The Lallantop
Advertisement

'देश में धार्मिक युद्ध के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार...', BJP सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा बयान

Nishikant Dube On Supreme Court: BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हम NJAC कानून लाएंगे. उन्होंने न्यायपालिका में भाई-भतीजावाद का आरोप भी लगाया.

Advertisement
nishikant dubey blames supreme court for religious conflict says shut down parliament
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा. (तस्वीर-इंडिया टुडे)
pic
सचेंद्र प्रताप सिंह
19 अप्रैल 2025 (Updated: 19 अप्रैल 2025, 11:09 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

झारखंड के गोड्डा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा. बीजेपी सांसद का ये बयान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान के बाद आया है, जिसमें उपराष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति को दिशा निर्देश देने पर नाराज़गी व्यक्त की थी. निशिकांत दुबे ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाना है, तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है.

न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए शनिवार, 19 मार्च को BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कहा,

“आप अपॉइंटिंग अथॉरिटी को निर्देश कैसे दे सकते हैं? राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करते हैं. संसद इस देश का कानून बनाती है. आपने नया कानून कैसे बनाया? पांच जजों की बेंच – 1942 की एक जजमेंट है. उसमें यह कहा गया कि जहां कानून नहीं लिखा है, वहां सुप्रीम कोर्ट कोई जजमेंट देती है, तो समझ में आता है. लेकिन सब कुछ लिखा है. राष्ट्रपति का क्या अधिकार है, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट का क्या अधिकार है. तो इसके बीच ये नया कानून कहां से आ गया? राष्ट्रपति को 3 महीने में फैसला करना है यह किस कानून में लिखा है?”

उन्होंने कहा कि NJAC कानून लाएंगे. इसके माध्यम से भाई-भतीजावाद में जज का चुनाव नहीं होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि 78 प्रतिशत जज अपर कास्ट के बैठे हैं. और वह कानून चलाएंगे? यह कानून नहीं चलेगा.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के सरकार के एक मामले में राज्यपाल लंबे समय तक बिल अपने पास लंबित रखने के लिए को फटकार लगाई थी. इसी केस में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के साथ-साथ राष्ट्रपति को भी दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि तीन महीने में बिल पर फैसला लेना अनिवार्य होगा. इस टिप्पणी के बाद पहले उपराष्ट्रपति और फिर अब निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर ही सवाल उठा दिए.

निशिकांत दुबे ने कहा कि उन्होंने आर्टिकल 141 का अध्ययन किया. अनुच्छेद 141 कहता है कि हम यानी संसद जो कानून पास करती है, वह लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सभी पर लागू होता है. आर्टिकल 368 कहता है कि पार्लियामेंट को सभी कानून बनाने का अधिकार है. आज सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि 3 महीने में राष्ट्रपति बता दें क्या करना है? 3 महीने में गवर्नर बता दें क्या करना है?

बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट अपनी मर्यादा लांघ रहा है. उन्होंने कहा-

“इस देश में सनातन की परंपरा है. जब रामजन्मभूमि और श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले में कागज दिखाने की बात कही गई. वही ज्ञानवापी पर भी कही जाएगी. कहां से दिखाओगे? इस देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए केवल और केवल सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है. सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की सीमा यह है कि भारत के संविधान में जो कानून बने, उनकी व्याख्या करनी चाहिए. अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है तो संसद और विधानसभा का कोई मतलब नहीं है, इसे बंद कर देना चाहिए.”

इसके बाद मुर्शिदाबाद हिंसा और वक्फ कानून को लेकर भी निशिकांत दुबे से सवाल किया गया. इसके जवाब में उन्होंने कह दिया कि इस देश में जितने भी गृह युद्ध हो रहे हैं, उसके जिम्मेदार चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना साहब हैं.

निशिकांत यहीं नहीं रुके. उन्होंने अनुच्छेद 377 के बहाने भी सुप्रीम कोर्ट को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा-

“एक आर्टिकल 377 था. इसमें कहा गया था कि होमोसेक्सुअलिटी एक बड़ा अपराध है. अभी ट्रंप प्रशासन ने साफ कह दिया कि केवल दो ही जेंडर हैं, या तो मेल या फीमेल. कोई भी कम्युनिटी हो हिंदू हो, मुस्लिम हो, क्रिश्चियन हो, जैन हो सभी मानते हैं कि होमोसेक्सुअलिटी एक बड़ा अपराध है. सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत बोल दिया कि नहीं, हम यह आर्टिकल अबॉलिश करते हैं. हमने IT एक्ट बनाया. शिकार सबसे अधिक कौन हैं? महिलाएं हैं. उनके पॉर्न आते हैं. बच्चों के पॉर्न आते हैं. लेकिन अचानक सुप्रीम कोर्ट खड़ा होता है. और कहता है कि हम 66A खत्म करते हैं, IT एक्ट खत्म करते हैं.”

कांग्रेस नेता ने दी प्रतिक्रिया

BJP सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए बयान पर वकील और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि अगर कोई सांसद सुप्रीम कोर्ट या किसी भी अदालत पर सवाल उठाता है. तो यह बहुत दुख की बात है. उन्होंने कहा कि देश की न्याय व्यवस्था में अंतिम फैसला सरकार का नहीं, सुप्रीम कोर्ट का होता है. अगर कोई यह बात नहीं समझता है तो यह बहुत दुख की बात है.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार से मांगे जवाब

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement