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MP में करणी सेना पर लाठीचार्ज, प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस, पानी की बौछार छोड़ी, क्या है पूरा मामला?

पूरा मामला ठगी से जुड़ा है. करणी सेना के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने ठगी के एक आरोपी से ढाई लाख रुपये लेकर उसे बचा रही है.

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करणी सेना के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

मध्यप्रदेश के हरदा जिले में करणी सेना के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव ने बड़ा रूप ले लिया है. 13 जुलाई को धरने पर करणी सेना के लोगों को हटाने के लिए पुलिस ने दोबारा बल प्रयोग किया. वाटर कैनन से पानी की बौछारें छोड़ी गईं. इसके बाद आंसू गैस के गोले दागे गए. पुलिस ने करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर समेत 59 लोगों गिरफ्तार किया है. सुरक्षा को देखते हुए जिले में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.  

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एक दिन पहले करणी सेना के जिला अध्यक्ष समेत कई कार्यकर्ता थाने पहुंचे थे. इस दौरान ठगी के एक पुराने मामले में पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट होकर धरने पर बैठ थे. तभी पुलिस ने बल प्रयोग करते जिला अध्यक्ष समेत चार कार्यकर्ताओ को गिरफ्तार किया था. 

इंडिया टुडे से जुड़े लोमेश कुमार गौर की रिपोर्ट के मुताबिक घटना की शुरुआता शनिवार, 12 जुलाई को शुरू हुई. जहां पर करणी सेना के जिला अध्यक्ष सुनील सिंह ठगी के मामले को लेकर थाने में धरना दे रहे थे. उसका आरोप था कि पुलिस आरोपी से ढाई लाख रुपये लेकर उसे बचा रही है. उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया था. इसके बाद सुनील राजपूत, आशीष राजपूत, शुभम और रोहित को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.

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इसकी जानकारी लगते ही करणी सेना के लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. वे सड़क जाम करके हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे. करणी सेना के कार्यकर्ता राजेंद्र राणा ने बात करते हुए कहा कि,

“हमारे भाई सुनील सिंह राजपूत न्याय की मांग कर रहे थे. तभी पुलिसकर्मियों ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. उनके साथ गए निर्दोष साथियों को जबरन जेल भेजा गया. उन्हें तुरंत रिहा किया जाए और जिन पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज किया. उन्हें सस्पेंड किया जाए.”

हरदा के ASP आर. डी. प्रजापति ने बताया कि मामला ठगी यानी धारा 420 का था. इसमें एक हीरा खरीदने-बेचने को लेकर विवाद था. शिकायत पर पुलिस ने जांच की. आरोपी के खिलाफ चालान तैयार किया और उसे कोर्ट में पेश भी कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग थाने के बाहर इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने लगे. उनका आरोप था कि पुलिस ने मामले में भेदभाव किया है.

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उन्होंने आगे कहा कि ये लोग थाने के सामने हंगामा और पुलिस से झड़प कर रहे थे. प्रदर्शनकारी धमकी दे रहे थे कि आरोपी को मार डालेंगे. हालात को देखते हुए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. मामले में आगे की जांच की जा रही है.

क्या था मामला?

मामला सात महीने पहले का है. आशीष राजपूत नामक एक व्यक्ति ने पंडित की सलाह पर हीरा खरीदा. हीरा मोहित वर्मा नाम के व्यक्ति से 18 लाख में खरीदा गया. कुछ दिन बाद मोहित ने आशीष को फोन करके हीरे की कीमत बढ़ने की बात कही. पीड़ित आशीष इंदौर गया, जहां पर मोहित ने उसे विक्की लोधी और उमेश तपानिया से मिलवाया. इसके बाद आशीष को इंदौर से मुंबई लेकर गए, जहां कथित तौर पर हीरा चेक कराने के नाम पर नकली हीरा थमा दिया गया. इसके बाद पीड़ित ने तीनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

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