देशभर में बीती 10 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई. दावा है कि इस दौरान लगभग 1 करोड़ 82 लाख मामले निपटाए गए. लोक अदालत की सहायता से लोग अपने भारी ट्रैफिक चालानों की राशि को कम या माफ करवा सकते हैं. इसके अलावा लोक अदालतों में अन्य सिविल मामलों की सुनवाई भी की जाती है. समय-समय पर इन अदालतों का आयोजन कराया जाता है. इससे पहले ये अदालत इसी साल 8 मार्च को लगाई गई थी.
एक दिन में 1.82 करोड़ केसों का निपटारा, दूसरी लोक अदालत के आंकड़े सामने आए
साल की दूसरी लोक अदालत 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में (कुछ राज्यों को छोड़कर) आयोजित की गई. नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) का दावा है कि इस दौरान भारत के CJI संजीव खन्ना और बी.आर. गवई के नेतृत्व में लगभग 2 करोड़ 18 लाख मामलों की सुनवाई की गई और लगभग 1 करोड़ 82 लाख मामलों को निपटाया.

इंडिया टुडे से जुड़े संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, साल की दूसरी लोक अदालत 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में (कुछ राज्यों को छोड़कर) आयोजित की गई. नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) का दावा है कि इस दौरान भारत के CJI संजीव खन्ना और बी.आर. गवई के नेतृत्व में लगभग 2 करोड़ 18 लाख मामलों की सुनवाई की गई और लगभग 1 करोड़ 82 लाख मामलों को निपटाया.
बता दें कि CJI खन्ना NALSA के संरक्षक-प्रमुख और जस्टिस गवई इसके कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
जानकारी के मुताबिक इन मामलों के सेटलमेंट से 4648.51 करोड़ का सेटलमेंट अमाउंट जेनेरेट हुआ. अगर पिछली लोक अदालत से तुलना की जाए तो 8 मार्च को लोक अदालतों ने लगभग 1 करोड़ 57 लाख मामलों का निपटारा किया. इसमें 5,473 करोड़ रुपये का सेटलमेंट अमाउंट राजस्व वसूला गया था.
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लोक अदालत में ट्रैफिक चालान के अलावा प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद, एक्सीडेंट सेटलमेंट, बिजली के बिल में माफी समेत कई सिविल मामले सुलझाए जाते हैं. इसमें वकील की फीस भरने से बचा जा सकता है. साथ ही चालान से जल्दी छुटकारा मिलता है.
इस बार की लोक अदालत में आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना राज्यों के मामले सुने गए. पुडुचेरी, लद्दाख और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में लंबित मामलों की भी सुनवाई हुई.
अगली लोक अदालतें 13 सितंबर और 13 दिसंबर को लगाई जाएंगी. अगर आप भी अपने भारी चालान से परेशान हैं तो अगली बार लोक अदालत का रुख कर सकते हैं.
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