मणिपुर में लंबे समय से चले आ रहे जातीय तनाव को कम करने की दिशा में केंद्र सरकार, मणिपुर सरकार और कुकी-जो समूहों के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है. इसके तहत नेशनल हाईवे (NH-2) को यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं (Kukis agree to reopen National Highway-2) की आवाजाही के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है. ये हाईवे मणिपुर को नागालैंड और पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ता है. इस समझौते को मणिपुर में शांति और स्थिरता बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
पीएम मोदी के मणिपुर दौरे से पहले बड़ा समझौता, कुकी NH-2 को खोलने पर राजी हुए
गृह मंत्रालय की इस घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कि KZC ने एक स्पष्टीकरण जारी किया. काउंसिल ने इस संबंध में लोगों से सहयोग की अपील को, और कहा कि इससे बफर जोन में किसी भी तरह की आवाजाही के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने कुकी समुदाय के समूह के साथ नए सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाने की घोषणा की. जिसके तहत वो मैतेई क्षेत्रों के पास से अपने कैंपों को हटाएंगे. कुकी-जो काउंसिल (KZC) ने केंद्र सरकार के साथ कई दौर की वार्ताओं के बाद ये फैसला लिया. गृह मंत्रालय ने 4 सितंबर को अपने बयान में कहा,
"कुकी-जो काउंसिल (KZC) ने आज NH-2 को यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही के लिए खोलने का निर्णय लिया है. ये निर्णय पिछले कुछ दिनों में नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के अधिकारियों और KZC के एक प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई कई बैठकों के बाद लिया गया है. KZC ने NH-2 पर शांति बनाए रखने के लिए तैनात सुरक्षाबलों के साथ सहयोग करने की बात कही है."
हालांकि, गृह मंत्रालय की इस घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कि KZC ने एक स्पष्टीकरण जारी किया. जिसमें बताया गया कि ये केंद्र सरकार के साथ उसकी एक सहमति है. काउंसिल ने इस संबंध में लोगों से सहयोग की अपील को, और कहा कि इससे बफर जोन में किसी भी तरह की आवाजाही के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए.
बता दें कि बफर जोन वो इलाका है जो मैतेई आबादी और कुकी जो के इलाकों के बीच का क्षेत्र है. जहां शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों की भारी तैनाती होती है. KZC ने एक बयान में कहा,
"हम स्पष्ट रूप से दोहराते हैं कि इम्फाल-दीमापुर NH-2 को कभी भी बंद नहीं किया गया. NH-2 यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं के आने-जाने के लिए लगातार खुला रहा है. इसलिए, इसे 'दोबारा खोलने' का सवाल ही नहीं उठता... हमारी अपील विशेष रूप से कांगपोकपी जिले से गुजरने वाले NH-2 के सेक्शन तक ही सीमित थी. इसे बफर जोन में किसी भी तरह की आवाजाही के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए."
KZC ने ये भी स्पष्ट किया कि लोगों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. काउंसिल ने कहा,
"नेशनल हाईवे पर आने-जाने लोगों के लिए सुरक्षा की गारंटी देना न तो कांगपोकपी की स्थानीय जनता का और न ही KZC का कर्तव्य है."
मणिपुर में मई 2023 में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच शुरू हुई हिंसा में 258 से अधिक लोग मारे गए हैं. इस हिंसा ने राज्य में गंभीर मानवीय संकट पैदा किया. NH-2 का बंद होना मणिपुर के लिए एक बड़ी समस्या थी, क्योंकि ये आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है. इस समझौते को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित मणिपुर यात्रा से पहले एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.
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