The Lallantop

41 साल बाद शुभांशु ने भी अंतरिक्ष से दोहराई वही बात- 'भारत सारे जहां से अच्छा...'

Shubhanshu Shukla का Axiom-4 मिशन पूरा हो रहा है. इस दौरान उन्होंने साइंस एक्सपेरिमेंट, तकनीकी प्रदर्शनों और एजुकेशन आउटरीच जैसे कामों के बारे में अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने इस यात्रा को जिंदगी का एक अनमोल अनुभव बताया है.

Advertisement
post-main-image
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को ISS से वापसी की उड़ान भरेंगे. (ISRO/Google)

"अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है?" 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यह सवाल अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय कैप्टन राकेश शर्मा से किया था. जवाब में राकेश शर्मा ने कहा था, "सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा." 41 साल पहले राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से भारत के बारे जो कहा था भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने भी आज वही दोहराया. शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपना अंतिम संदेश दिया.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

शुभांशु शुक्ला ने हिंदी में बात करते हुए कहा कि भारत अभी भी सारे से जहां से अच्छा दिखता है. रविवार, 13 जुलाई को उन्होंने अपने आखिरी संदेश में कहा,

"कमाल की यात्रा रही है ये मेरी. लेकिन अब जैसे मेरी ये यात्रा खत्म होने वाली है. आपकी और मेरी यात्रा अभी बहुत लंबी है. हमारी ह्यूमन स्पेस की जो यात्रा है, वो बहुत लंबी है, और कठिन भी है. लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अगर हम निश्चय कर लें, तो तारे भी हासिल किए जा सकते हैं."

Advertisement

उन्होंने आगे कहा,

"41 साल पहले कोई भारतीय अंतरिक्ष में गए थे. उन्होंने हमें बताया था कि ऊपर से भारत कैसा दिखता है. कहीं ना कहीं मुझे लगता है कि सब ये जानना चाहते हैं कि आज भारत कैसा दिखता है. मैं आपको बताता हूं. आज का भारत स्पेस से महत्वकांशी दिखता है. आज का भारत निडर दिखता है. आज का भारत कॉन्फिडेंट दिखता है. आज का भारत गर्व से पूर्ण दिखता है. इन्हीं सब कारणों की वजह से मैं एक बार फिर से कह सकता हूं कि आज का भारत अभी भी सारे से जहां से अच्छा दिखता है. जल्द ही धरती पर मुलाकात करते हैं. धन्यवाद."

शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन पूरा हो रहा है. इस दौरान उन्होंने साइंस एक्सपेरिमेंट, तकनीकी प्रदर्शनों और एजुकेशन आउटरीच जैसे कामों के बारे में अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने इस यात्रा को जिंदगी का एक अनमोल अनुभव बताया, जिसे उन्होंने अपने साथियों के साथ बिताया.

Advertisement

उन्होंने यह भी कहा कि मैंने जो भी अनुभव किए हैं, वो मुझे बहुत कुछ सिखाते हैं, लेकिन सबसे बड़ी सीख यह है कि जब हम सब एक साथ मिलकर किसी लक्ष्य को पाने के लिए जुटते हैं, तो हम अनगिनत उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं.

इस बीच, Axiom-4 मिशन के अन्य सदस्य, मिशन कमांडर पेगी व्हिटसन, मिशन स्पेशलिस्ट तिबोर कापू और स्लावोस्ज उजनांस्की ने भी अपने-अपने देशों को मैसेज दिए और पूरी टीम के सहयोग का धन्यवाद किया. अब यह मिशन 14 जुलाई को ISS से रवाना होकर 15 जुलाई को अमेरिका में कैलिफोर्निया के तट पर लैंड करेगा.

वीडियो: एयर इंडिया क्रैश की जांच रिपोर्ट पर क्या बोले नागरिक उड्डयन मंत्री?

Advertisement