गुरु रामदास ने लंगर को बढ़ावा दिया. आनंद कारज यानी सिख विवाह की विधि बनाई. 30 रागों में 6 सौ से ज्यादा शबद की रचना की जो बाद में गुरु ग्रंथ साहिब का हिस्सा बने. इनमें 246 पौड़ियां, 138 सलोक, 31 अष्टपदी, और 8 वर शामिल हैं. क्या है उनकी पूरी कहानी, जानने के लिए वीडियो देखिए.
तारीख: कहानी गुरु रामदास की, जिन्होंने अकबर को सिख पंथ समझाया था
सिखों के चौथे गुरु रामदास की पूरी कहानी. जिस सरोवर ने भाई मोहन का रोग हरा, उसे रामदास जी ने अमृतसर का नाम दिया. गुरु का चक धीरे धीरे गुरु रामदास पुर बना और फिर अमृतसर कहलाया.
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