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कानपुर: छात्र गर्मी से तप रहे थे, कूलर लगाया तो यूनिवर्सिटी ने 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया

हाल में यूनिवर्सिटी के डायरेक्टरेट ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर (DSW) मुनीश कुमार ने छात्रों के हॉस्टल का विजिट किया. इस दौरान उन्होंने देखा कि कई छात्रों ने हॉस्टल में कूलर लगाया हुआ है. जांच में पाया गया कि किसी भी छात्र ने कूलर लगाने की परमिशन नहीं ली थी.

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बाई ओर छात्रों के कमरों में कूलर की फोटो वहीं दाई ओर हॉस्टल की खराब हालत की तस्वीर. (क्रेडिट - इंडिया टुडे)

उत्तर प्रदेश के कानपुर में हॉस्टल के कुछ छात्रों को गर्मी से बचने के लिए कूलर लगाना भारी पड़ गया. दावा है कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन नेे इन छात्रों पर भारी जुर्माना ठोक दिया है. इसके पीछे यूनिवर्सिटी प्रशासन की दलील है कि छात्रों ने बिना परमिशन के कूलर लगाया था, इसलिए नौ पर 10-10 हजार रुपये का फाइन लगाया गया है. वहीं छात्रों का कहना है कि वे फाइन नहीं भर सकते. उन्होंने हॉस्टल के बदहाल होने का भी दावा किया है.

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मामला कानपुर की चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नॉलाजी का है. इंडिया टुडे से जुड़े सिमर चावला की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल में यूनिवर्सिटी के डायरेक्टरेट ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर (DSW) मुनीश कुमार ने छात्रों के हॉस्टल का विजिट किया. इस दौरान उन्होंने देखा कि कई छात्रों ने हॉस्टल में कूलर लगाया हुआ है. जांच में पाया गया कि किसी भी छात्र ने कूलर लगाने की परमिशन नही ली थी.

इसके बाद DSW ने सख्त कार्रवाई करते हुए सभी छात्रों पर फाइन लगा दिया. यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने बयान में बताया कि हॉस्टल में कूलर लगाने के नियम पहले से तय किए जा चुके हैं. कूलर लगाने से पहले छात्रों को पांच हजार रुपये जमा कर परमिशन लेनी होती है. ये राशि 1 मार्च से 15 नवंबर तक मान्य होती है. हालांकि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने 21 जून तक फाइन जमा करने पर आधा फाइन माने पांच हजार रुपये ही जमा करने की राशि तय की थी.

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यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से लगाए गए फाइन का नोटिस.

DSW ने बताया, “इन छात्रों ने कूलर लगाने से पहले न तो उसकी तय राशि जमा की और न ही इसकी परमिशन ली. इससे हॉस्टल की इलेक्ट्रिसिटी पर अतिरिक्त दबाव पड़ा.”. उन्होंने आगे कहा, “बिजली काफी महंगी हो गई है, ऐसे में 14-15 छात्र अगर कूलर चलाएंगे तो बिजली का बिल बहुत आएगा.”

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हॉस्टल के नियमों को बताता बोर्ड.

हॉस्टल में लगे एक बोर्ड पर हीटर यूज करने पर एक हजार रुपये के फाइन की बात लिखी मिलती है. साथ ही अप्रैल से सितंबर के महीने तक छोटे कूलर लगाने पर 2500 रुपये के चार्ज की बात भी लिखी है. 

उधर मीडिया से बात करते हुए हॉस्टल के छात्रों ने बताया कि उनमें से ज्यादातर मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं, लिहाजा उनके लिए फाइन भरना संभव नहीं. इसके अलावा उन्होंने हॉस्टल का हाल दिखाया.

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वीडियो में हॉस्टल की सीढ़ियों की टूटी रेलिंग, टूटे बिजली के बोर्ड,  उखड़ी छत, बॉथरूम में टूटी हुए पाइप और कूड़ा दिख रहे हैं.

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