इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंतराव अस्पताल (MYH) में चूहों के काटने के बाद हुई दो बच्चों की मौत से विवाद खड़ा हो गया है. आरोप है कि दोनों बच्चों की मौत का कारण चूहों का काटना ही है. जबकि डॉक्टरों ने इस बात से इनकार किया है. उनका कहना है कि इन बच्चों को दूसरी तरह की समस्याएं थीं, जिससे उनकी मौत हो गई. मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की भी प्रतिक्रिया आई है.
MP के अस्पताल में चूहों के काटने के बाद एक और बच्चे की मौत, राहुल गांधी बोले- 'ये हत्या है'
Rahul Gandhi ने तो इसे हत्या करार दिया है. MP CM Mohan Yadav ने कहा कि लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे.


एक बच्ची की मौत बुधवार, 3 सितंबर को हो गई. इस घटना में पोस्टमॉर्टम न करने के फैसले पर सवाल उठे. वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि परिवार वालों की इच्छा के मुताबिक, उन्हें शव बिना पोस्टमॉर्टम के ही सौंप दिया गया. इससे पहले मंगलवार, 2 सितंबर को अस्पताल में चूहे के काटने के बाद एक और नवजात की मौत हो गई थी. अस्पताल के अंदर के कई कथित वीडियो भी वायरल हुए, जिनमें चूहे इधर-उधर भागते दिखे.
हालांकि, अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने कहा कि बच्चों की मौत जन्मजात समस्याओं के चलते हुई है, चूहे के काटने से नहीं. उन्होंने बताया कि जिस बच्चे की मौत 2 सितंबर को हुई, उसका पोस्टमार्टम किया गया. जिसकी रिपोर्ट में दिल की कई वेसल्स में समस्या, खून में प्लेटलेट्स की कमी और सेप्टीसीमिया का पता चला.
बच्चों की मौत के बाद कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि ये कोई दुर्घटना नहीं, सीधी-सीधी हत्या है. उन्होंने X पर लिखा,
एक मां की गोद से उसका बच्चा छिन गया. सिर्फ इसलिए, क्योंकि सरकार ने अपनी सबसे बुनियादी जिम्मेदारी नहीं निभाई. हेल्थ सेक्टर को जानबूझकर प्राइवेट हाथों में सौंपा गया, जहां इलाज अब सिर्फ अमीरों के लिए रह गया है. गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल अब जीवनदायी नहीं, मौत के अड्डे बन चुके हैं.
राहुल ने आगे लिखा कि प्रशासन हर बार की तरह कहता है- ‘जांच होगी.’ लेकिन सवाल ये है- ‘जब आप नवजात बच्चों की सुरक्षा तक नहीं कर सकते, तो सरकार चलाने का क्या हक है?’ कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा,
PM मोदी और MP के मुख्यमंत्री को शर्म से सिर झुका लेना चाहिए. आपकी सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों से स्वास्थ्य का अधिकार छीन लिया है. अब मां की गोद से बच्चे तक छिनने लगा है.

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वहीं, घटना को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रिपोर्टर्स के साथ बातचीत में कहा,
हमारी सरकार किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी. मैंने कलेक्टर को निर्देश जारी कर दिए हैं और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को सूचित कर दिया है. मैंने स्वास्थ्य मंत्री से भी कार्रवाई करने को कहा है.
इधर राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, आयोग ने अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखकर एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है. बाल चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रजेश लाहोटी को ‘काम में लापरवाही’ के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. वहीं, कई अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया है. इसके अलावा, अस्पताल में सफाई व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार निजी एजेंसी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. उसे सेवा समाप्ति का भी नोटिस दे दिया गया है.
वीडियो: इंदौर के अस्पताल में घटी शर्मनाक घटना, चूहों ने दो नवजात बच्चों को कुतर दिया