कर्नाटक के शिवमोगा सेंट्रल जेल में एक कैदी के पेट से मोबाइल मिला है. गांजा तस्करी के आरोप में सजा काट रहे इस कैदी ने मोबाइल निगल लिया था. इसके कुछ दिनों बाद उसने पुलिस अधिकारियों से पेट में दर्द की शिकायत की. ऐसे में उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद मोबाइल को उसके पेट से निकाल लिया है.
कैदी ने कहा 'पत्थर का टुकड़ा' निगल लिया, पेट दर्द है, सर्जरी हुई तो अंदर से निकला 'मोबाइल फोन'
कैदी ने पहले कहा कि 'पत्थर का टुकड़ा' निगल लेने की वजह से उसे पेट में दर्द हो रहा है. अस्पताल जाने पर कहानी कुछ और ही निकली.

कैदी की पहचान 30 साल के दौलत उर्फ गुंडू के रूप में हुई है. इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, जांच में पता चला कि पुलिस की छापेमारी के दौरान कैदी ने फ़ोन को छिपाने की कोशिश में उसे निगल लिया था. इस बात को लेकर जांच की जा रही है कि कड़ी निगरानी के बावजूद जेल के अंदर मोबाइल फ़ोन कैसे पहुंच रहे हैं.
पूरा मामला क्या है?कैदी दौलत ने 24 जून को जेल कर्मचारियों से संपर्क किया. उन्हें बताया कि ‘पत्थर का एक टुकड़ा निगलने के बाद’ उसे पेट में दर्द हो रहा है. कर्मचारी उसे मैकगैन अस्पताल ले गए. एक्स-रे करने पर, डॉक्टरों ने उसके पेट में एक बाहरी वस्तु देखी. ऐसे में डॉक्टरों ने सर्जरी की सलाह दी.
दो दिन बाद यानी 26 जून को जब उसकी सर्जरी हुई, तो डॉक्टरों को उसके पेट में एक केचाओडा ब्रांड का मोबाइल मिला. डॉक्टरों ने फोन को उसके पेट से निकाला और 8 जुलाई को उसे जेल अधिकारियों को सौंप दिया.
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इस घटना के बाद सुरक्षा में चूक को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं. ये भी शक जताया जा रहा है कि कुछ जेल कर्मचारियों ने इस तस्करी में मदद की होगी. इससे शिवमोगा सेंट्रल जेल में सुरक्षा व्यवस्था और आंतरिक मिलीभगत को लेकर भी बातें की जा रही हैं. जिसके बाद, 9 जून को जेल के चीफ सुप्रीटेंडेंट पी रंगनाथ ने तुंगा नगर पुलिस में कैदी दौलत के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने दौलत के ख़िलाफ़ 'जेल के अंदर प्रतिबंधित वस्तु ले जाने' के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है.
द हिंदू की ख़बर के मुताबिक़, जून 2024 में दौलत को शिवमोगा ज़िला अदालत ने ड्रग तस्करी के एक मामले में दोषी ठहराया था. उसे 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी.
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