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने सीजेआई संजीव खन्ना पर तंज कसते हुए कहा कि वह देश में धार्मिक युद्ध के लिए जिम्मेदार हैं.

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