जब हम अपनी जान से प्यारे बच्चे को खुश देखना चाहते हैं, तो अक्सर क्रीम बिस्किट जैसे मीठे स्नैक्स थमाए जाते हैं. रंग-बिरंगे पैकेट, स्वादिष्ट क्रीमी स्वाद- सब कुछ मासूम लगता है.
क्रीम बिस्किट से बच्चों को खतरे में डाल रहे मां-बाप! रिसर्च में बड़ा खुलासा
Cream Biscuit Impact on Health: ये बिस्किट्स मैदा, आर्टिफिशल फ्लेवर्स, ट्रांस फैट और भरपूर चीनी से बने होते हैं. टेस्ट में भले ही बेस्ट लगते हों. लेकिन इन बिस्किट्स में पाए जाने वाले ये तत्व हमारे-आपके दिल, मेटाबॉलिज्म समेत पूरी सेहत पर बुरा असर डालते हैं.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या वह छोटा पैकेट बच्चे की सेहत को बड़ा नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा?
ट्रांस फैट के छिपे जहरक्रीम बिस्किट्स में ज्यादातर PARTIALLY HYDROGENATED VEGETABLE OIL यानी ट्रांस फैट पाया जाता है, जो दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, और डायबिटीज़ के लिए एक बड़ा जोखिम है.
Harvard T.H. Chan School of Public Health की रिपोर्ट बताती है कि हर अतिरिक्त 2% ट्रांस फैट कैलोरी की वृद्धि माता-पिता को बच्चे की दिल की बीमारी के जोखिम में 23% बढ़ोतरी कर सकती है
बिस्किट में कितना ट्रांस फैट?एक भारतीय अध्ययन के अनुसार, बाजार में बिकने वाले 46 बिस्किट नमूनों में ट्रांस फैट 0.1g से 3.2g प्रति 100g तक पाया गया. यानी, हर 100 ग्राम बिस्किट में कितना खराब वसा मिल सकता है.
WHO की सलाह के तहत, ट्रांस फैट को दिन के कुल कैलोरी का केवल 1% (≈2.2 ग्राम) तक सीमित रखना चाहिए.

ये बिस्किट्स साफ तौर पर Ultra-Processed Foods की श्रेणी में आते हैं. इन्हें स्वाद, रंग और शीघ्र उपलब्धता को ध्यान में रखकर बनाया जाता है, लेकिन फाइबर, प्रोटीन या विटामिन नहीं.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, इनका सेवन इंसुलिन रेजिस्टेंस, सूजन और लिवर की समस्याएं पैदा कर सकता है.
ब्लड शुगर रश से थकावट तक का चक्रमैदा और चीनी जल्दी पचते हैं, जिससे शुगर स्पाइक होती है. थोड़ी ऊर्जा मिलती है, लेकिन फिर अचानक थकन, चिड़चिड़ापन और फिर भूख का चक्र शुरू हो जाता है.
लंबे समय तक इस्तेमाल से प्रीडायबिटीज, मोटापा और हार्ट डिज़ीज़ का जोखिम बनता है.
स्वास्थ्य पर प्रभावसमस्या | डेटा/प्रभाव |
दिल की बीमारी | WHO के अनुसार ट्रांस फैट की अधिकता से कार्डियोवेस्कुलर मृत्यु में 28% बढ़ोतरी होती है |
कोरोनरी ह्रदय रोग | हर अतिरिक्त 2% ट्रांस फैट से कोविड-2 जोखिम लगभग 23% तक बढ़ जाता है |
ग्लोबल मृत्यु दर | WHO के अनुसार, हर साल 500,000 से अधिक लोग इस फ़ैट की वजह से कार्डियोवेस्कुलर मौतों का शिकार होते हैं |
कभी-कभार ट्रीट देना ठीक है, लेकिन जब प्यार के नाम पर रोज़ाना ट्रांस फैट का सेवन बच्ची की मौलिक सेहत को कमजोर करने लगे, तो हमें सोचना चाहिए.
दूसरे ऑपशन क्या हैं?अक्सर कहा जाता है कि लिमिट में कुछ भी लिया जाए तो उसका नुकसान नहीं है. यह बात क्रीम बिस्किट्स के लवर पर भी लागू होती है यानी अगर आप कभी-कभार खाते हैं तो यह दिक्कत की बात नहीं है. लेकिन लगातार इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. अगर मीठे की तलब है तो ये ऑपशन अपना सकते हैं,
- होल ग्रेन क्रैकर्स पर पीनट बटर
- डार्क चॉकलेट
- दही के साथ ताजे फल
- घर पर बने ग्रेनोला बाइट्स
तो अगली बार जब आप अपने बच्चे को प्यार से क्रीम बिस्किट देने जा रहे हों तो सोचिएगा कि क्या वह मिठास के साथ स्वस्थ भविष्य भी दे रहा है? आखिरकार आपका पोषण वाला प्यार ही बच्चे के चेहरे पर असली मुस्कान लाता है.
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