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मोदी ने विपक्ष को कहा, 'काम करें, ड्रामा नहीं', प्रियंका गांधी-खरगे ने बहुत तीखा जवाब दिया है

नरेंद्र मोदी के विपक्ष के लिए 'ड्रामा' वाले बयान पर तकरार बढ़ गई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस पर पलटवार किया है.

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मोदी के बयान पर खरगे और प्रियंका ने पलटवार किया है (india today)

संसद में काम होना चाहिए, ड्रामा नहीं. विपक्ष के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बोल ने हंगामा खड़ा कर दिया है. कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हों या वायनाड सांसद प्रियंका गांधी. सबने पीएम मोदी के इस बयान पर आपत्ति जताई है. खरगे ने जहां इसे ‘ड्रामेबाजी की डिलीवरी’ कहा है. वहीं प्रियंका गांधी ने पलटवार के मूड में जवाब दिया कि मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना नाटक नहीं है. बल्कि नाटक जनता से जुड़े मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा न होने देना है.

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1 दिसंबर, सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. इससे पहले संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को खूब आड़े हाथों लिया. पीएम मोदी ने आगे कि संसद में काम होना चाहिए. ड्रामा नहीं. फोकस 'नीति' (पॉलिसी) पर होना चाहिए. 'नारे' पर नहीं. इसके अलावा उन्होंने ‘कुछ’ पार्टियों पर आरोप लगाया कि वो अपने राज्य की पॉलिटिक्स के लिए संसद का इस्तेमाल करती हैं. हाउस को इलेक्शन वार्मअप के तौर पर यूज किया जा रहा है या हार का गुस्सा निकालने के लिए. बिहार चुनाव का जिक्र करते हुए भी पीएम मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाए और कहा, 

मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया तो (विपक्ष के लोग) अब थोड़ा संभल गए होंगे. लेकिन, जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है.

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प्रधानमंत्री के ‘नसीहत वाले निशाने’ से विपक्षी दलों में खूब आक्रोश है. इस पर रियेक्शन देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के समक्ष मुख्य मुद्दों की बात करने के बजाय फिर से ड्रामेबाज़ी की डिलीवरी की है. असलियत ये है कि संसदीय मर्यादा और संसदीय प्रणाली को पिछले 11 साल से सरकार ने लगातार कुचला है.

उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 

पिछले मानसून सत्र में कम से कम 12 बिल जल्दबाजी में पारित कर दिए गए. कुछ 15 मिनट से भी कम समय में और कुछ बिना किसी चर्चा के. पूरे देश ने पहले भी देखा है कि किस तरह आपने किसान विरोधी काले कानून, GST, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जैसे बिल संसद में आनन-फानन में Bulldoze किए. इसी संसद में जब मणिपुर का मुद्दा उठा तो आप तब तक चुप रहे, जब तक विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया.

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खरगे ने आगे कहा कि विपक्ष इस सत्र में वोटचोरी, SIR, बीएलओ की मौत के मामले संसद में उठाएगा. मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा, 

सच्चाई यही है कि आम आदमी बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता और देश के बहुमूल्य संसाधनों की लूट से जूझ रहा है और सत्ता में बैठे लोग, सत्ता के अहंकार में ड्रामेबाजी का खेल खेल रहे हैं.

 वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी पीएम मोदी के बयान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा

Special Intense revision-SIR और वायु प्रदूषण बहुत बड़े मुद्दे हैं. आइए इन पर चर्चा करें. संसद किसलिए है? ये कोई नाटक नहीं है. मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना नाटक नहीं है. नाटक का मतलब है जनता से जुड़े मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा न होने देना.

राहुल गांधी से जब पीएम मोदी के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई कॉमेन्ट करने से इनकार कर दिया.

वीडियो: संसद के शीतकालीन सत्र 2025 से पहले विपक्ष ने SIR, दिल्ली कार ब्लास्ट को लेकर क्या मांग की?

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