एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया पिछले दिनों लल्लनटॉप के शो ‘गेस्ट इन द न्यूज़रूम’ में आई थीं. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वो पिंपल ठीक करने के लिए थूक का इस्तेमाल करती हैं.
तमन्ना भाटिया पिंपल हटाने के लिए अपना थूक लगाती हैं, क्या आपको भी लगाना चाहिए?
एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया पिछले दिनों लल्लनटॉप के शो ‘गेस्ट इन द न्यूज़रूम’ में आई हुई थीं. यहां उन्होंने बताया कि वो पिंपल ठीक करने के लिए सुबह वाला थूक इस्तेमाल करती हैं.
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तमन्ना ने कहा, "स्पिट. थूक. ये काम करता है. लेकिन सुबह वाला थूक ही काम करता है. मतलब जब आपने ब्रश न किया हो. ये साइंटिफिक है. मैं कोई डॉक्टर नहीं हूं. बस मैं अपनी साइंस की समझ के हिसाब से कह रही हूं. ये मेरा पर्सनल हैक है और मुझे लगता है कि इसमें साइंस ज़रूर है. जब आप सुबह उठते हैं, तब तक आपके शरीर ने आपके मुंह में बहुत सारे एंटी-बैक्टीरियल एलिमेंट बना लिए होते हैं. आपका मुंह उन सभी बैक्टीरिया से लड़ रहा होता है, जो आपके मुंह में रातभर से मौजूद हैं. जब आप उस थूक का इस्तेमाल करते हैं, तो वो पिंपल को तुरंत सुखा देता है."
सिर्फ तमन्ना नहीं, बहुत सारे लोग इस हैक को मानते हैं. मगर क्या ये हैक पिंपल ठीक करने के लिए वाकई कारगर है? ये हमने जाना सेवॉर वेलनेस में एमडी और डर्मेटोलॉजिस्ट, डॉक्टर सोमा सरकार से.

कई लोगों को लगता है पिंपल्स पर थूक लगाने से वो ठीक हो जाते हैं. लेकिन इसका कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है. थूक में कुछ एंजाइम होते हैं, जैसे लाइसोजाइम. जो मोटे तौर पर कीटाणुओं को मार सकते हैं. पर थूक में इन एंजाइम की मात्रा बहुत कम होती है. जो पिंपल्स पर असर करने के लिए काफी नहीं होती.
उस पर सुबह बिना ब्रश थूक में खाने के बचे हुए कण, पाचन से जुड़े एंजाइम, मुंह के बैक्टीरिया और दूसरे हानिकारक कीटाणु भी हो सकते हैं. जो पिंपल्स को ठीक करने के बजाय और इन्फेक्ट कर सकते हैं. ऐसे थूक को पिंपल पर लगाने से स्किन में इन्फेक्शन, सूजन और पिंपल को ठीक होने में देर हो सकती है. इसलिए डॉक्टर्स पिंपल पर थूक लगाने की लगाने की सलाह नहीं देते. पिंपल ठीक करने में थूक का इस्तेमाल न तो सुरक्षित है, न ही पूरी तरह असरदार.
अगर आपको एक्ने की समस्या है तो किसी स्किन स्पेशलिस्ट से मिलें. वो दाने निकलने की मुख्य वजह पता लगाएंगे. फिर उस हिसाब से आपका इलाज होगा. डॉक्टर आपको सैलिसिलिक एसिड, बेंज़ॉयल पेरॉक्साइड, नियासिनमाइड, और रेटिनोइड्स लगाने को दे सकते हैं.

साथ ही, स्किन को हाइड्रेट रखना यानी उसकी नमी बनाए रखना भी ज़रूरी है. इसके लिए डॉक्टर हायलूरॉनिक एसिड दे सकते हैं. ये स्किन को गहराई से हाइड्रेट करता है. यानी नमी देता है.
इसके अलावा, पिंपल्स से निपटने के लिए केमिकल पील, लेज़र थेरेपी या हाइड्रा फेशियल भी किया जा सकता है. केमिकल पील में स्किन पर कुछ ख़ास तरह के केमिकल लगाकर डेड स्किन हटाई जाती है. इससे पिंपल्स कम होते हैं. लेज़र थेरेपी में लेज़र की मदद से पिंपल्स का इलाज होता है. वहीं हाइड्रा फेशियल एक 4-स्टेप ट्रीटमेंट है, जो स्किन को साफ, एक्सफोलिएट और हाइड्रेट करता है. एक्सफोलिएट यानी डेड स्किन हटाना. लेकिन ये सभी ट्रीटमेंट मेडिकल एक्सपर्ट की देखरेख में ही होने चाहिए, क्योंकि हर ट्रीटमेंट हर स्किन टाइप के लिए सेफ नहीं होता. गलत ट्रीटमेंट से स्किन को नुकसान भी पहुंच सकता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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