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MP में पुलिस भी सुरक्षित नहीं, 18 महीने में 612 घायल, 5 की मौत, मोहन सरकार का चौंकाने वाला कबूलनामा

Madhya Pradesh के दो सबसे बड़े शहर इंदौर और भोपाल में, 2021 से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है. इस प्रणाली को मजबूत पुलिसिंग, तुरंत कार्रवाई और अपराध कम करने के वादे के साथ शुरू किया गया था. इसके बावजूद इस तरह के आंकड़े सुरक्षा व्यवस्था को और भी चिंताजनक बनाते हैं.

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550 दिनों की अवधि में 612 पुलिसवालों पर हमले हुए. (सांकेतिक तस्वीर: ANI)

मध्य प्रदेश में वे लोग भी महफूज़ नहीं, जो हमारी सुरक्षा की ड्यूटी पर हैं. राज्य में बीते 18 महीनों में हर दिन औसतन एक पुलिसकर्मी पर हमला हुआ. विधानसभा में पेश हुए आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान 612 पुलिसकर्मी घायल हुए और 5 की जान चली गई.

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चौंकाने वाली ये जानकारी मध्य प्रदेश विधानसभा में सामने आई. मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने ये स्वीकार किया कि 550 दिनों की इस अवधि में 612 पुलिसवालों पर हमले हुए. इस दौरान इस तरह की 461 अलग-अलग घटनाएं दर्ज की गईं.  

ये खुलासा कांग्रेस विधायक और पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन के एक प्रश्न के उत्तर में हुआ. बच्चन ने अपने सवाल में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ बढ़ते हमलों को लेकर राज्य सरकार पर दबाव डाला था. 

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भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू

राज्य के दो सबसे बड़े शहर इंदौर और भोपाल में, 9 दिसंबर 2021 से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है. इस प्रणाली को मजबूत पुलिसिंग, अविलंब कार्रवाई और अपराध कम करने के वादे के साथ शुरू किया गया था. इसके बावजूद इस तरह के आंकड़े सुरक्षा व्यवस्था को और भी चिंताजनक बनाते हैं.

इंदौर में हत्या के 308 मामले

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इंदौर में, 9 दिसंबर 2021 से 12 जुलाई 2025 के बीच, पुलिस ने चोरी के 3061 मामले दर्ज किए हैं. साथ ही इसी अवधि में वाहन चोरी के 11567 मामले, डकैती के 532 मामले, हत्या के 308 मामले, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के 5045 मामले और अनुसूचित जाति और जनजाति (SC/ST) समुदाय के खिलाफ अत्याचार के 409 मामले दर्ज हुए हैं.

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भोपाल में महिलाओं पर अत्याचार के 8,664 मामले

भोपाल का हाल भी कुछ अलग नहीं है. इसी अवधि में, शहर में चोरी की 2378 और वाहन चोरी की 5654 घटनाएं दर्ज हुई हैं. साथ ही हत्या के 158 मामले, महिलाओं पर अत्याचार के 8664 मामले और SC/ST समुदाय के खिलाफ 356 मामले दर्ज हुए हैं. राज्य में पुलिस अधिकारी सिर्फ अपने ऊपर हमलों का सामना कर रहे हैं, बल्कि उनके सामने गंभीर अपराधों के बहुत सारे मामले हैं.

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